सोमवार का पंचांग, Somwar Ka Panchang, 24 अक्टूबर 2022 का पंचांग,

सोमवार का पंचांग, Somwar Ka Panchang, 24 अक्टूबर 2022 का पंचांग,

आप सभी को नरक चतुर्दशी, दीपावली के महा पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं

सोमवार का पंचांग, Somwar Ka Panchang, 24 अक्टूबर 2022 का पंचांग,

Panchang, पंचाग, आज का पंचांग, aaj ka panchang, ( Panchang 2022, हिन्दू पंचाग, Hindu Panchang ) पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :-


1:- तिथि (Tithi)
2:- वार (Day)
3:- नक्षत्र (Nakshatra)
4:- योग (Yog)
5:- करण (Karan)

पंचाग (panchang) का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचाग (panchang) का श्रवण करते थे ।
जानिए, सोमवार का पंचांग, Somvar Ka Panchang।

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सोमवार का पंचांग, Somvar Ka Panchang,

24 अक्टूबर 2022 का पंचांग, 24 October 2022 ka Panchang,

महा मृत्युंजय मंत्र – ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।

  • दिन (वार) – सोमवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से पुत्र का अनिष्ट होता है शिवभक्ति को भी हानि पहुँचती है अत: सोमवार को ना तो बाल और ना ही दाढ़ी कटवाएं ।

    सोमवार के दिन भगवान शंकर की आराधना, अभिषेक करने से चन्द्रमा मजबूत होता है, काल सर्प दोष दूर होता है।

सोमवार का व्रत रखने से मनचाहा जीवन साथी मिलता है, वैवाहिक जीवन में लम्बा और सुखमय होता है।

जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए हर सोमवार को शिवलिंग पर पंचामृत या मीठा कच्चा दूध एवं काले तिल चढ़ाएं, इससे भगवान महादेव की कृपा बनी रहती है परिवार से रोग दूर रहते है।

सोमवार के दिन शिव पुराण के अचूक मन्त्र “श्री शिवाये नमस्तुभ्यम’ का अधिक से अधिक जाप करने से समस्त कष्ट दूर होते है. निश्चित ही मनवाँछित लाभ मिलता है।

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*विक्रम संवत् 2079,
* शक संवत – 1944,
*कलि संवत 5124
* अयन – दक्षिणायन,
* ऋतु – शरद ऋतु,
* मास – कार्तिक माह,
* पक्ष – कृष्ण पक्ष
*चंद्र बल – मिथुन, सिंह, तुला, वृश्चिक, कुम्भ, मीन।

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  • तिथि (Tithi)- चतुर्दशी 17.27 PM तक तत्पश्चात अमावस्या
  • तिथि का स्वामी – चतुर्दशी तिथि के स्वामी भगवान भोलेनाथ जी और अमावस्या तिथि के स्वामी पितृ देव जी है I 

आज छोटी दीपावली / नरक चतुर्दशी / हनुमान जयंती है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का वध किया था जिसने 16,000 कन्याओं को बंधक बनाकर रखा था, इसलिए दीपावली से एक दिन पूर्व पड़ने वाले इस पर्व को नरक चतुर्दशी के नाम से जाना जाता है।

ब्रह्म पुराणमें लिखा की जो मनुष्य वर्ष में इस दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान करता है वह नरक का भागी नहीं होता है , लेकिन सूर्य उदय होने के बाद स्नान करने वाले व्यक्ति के पिछले एक वर्ष के सभी पुण्यकार्य समाप्त हो जाते है ।

इस दिन स्नान से पहले शरीर पर तिल्ली के तेल से मालिश जरुर करनी चाहिए , इस दिन तिल्ली के तेल में लक्ष्मी जी और जल में गंगा जी का निवास माना गया है।

स्नान से पहले शरीर में उबटन भी लगाना चाहिए , स्नान से पूर्व वरुण देवता का ध्यान करते हुए जल में हल्दी और कुमकुम डालकर स्नान करना अत्यंत उत्तम माना गया है ।

इस दिन सांयकाल धर्मराज का ध्यान करते हुए घर के मुख्य द्वार के दोनों ओर सरसो के तेल का दीपक जलाएं। ध्‍यान रखे कि दीपक की लौ दक्षिण दिशा की ओर रहे। इससे अकाल मृत्यु, नरक का भी समाप्त होता है

आज माँ काली की आराधना अवश्य करें । ऐसा करने से जीवन से सभी संकट निश्चय ही दूर होते है, भाग्य साथ देने लगता है ।

आज हनुमान जयंती के दिन मंदिर में हनुमान जी को चोला चढ़ाएं, उनको मीठा पान, इत्र, नारियल अर्पित करके उनके दर्शन अवश्य करें । इससे पूरे वर्ष हनुमान जी के दर्शन, उपासना का फल मिलता है।

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आज दीपवाली का महापर्व है। असत्य पर सत्य की विजय का पर्व दीपावली कार्तिक मास की अमावस्या के दिन पूरे भारतवर्ष में बहुत धूम-धाम से मनाया जाता है। इस बार अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण है, ग्रहण काल में कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता है, सूतक लगने के कारण मंदिर के कपाट भी बंद होते है ।

