मंगलवार का पंचांग, Mangalwar Ka Panchang, 24 दिसम्बर 2024 का पंचांग

मंगलवार का पंचांग, Mangalwar Ka Panchang, 24 दिसम्बर 2024 का पंचांग,


मंगलवार का पंचांग, Mangalwar Ka Panchang,

Panchang, पंचाग, ( Panchang 2024, हिन्दू पंचाग, Hindu Panchang ) पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :-


1:- तिथि (Tithi)
2:- वार (Day)
3:- नक्षत्र (Nakshatra)
4:- योग (Yog)
5:- करण (Karan)




पंचाग (panchang) का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचाग (panchang) का श्रवण करते थे ।
जानिए मंगलवार का पंचांग (Mangalvar Ka Panchang)।

शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।
वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।
नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।
योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।
*करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।
इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचांग को देखना, पढ़ना चाहिए ।

आज का पंचांग, Aaj ka Panchangमंगलवार का पंचांग, Mangalvar Ka Panchang,

24 दिसम्बर 2024 का पंचांग, 24 December 2024 ka panchang,

हनुमान जी का मंत्र : हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट् ।

।। आज का दिन मंगलमय हो ।।

*विक्रम संवत् 2081,
*शक संवत – 194
5
*कलि सम्वत 5124
*अयन – 
दक्षिणायन
*ऋतु – शरद
 ऋतु
*मास –
 पौष माह,
*पक्ष – कृष्ण पक्ष
*चंद्र बल – मेष, वृषभ, सिंह, तुला, धनु, मकर,

देव प्रबोधिनी एकादशी के दिन इस उपाय से समस्त मनोकामनाएँ होती है पूर्ण 

मंगलवार को मंगल की होरा :-

प्रात: 7.11 AM से 8.02 AM तक

दोपहर 01.12 PM से 2.04 PM तक

रात्रि 19.47 PM से 8.55 PM तक

मंगलवार को मंगल की होरा में हाथ की निम्न मंगल पर दो बूंद सरसो का तेल लगा कर उसे हल्के हल्के रगड़ते हुए अधिक से अधिक मंगल देव के मन्त्र का जाप करें ।

कृषि, भूमि, भवन, इंजीनियरिंग, खेलो, साहस, आत्मविश्वास

और भाई के लिए मंगल की होरा अति उत्तम मानी जाती है ।

मंगलवार के दिन मंगल की होरा में मंगल देव के मंत्रो का जाप करने से कुंडली में मंगल मजबूत होते है, पूरे दिन शुभ फलो की प्राप्ति होती है ।

दीपावली के दिन इस तरह से करें पूजा, मां लक्ष्मी, गणेश जी की मिलेगी असीम कृपा, अवश्य जानिए दीपावली की आसान पूजन विधि

मंगल देव के मन्त्र

ॐ अं अंगारकाय नम: अथवा

ॐ भौं भौमाय नम:”

जरूर पढ़े :-  करना है शनि देव को प्रसन्न तो शनिवार के दिन अवश्य करें ये उपाय,

तुलसी विवाह का पुण्य लिखने में देवता भी असमर्थ है, जानिए कैसे होता है तुलसी जी और शालिग्राम जी का विवाह,

तिथि :- नवमी 19.52 PM तक तत्पश्चात दशमी तिथि,

तिथि के स्वामी :- नवमी तिथि की स्वामी माँ दुर्गा देवी और दशमी तिथि के स्वामी यमराज जी है ।

नवमी तिथि की स्वामी देवी दुर्गा जी हैं ऎसे में जातक को दुर्गा जी की उपासना अवश्य करनी चाहिए।  

जीवन में यदि कोई संकट है अथवा किसी प्रकार की अड़चनें आने से काम नही हो पा रहा है तो जातक को चाहिए की दुर्गा सप्तशती के पाठ को करे और मां दुर्गा जी को लाल पुष्प अर्पित करके अपने जीवन में आने वाले संकटों को  दूर करने की प्रार्थना करे।

ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।

नवमी तिथि में माँ  दुर्गा के 9  स्वरूपों स्मरण, उनके नमो के उच्चारण से जीवन में शुभ समय आता है   ।

जय माँ शैलपुत्री     2. जय माँ ब्रह्मचारिणी   3. जय माँ चंद्रघंटा   4. जय माँ कुष्मांडा    5. जय माँ स्कंदमाता    6. जय माँ कात्यायनी    7. जय माँ कालरात्रि   8. जय माँ महागौरी    9. जय माँ सिद्धिदात्री ।

 शुक्ल पक्ष की नवमी में भगवान शिव का पूजन करना वर्जित है लेकिन कृष्ण पक्ष की नवमी में शिव का पूजन करना उत्तम माना गया है।  

नवमी तिथि में माँ सिद्धिदात्री की उपासना परम फलदाई मानी जाती है  ।

हिंदू पंचाग की नौवीं तिथि नवमी (navami) कहलाती है। इस तिथि का नाम उग्रा भी है क्योंकि इस तिथि में शुभ कार्य करना वर्जित होता है।

लेकिन जब नवमी तिथि शनिवार के दिन आती है, तो सिद्धिदा योग बनता है, अर्थात इस तिथि में किए गए सभी कार्यो में कार्यसिद्धि की प्राप्ति होती है

किसी भी प्रकार के युद्ध में विजय पाने के लिए ये तिथि अनुकूल मानी गई है।

शास्त्रों के अनुसार किसी भी पक्ष की नवमी तिथि में लौकी और कद्दू नहीं खाना चाहिए।

 तुलसी जी को “विष्णु प्रिया” कहा गया है, तुलसी विवाह के महत्त्व जानने से समस्त पापो का नाश होता है,

अवश्य जानिए, यह भी जानिए :-  पेट के दर्द करना हो छूमंतर तो तुरंत करें ये उपाय ,

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  • नक्षत्र (Nakshatra) – हस्त 12.17 PM तक चित्रा
  • नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी –     हस्त नक्षत्र के स्वामी चंद्र देव जी एवं राशि के स्वामी बुध देव जी है ।

आकाश मंडल में हस्त नक्षत्र को 13 वां नक्षत्र माना जाता है। यह आकाश में हाथ के पंजे के आकार में फैला सा नज़र आता है जो शक्ति, एकता, ताकत तथा भाग्य का प्रतीक है, इसमें सकारात्मक ऊर्जा मानी जाती है ।  

यह नक्षत्र विजय, बुद्दिमता और जीवन जीने की ललक को प्रदर्शित करता है। इस नक्षत्र का आराध्य वृक्ष : चमेली रीठा तथा स्वाभाव शुभ माना गया है।

हस्त नक्षत्र सितारे का लिंग पुरुष है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक पर जीवन भर चंद्र और बुध का प्रभाव बना रहता है।

इस नक्षत्र में जन्मा जातक शांत, दयालु, आकर्षक और वफादार होते हैं। यह एक अवसर तलाशने वाले, बुद्धिमान, मिलनसार, शांत और विनम्र स्वभाव के होते हैं ।

यदि चन्द्र और बुध की जन्म कुंडली में स्थिति खराब हो तो जातक दब्बू, डरपोक, शीघ्र क्रोध करने वाला,अनैतिक कार्यो में लिप्त रहने वाला शराब का लती भी हो सकता है ।

इन नक्षत्र के लोगो का 30 से 42 वर्ष की आयु के बीच का समय सबसे भाग्यशाली होता है।

हस्त नक्षत्र में पैदा हुई स्त्री, आकर्षक, मिलनसार बड़ो का सम्मान करने वाली होती हैं।  किसी के भी अधीन रहना इनको पसंद नहीं होता है, समान्यता इनका पारिवारिक दाम्पत्य जीवन सुखमय होता है ।

