सोमवार का पंचांग, Somwar Ka Panchang, 6 अक्टूबर 2025 का पंचांग,
आप सभी को शरद पूर्णिमा / कोजागरी पूर्णिमा / रास पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनायें, जय लक्ष्मी माँ
सोमवार का पंचांग, Somwar Ka Panchang, 6 अक्टूबर 2025 का पंचांग, 6 October 2025 ka Panchang,
Panchang, पंचाग, आज का पंचांग, aaj ka panchang, ( Panchang 2025, हिन्दू पंचाग, Hindu Panchang ) पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :-
1:- तिथि (Tithi)
2:- वार (Day)
3:- नक्षत्र (Nakshatra)
4:- योग (Yog)
5:- करण (Karan)
पंचाग (panchang) का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचाग (panchang) का श्रवण करते थे ।
जानिए, सोमवार का पंचांग, Somvar Ka Panchang।
शरद पूर्णिमा के दिन इस देवता की पूजा करने से जीवन से अवरोध दूर होते है, कोर्ट, कचहरी, राज द्वार के कार्यो में श्रेष्ठ सफलता मिलती है ।
सोमवार का पंचांग, Somvar Ka Panchang,
6 अक्टूबर 2025 का पंचांग, 6 October 2025 ka Panchang,
महा मृत्युंजय मंत्र – ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।
- दिन (वार) – सोमवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से पुत्र का अनिष्ट होता है शिवभक्ति को भी हानि पहुँचती है अत: सोमवार को ना तो बाल और ना ही दाढ़ी कटवाएं ।
सोमवार के दिन भगवान शंकर की आराधना, अभिषेक करने से चन्द्रमा मजबूत होता है, काल सर्प दोष दूर होता है।
सोमवार का व्रत रखने से मनचाहा जीवन साथी मिलता है, वैवाहिक जीवन में लम्बा और सुखमय होता है।
जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए हर सोमवार को शिवलिंग पर पंचामृत या मीठा कच्चा दूध एवं काले तिल चढ़ाएं, इससे भगवान महादेव की कृपा बनी रहती है परिवार से रोग दूर रहते है।
सोमवार के दिन शिव पुराण के अचूक मन्त्र “श्री शिवाये नमस्तुभ्यम’ का अधिक से अधिक जाप करने से समस्त कष्ट दूर होते है. निश्चित ही मनवाँछित लाभ मिलता है।
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*विक्रम संवत् 2082,
* शक संवत – 1947,
*कलि संवत 5127
*कलयुग 5126 वर्ष
* अयन – दक्षिणायन,
* ऋतु – शरद ऋतु,
* मास – अश्विन माह,
* पक्ष – शुक्ल पक्ष
*चंद्र बल – वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला, मकर, मीन,
सोमवार को चन्द्रमा की होरा :-
प्रात: 6.04 AM से 7.05 AM तक
दोपहर 01.13 PM से 2.14 PM तक
रात्रि 8.13 PM से 9.14 PM तक
सोमवार को चन्द्रमा की होरा में अधिक से अधिक चन्द्र देव के मन्त्र का जाप करें। यात्रा, प्रेम, प्रसन्नता, कला सम्बन्धी कार्यो के लिए चन्द्रमा की होरा अति उत्तम मानी जाती है।

सोमवार के दिन चन्द्रमा की होरा में चंद्रदेव के मंत्रो का जाप करने से कुंडली में चंद्र देव मजबूत होते है, पूरे दिन शुभ फलो की प्राप्ति होती है ।
चन्द्रमा के मन्त्र
ॐ सों सोमाय नम:।
ॐ श्रीं श्रीं चन्द्रमसे नम: ।

शरद पूर्णिमा के दिन इस उपाय से जीवन भर भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी की मिलेगी असीम कृपा
- तिथि (Tithi) – चतुर्दर्शी दोपहर 12.23 तक तत्पश्चात पूर्णिमा
- तिथि का स्वामी – चतुर्दर्शी तिथि के स्वामी भगवान भोलेनाथ जी और पूर्णिमा तिथि के स्वामी चन्द्र देव जी है ।
- आज शरद पूर्णिमा है, अश्विन माह की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहते है, यह दिन माँ लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय है । मान्यता है इसी दिन माँ लक्ष्मी का अवतरण हुआ था ।