इसीलिए 25 अक्टूबर की जगह आज 24 अक्टूबर को ही दीपावली का पर्व मनाया जा रहा है ।

इस पर्व पर घर कारोबार में सुख-समृद्धि के लिए भगवान गणपति गणेश और लक्ष्मी माँ का पूजन किया जाता हैं। इस दिन गणेश जी कि पूजा से ऋद्धि–सिद्धि एवं माँ लक्ष्मी के पूजन से घर में स्थाई सुख-समृद्धि का वास होता हैं ।

इस दिन रात्रि में जागरण कर माँ लक्ष्मी की पूजा आराधना करने का विशेष महत्व है । मान्यता है इस दिन माँ लक्ष्मी रात में धरती में भ्रमण करती है और जो भक्त रात में जाग कर उनकी भक्ति करते है उनके यहाँ पर स्थाई रूप से निवास करती है ।

इस दिन दीपक की पूजा की जाती है और घर, कारोबार को दीपको को जलाकर उनसे सजाया जाता है। दीपक अंधकार को दूर कर प्रकाश का प्रतीक हैं।

दीपावली के दिन माँ लक्ष्मी की पूजा के समय माँ को सुगन्धित इत्र और केसर जरुर अर्पित करें , अगले दिन से पूरे वर्ष इस केसर का तिलक और इत्र लगाकर काम पर जाने से आर्थिक सफलता मिलती है ।

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नरक चतुर्दशी के दिन ऐसा करने से अंत में नर्क के दर्शन नहीं होते है 

  • नक्षत्र (Nakshatra)- हस्त 14.42 PM तक तत्पश्चात चित्रा
  • नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी-   हस्त नक्षत्र के देवता सुर्य और स्वामी चंद्र देव जी है। 

आकाश मंडल में हस्त नक्षत्र को 13 वां नक्षत्र माना जाता है। यह आकाश में हाथ के पंजे के आकार में फैला सा नज़र आता है जो शक्ति, एकता, ताकत तथा भाग्य का प्रतीक है।

यह नक्षत्र विजय, बुद्दिमता और जीवन जीने की ललक को प्रदर्शित करता है। इस नक्षत्र का आराध्य वृक्ष : चमेली रीठा तथा स्वाभाव शुभ माना गया है।

हस्त नक्षत्र सितारे का लिंग पुरुष है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक पर जीवन भर चंद्र और बुध का प्रभाव बना रहता है।

हस्त नक्षत्र के लिए भाग्यशाली संख्या 2 और 5, भाग्यशाली रंग, गहरा हरा, भाग्यशाली दिन सोमवार, शुक्रवार और बुधवार माना जाता है ।

हस्त नक्षत्र में जन्मे जातको को तथा जिस दिन यह नक्षत्र हो उस दिन सभी को “ॐ सावित्रे नम: “। मन्त्र माला का जाप अवश्य करना चाहिए ।

दिवाली की रात ऐसे करें पूजा घर में पूरे वर्ष सुख – समृद्धि, धन की होगी वर्षा, जानिए दीपावली की पूजा विधि प्राप्त

  अगर पश्चिम मुख का है आपका घर तो ऐसा रहना चाहिए आपके घर का वास्तु, जानिए पश्चिम दिशा के अचूक वास्तु टिप्स 

  • योग(Yog) – वैधृति 14.33 PM तक तत्पश्चात विष्कम्भ
  • योग के स्वामी :- वैधृति योग के स्वामी दिति और स्वभाव हानिकारक है। ।
  • प्रथम करण : – शकुनि 17.27 PM तक
  • करण के स्वामी, स्वभाव :-  शकुनि करण की स्वामी माँ काली और स्वभाव क्रूर है।
  • द्वितीय करण : – चतुष्पाद
  • करण के स्वामी, स्वभाव :- चतुष्पाद करण के स्वामी रूद्र और स्वभाव क्रूर है।
  • गुलिक काल : – दोपहर 1:30 से 3 बजे तक ।
  • विशेष – अमावस्या पर तुलसी के पत्ते या बिल्व पत्र बिलकुल भी नहीं तोडऩा चाहिए। अमावस्या तिथि के दिन शारीरिक सम्बन्ध बनाना मना है। 
  • पर्व त्यौहार- नरक चतुर्दशी, हनुमान जयंती, दीपावली
  • मुहूर्त (Muhurt) –

“हे आज की तिथि ( तिथि के स्वामी ), आज के वार, आज के नक्षत्र ( नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो “।

आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।

अपने धर्म, अपनी संस्कृति अपने नैतिक मूल्यों के प्रचार, प्रसार के लिए तन – मन – धन से अपना बहुमूल्य सहयोग करें । आप हमें अपनी इच्छा – सामर्थ्य के अनुसार सहयोग राशि 6306516037 पर Google Pay कर सकते है ।
आप पर ईश्वर की असीम अनुकम्पा की वर्षा होती रहे ।

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ज्योतिषाचार्य मुक्ति नारायण पाण्डेय 9425203501
( हस्त रेखा, कुंडली, ज्योतिष विशेषज्ञ 07714070168)


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