हस्त नक्षत्र के लिए भाग्यशाली संख्या 2 और 5,  भाग्यशाली रंग, गहरा हरा, भाग्यशाली दिन  सोमवार, शुक्रवार और बुधवार माना जाता है ।

हस्त नक्षत्र में जन्मे जातको को तथा जिस दिन यह नक्षत्र हो उस दिन सभी को “ॐ सावित्रे नम: “। मन्त्र माला का जाप अवश्य करना चाहिए ।

धनतेरस के दिन यह खरीदने से घर से दरिद्रता का होगा नाश, लक्ष्मी जी का होगा वास, इस लिए धनतेरस पर यह अनिवार्य रूप से खरीदें,

नित्य गणेश जी के परिवार के सदस्यों के नामो का स्मरण, उच्चारण करने से भाग्य चमकता है, शुभ समय आता है

  • योग :- शोभन 20.54 PM तक
  • योग के स्वामी :-  शोभन योग के स्वामी बृहस्पति देव एवं स्वभाव श्रेष्ठ है ।
  • प्रथम करण : – गर 19.52 AM तक
  • करण के स्वामी, स्वभाव :-  गर करण के स्वामी भूमि तथा स्वभाव सौम्य है ।
  • द्वितीय करण : – वणिज पूर्ण रात्रि तक
  • करण के स्वामी, स्वभाव :-      वणिज करण की स्वामी लक्ष्मी देवी और स्वभाव सौम्य है ।
  • गुलिक काल : – दोपहर 12:00 से 01:30 तक है ।
  • दिशाशूल (Dishashool)- मंगलवार को उत्तर दिशा का दिकशूल होता है।

    यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से गुड़ खाकर जाएँ ।
  • राहुकाल (Rahukaal) दिन – 3:00 से 4:30 तक।
  • सूर्योदय – प्रातः 07:08
  • सूर्यास्त – सायं 17:27
  • विशेष –  शास्त्रों के अनुसार किसी भी पक्ष की नवमी तिथि में लौकी और कद्दू का सेवन नहीं करना चाहिए ।
  • पर्व – त्यौहार-

“हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र (नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो “।

आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।

24 दिसम्बर 2024 का पंचांग, 24 December 2024 ka panchang, mangalwar ka panchang, aaj ka panchang, aaj ka rahu kaal, aaj ka shubh panchang,mangalwar ka rahu kaal, mangalwar ka shubh panchang, panchang, tuesday ka panchang, tuesday ka rahu kaal, आज का पंचांग, मंगलवार का पंचांग, आज का राहुकाल, आज का शुभ पंचांग, ट्यूसडे का पंचांग, ट्यूसडे का राहुकाल, पंचांग, मंगलवार का राहु काल, मंगलवार का शुभ पंचांग,

इस बार नवरात्री में माँ दुर्गा अपने इस वाहन पर सवार होकर आएगी और ऐसा रहेगा उसका फल 

ज्योतिषाचार्य मुक्ति नारायण पाण्डेय 9425203501
( हस्त रेखा, कुंडली, ज्योतिष विशेषज्ञ 7587346995)


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धन्यवाद ।

सोमवार का पंचांग, Somwar Ka Panchang, 23 दिसंबर 2024 का पंचांग,

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1:- तिथि (Tithi)
2:- वार (Day)
3:- नक्षत्र (Nakshatra)
4:- योग (Yog)
5:- करण (Karan)

पंचाग (panchang) का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचाग (panchang) का श्रवण करते थे ।
जानिए, सोमवार का पंचांग, Somvar Ka Panchang।