- शरद पूर्णिमा के दिन माँ लक्ष्मी जी की आराधना करने से घोर से घोर आर्थिक संकट भी दूर हो जाते है जीवन में सुख समृद्धि और ऐश्वर्य की वर्षा होने लगती है ।
- पंचांग के अनुसार पूर्णिमा तिथि का प्रारम्भ सोमवार 6 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 24 मिनट पर होगा तथा इसका समापन मंगलवार 7 अक्टूबर को सुबह को 09 बजकर 16 मिनट पर होगा।
- उदया तिथि के अनुसार तो स्नान, दान की पूर्णिमा तिथि मंगलवार 7 अक्टूबर को है लेकिन चूँकि पूर्णिमा के दिन रात्रि में चन्द्रमा का मान होता है इसलिए शरद पूर्णिमा का पर्व सोमवर 6 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन चंद्रोदय शाम को 05 बजकर 08 मिनट पर होगा।
- हिन्दू धर्म ग्रंथो के अनुसार शरद पूर्णिमा की रात्रि में भगवान श्रीकृष्ण ने बंसी बजाकर गोपियों को अपने पास बुलाया था और उनके साथ रास रचाया था इसीलिए शरद पूर्णिमा को ‘रास पूर्णिमा’ या ‘कामुदी महोत्सव’ भी कहा जाता है ।
- शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा भी कहा जाता है। कोजागरा Kojagra का अर्थ है कौन जाग रहा है। मान्यता है कि इस दिन मध्य रात्रि को मां लक्ष्मी अपने वाहन उल्लू पर बैठकर धरती पर आती हैं। और यह देखती हैं कि उनका कौन भक्त रात में जागकर उनकी भक्ति कर रहा है ।
- और जो मनुष्य शरद पूर्णिमा की रात्रि को जागकर माता लक्ष्मी की सच्चे दिल से आराधना करते है उनको जीवन में धन – ऐश्वर्य की कोई कमी नहीं रहती है ।
- लक्ष्मी बीज मंत्र :- “ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः”॥
- श्री महालक्ष्मी मन्त्र : – “ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:”॥
- मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा अपनी पूर्ण सोलह कलाओं के साथ अवतरित होता है, इस दिन चन्द्रमा की किरणों में अमृत का वास माना गया है ।
- इस दिन खीर बनाकर उसे महीन कपड़े से ढककर चन्द्रमा की रौशनी में रखकर उसका भोग माँ लक्ष्मी को लगाने से अतुल ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है ।
- शरद पूर्णिमा के दिन इस देवता की पूजा करने से जीवन से अवरोध दूर होते है, कोर्ट, कचहरी, राज द्वार के कार्यो में श्रेष्ठ सफलता मिलती है ।
- शरद पूर्णिमा के दिन इस फल …….. को भगवान श्री विष्णु जी को चढ़ाने, इस फल की पूजा करने से माँ लक्ष्मी उस घर में अवश्य ही आती है ।
- शरद पूर्णिमा के दिन इस उपाय को करने से आंख की रौशनी तेज होती है ।
- तुलसी विवाह का पुण्य लिखने में देवता भी असमर्थ है, जानिए कैसे होता है तुलसी जी और शालिग्राम जी का विवाह,
शरद पूर्णिमा को रात्रि में इस पेड़ के नीचे दीपक जलाने से माँ लक्ष्मी की मिलती है विशेष कृपा ।
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नक्षत्र (Nakshatra) – उत्तरभाद्रपद 04.01 AM मंगलवार 7 अक्टूबर तक
नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी- उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र के देवता अहिर्बुंधन्य देव, स्वामी शनि देव जी एवं वहीं राशि स्वामी गुरु है ।
उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र 27 नक्षत्रों में 26 वां नक्षत्र है। उत्तर भाद्रपद नक्षत्र वैवाहिक आनंद, सुख समृद्धि और शक्ति का प्रतीक है। उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र प्रकाश की किरण, संसार को खुशियों का आशीर्वाद देता है।
शनि और गुरु में शत्रुता है। और उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र के जातको पर जीवन भर शनि और गुरु दोनों का ही प्रभाव रहता है ।
उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र का आराध्य वृक्ष : नीम तथा इस नक्षत्र का स्वाभाव शुभ माना गया है। उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र सितारे का लिंग पुरुष है।
इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक पर जीवन भर शुक्र एवं राहु ग्रह का प्रभाव बना रहता है।
उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति धार्मिक, कुशल वक्ता, यशस्वी, परोपकारी और धनवान होते है।
उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्तियों को सन्तान पक्ष से सुख की प्राप्ति होती है। इनका पारिवारिक जीवन भी समान्यता सुखमय ही रहता है।
उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति को हनुमान जी की आराधना करनी फलदाई कही गयी है , इनको पीपल की सदैव / विशेषकर शनिवार के दिन तो अवश्य ही सेवा करनी चाहिए ।
उत्तर भाद्रपद नक्षत्र के लिए भाग्यशाली अंक क्या हैं 6 और 8, भाग्यशाली रंग बैगनी तथा भाग्यशाली दिन गुरुवार, मंगलवार और शुक्रवार होता है ।
उत्तर भाद्रपद नक्षत्र में जन्मे जातको को तथा जिस दिन यह नक्षत्र हो उस दिन सभी को इस नक्षत्र देवता के नाममंत्र:- ॐ अहिर्बुंधन्याय नमःl मन्त्र की माला का जाप अवश्य करना चाहिए । ऐसा करने से कार्यो में मनवांछित लाभ की प्राप्ति होती है ।
क्या आप जानते है कि माँ लक्ष्मी का प्राकट्य कब और कैसे हुआ ? उनके माता – पिता, भाई – बहन, पति, संतान और उनकी प्रिय वस्तुओं के बारे में अवश्य जानिए
अगर पश्चिम मुख का है आपका घर तो ऐसा रहना चाहिए आपके घर का वास्तु, जानिए पश्चिम दिशा के अचूक वास्तु टिप्स - योग (Yog) – वृद्धि 13.14 PM तक तत्पश्चात ध्रुव
- योग के स्वामी :- वृद्धि योग के स्वामी सूर्य देव एवं स्वभाव शुभ माना जाता है । ।
- प्रथम करण : – वणिज 12.13 PM तक
- करण के स्वामी, स्वभाव :- वणिज करण की स्वामी लक्ष्मी देवी और स्वभाव सौम्य है ।
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- द्वितीय करण : – विष्टि 22.53 PM मंगलवार 7 अक्टूबर तक तत्पश्चात बव
- करण के स्वामी, स्वभाव :- विष्टि करण के स्वामी यम और स्वभाव क्रूर है ।
- ब्रह्म मुहूर्त : 4.39 AM से 5.28 AM तक
- विजय मुहूर्त : 14.06 PM से 14.53 PM तक
- गोधूलि मुहूर्त : 18.01 PM से 18.26 PM तक
- अमृत काल : 23.40 PM से 01.07 AM मंगलवार 07 अक्टूबर तक
- दिशाशूल (Dishashool)- सोमवार को पूर्व दिशा का दिशा शूल होता है ।
- यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से दर्पण देखकर, दूध पीकर जाएँ ।
- गुलिक काल : – दोपहर 1:30 से 3 बजे तक ।
- राहुकाल (Rahukaal)– सुबह -7:30 से 9:00 तक।
अपनी आकृषण शक्ति, चुम्बकीय शक्ति बढ़ाना चाहते है तो अवश्य ही करें ये उपाय
- * सूर्योदय – प्रातः 06:17
- * सूर्यास्त – सायं 18:01
- विशेष – चतुर्दर्शी, श्राद्ध और व्रत के दिन काँसे के बर्तन में भोजन करना, तिल का तेल का सेवन करना, सहवास करना, क्रोध करना, हिंसा करना निषिद्ध कहा गया है ।
- पर्व त्यौहार- शरद पूर्णिमा
- मुहूर्त (Muhurt) –
“हे आज की तिथि ( तिथि के स्वामी ), आज के वार, आज के नक्षत्र ( नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो “।
आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।
अपने धर्म, अपनी संस्कृति अपने नैतिक मूल्यों के प्रचार, प्रसार के लिए तन – मन – धन से अपना बहुमूल्य सहयोग करें । आप हमें अपनी इच्छा – सामर्थ्य के अनुसार सहयोग राशि 94252 03501 पर Google Pay कर सकते है ।
आप पर ईश्वर की असीम अनुकम्पा की वर्षा होती रहे ।
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