राशिनुसार इन वृक्षों की करें सेवा, चमकने लगेगा भाग्य ,  

सोमवार का पंचांग, Somvar Ka Panchang,

23 दिसंबर 2024 का पंचांग, 23 December 2024 ka Panchang,

महा मृत्युंजय मंत्र – ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।

  • दिन (वार) – सोमवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से पुत्र का अनिष्ट होता है शिवभक्ति को भी हानि पहुँचती है अत: सोमवार को ना तो बाल और ना ही दाढ़ी कटवाएं ।

    सोमवार के दिन भगवान शंकर की आराधना, अभिषेक करने से चन्द्रमा मजबूत होता है, काल सर्प दोष दूर होता है।

सोमवार का व्रत रखने से मनचाहा जीवन साथी मिलता है, वैवाहिक जीवन में लम्बा और सुखमय होता है।

जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए हर सोमवार को शिवलिंग पर पंचामृत या मीठा कच्चा दूध एवं काले तिल चढ़ाएं, इससे भगवान महादेव की कृपा बनी रहती है परिवार से रोग दूर रहते है।

सोमवार के दिन शिव पुराण के अचूक मन्त्र “श्री शिवाये नमस्तुभ्यम’ का अधिक से अधिक जाप करने से समस्त कष्ट दूर होते है. निश्चित ही मनवाँछित लाभ मिलता है।

घर पर कैसा भी हो वास्तु दोष अवश्य करें ये उपाय, जानिए वास्तु दोष निवारण के अचूक उपाय

*विक्रम संवत् 2081,
* शक संवत – 1945,
*कलि संवत 5124
* अयन – दक्षिणायन,
* ऋतु – शरद ऋतु,
* मास – पौष माह,
* पक्ष – कृष्ण पक्ष
*चंद्र बल – मेष, कर्क, कन्या, वृश्चिक धनु, मीन,

सोमवार को चन्द्रमा की होरा :-

प्रात: 7.10 AM से 8.02 AM तक

दोपहर 01.12 PM से 2.03 PM तक

रात्रि 7.46 PM से 8.55 PM तक

सोमवार को चन्द्रमा की होरा में अधिक से अधिक चन्द्र देव के मन्त्र का जाप करें। यात्रा, प्रेम, प्रसन्नता, कला सम्बन्धी कार्यो के लिए चन्द्रमा की होरा अति उत्तम मानी जाती है।

देव प्रबोधिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु जी 4 माह की योग निद्रा से जागते है, इस दिन इस उपाय से समस्त मनोकामनाएँ होती है पूर्ण 

सोमवार के दिन चन्द्रमा की होरा में चंद्रदेव के मंत्रो का जाप करने से कुंडली में चंद्र देव मजबूत होते है, पूरे दिन शुभ फलो की प्राप्ति होती है ।

चन्द्रमा के मन्त्र

ॐ सों सोमाय नम:।

ॐ श्रीं श्रीं चन्द्रमसे नम: ।

अवश्य जानिए :- माँ लक्ष्मी की कृपा चाहिए तो अवश्य करें नित्य श्री सूक्त का जाप, करें श्री सूक्त का जाप हिंदी में सिर्फ 5 मिनट में

  • तिथि (Tithi) – अष्टमी 17.07 PM तक तत्पश्चात नवमी
  • तिथि का स्वामी – अष्टमी तिथि के स्वामी भगवान भोलेनाथ जी और नवमी तिथि की स्वामी माँ दुर्गा देवी है ।
  • अष्टमी तिथि के स्वामी भगवान शिव कहे गए है। अष्टमी तिथि को भगवान शिव की विधि पूर्वक पूजा भोलेनाथ जी प्रसन्न होते है भक्तो को समस्त सिद्धियां प्राप्त होती है। 
  • अष्टमी तिथि को…….
  • श्री शिवाये नमस्तुभ्यंम, एवं
  • ॐ नम: शिवाये मन्त्र का अधिक से अधिक जाप अवश्य करें ।
  •  अष्टमी तिथि को पूजा में शंकर जी को नारियल का भोग अर्पित करें अथवा शिवजी भगवान के लिए बनाए जाने वाले प्रसाद में नारियल का उपयोग करें लेकिन अष्टमी को नारियल का सेवन नहीं करना चाहिए ।
  • अष्टमी तिथि का नाम कलावती कहा गया है। जिस पक्ष में अष्टमी तिथि मंगलवार के दिन पडती है. तो उस दिन यह सिद्धिद्दा योग अर्थात अति शुभ योग बनाती।
  • अष्टमी तिथि जया तिथियों की श्रेणी में आती है मान्यता कि अष्टमी तिथि में किये गए समस्त कार्यो में निसंदेह रूप से सफलता मिलती है ।
  • लेकिन चैत्र महीने के दोनों पक्षों में पड़ने वाली अष्टमी तिथि शून्य कही गई है।
  • अष्टमी तिथि को दुर्गा जी की आराधना भी शुभ मानी गई है । अष्टमी तिथि में जन्मे जातकों को भगवान शिव और मां दुर्गा की पूजा अवश्य करनी चाहिए, ऐसा करने से जातक को निर्भयता आती है, जीवन से सभी संकट दूर होते है ।
  • अष्टमी तिथि में किसी भी प्रकार की ललित कला और विद्याएं सीखना अत्यन्त शुभ माना गया है।
  • अष्टमी तिथि के दौरान भी बहुत से त्यौहार मनाए जाते हैं ।  इस अष्टमी तिथि में अहोई अष्टमी,  गौरी अष्टमी, राधाअष्टमी, शीतला अष्टमी जैसे त्यौहार मनाए जाते हैं ।
  • तुलसी विवाह का पुण्य लिखने में देवता भी असमर्थ है, जानिए कैसे होता है तुलसी जी और शालिग्राम जी का विवाह,

अवश्य पढ़ें :- चाहते है बेदाग, गोरी त्वचा तो तुरंत करें ये उपाय, आप खुद भी आश्चर्य चकित हो जायेंगे, 

नक्षत्र (Nakshatra) – उत्तराफाल्गुनी 9.09 AM तक तत्पश्चात हस्त नक्षत्र

नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी- उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के देवता आर्यमन और स्वामी सूर्य, बुध देव जी है । 

आकाश मंडल में उत्तरा फाल्गुनी को 12 वां नक्षत्र माना जाता है। ‘उत्तरा फाल्गुनी’ का अर्थ है ‘बाद का लाल नक्षत्र’। यह एक बिस्तर या बिस्तर के पिछले दो पाए को दर्शाता है जो आराम और विलासिता के जीवन का प्रतीक है।  

यह नक्षत्र रोमांस, कामुक, ऐश्वर्य, रोमांच और अनैतिक आचरण को प्रदर्शित करता है। इस नक्षत्र काआराध्य वृक्ष : पाकड़ तथा स्वाभाव शुभ माना गया है।

उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र सितारे का लिंग महिला है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक पर जीवन भर सूर्य और बुध का प्रभाव बना रहता है।

इस नक्ष‍त्र में जन्मे व्यक्ति दानी, दयालु, साहसी, विद्वान, चतुर, उग्र स्वभाव, सही निर्णय लेने वाले होते है।  इन्हे पूर्ण संतान, भूमि का सुख मिलता है।

लेकिन यदि सूर्य और बुध की स्थिति जन्म कुंडली में खराब है तो जातक का रुझान गलत कार्यों में रहने लगता है, उसका झुकाव विपरीत लिंगी की तरफ बहुत आसानी से हो जाता है।

उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र में पैदा हुई स्त्री, सरल, शांत लेकिन खुशमिज़ाज़ होती हैं। यह आसानी से सबको प्रभावित कर लेती है ।इनका पारिवारिक दाम्पत्य जीवन सुखमय होता है ।

उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र के लिए भाग्यशाली संख्या 12, भाग्यशाली रंग, चमकदार नीला, भाग्यशाली दिन  बुधवार, शुक्रवार, और रविवार  माना जाता है ।

उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र में जन्मे जातको को तथा जिस दिन यह नक्षत्र हो उस दिन सभी को “ॐ अर्यमणे नम: “। मन्त्र माला का जाप अवश्य करना चाहिए ।

  अगर पश्चिम मुख का है आपका घर तो ऐसा रहना चाहिए आपके घर का वास्तु, जानिए पश्चिम दिशा के अचूक वास्तु टिप्स 
  • योग(Yog) – सौभाग्य 19.55 PM तक तत्पश्चात शोभन
  • योग के स्वामी :-     सौभाग्य योग के स्वामी ब्रह्मा जी एवं स्वभाव श्रेष्ठ माना जाता है ।
  • प्रथम करण : – कौलव 17.07 PM तक
  • करण के स्वामी, स्वभाव :-     कौलव करण के स्वामी मित्र और स्वभाव सौम्य है ।

    अवश्य पढ़ें :- कुंडली में केतु अशुभ हो तो आत्मबल की होती है कमी, भय लगना, बुरे सपने आना, डिप्रेशन का होता है शिकार, केतु के शुभ फलो के लिए करे ये उपाय
  • द्वितीय करण : – तैतिल 06 .30 AM दिसंबर 24 तक,
  • करण के स्वामी, स्वभाव :- तैतिल करण के स्वामी विश्वकर्मा जी और स्वभाव सौम्य है ।
  • गुलिक काल : – दोपहर 1:30 से 3 बजे तक ।
  • विशेष – अष्टमी को नारियल का सेवन नहीं करना चाहिए, अष्टमी को नारियल का सेवन करने से बुध्दि का नाश होता है  । 
  • पर्व त्यौहार-
  • मुहूर्त (Muhurt) –

“हे आज की तिथि ( तिथि के स्वामी ), आज के वार, आज के नक्षत्र ( नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो “।

आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।

अपने धर्म, अपनी संस्कृति अपने नैतिक मूल्यों के प्रचार, प्रसार के लिए तन – मन – धन से अपना बहुमूल्य सहयोग करें । आप हमें अपनी इच्छा – सामर्थ्य के अनुसार सहयोग राशि 9425203501 पर Google Pay कर सकते है ।
आप पर ईश्वर की असीम अनुकम्पा की वर्षा होती रहे ।

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ज्योतिषाचार्य मुक्ति नारायण पाण्डेय 9425203501
( हस्त रेखा, कुंडली, ज्योतिष विशेषज्ञ 7587346995)


दोस्तों यह साईट बिलकुल निशुल्क है। यदि आपको इस साईट से कुछ भी लाभ प्राप्त हुआ हो, आपको इस साईट के कंटेंट पसंद आते हो तो मदद स्वरुप आप इस साईट को प्रति दिन ना केवल खुद ज्यादा से ज्यादा विजिट करे वरन अपने सम्पर्कियों को भी इस साईट के बारे में अवश्य बताएं …..धन्यवाद ।

रविवार का पंचांग, Raviwar Ka Panchag, 22 दिसंबर का पंचांग 2024 का पंचांग,

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22 दिसंबर 2024 का पंचांग22 December 2024 ka Panchang,

अवश्य पढ़ें :-  मनचाही नौकरी चाहते हो, नौकरी मिलने में आती हो परेशानियाँ  तो अवश्य करें ये उपाय 

Panchang, पंचाग, आज का पंचांग, aaj ka panchang, Panchang 2024, हिन्दू पंचाग, Hindu Panchang पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :-


1:- तिथि (Tithi)
2:- वार (Day)
3:- नक्षत्र (Nakshatra)
4:- योग (Yog)
5:- करण (Karan)



पंचाग (panchang) का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचाग (panchang) का श्रवण करते थे । जानिए रविवार का पंचांग, Ravivar Ka Panchang।

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22 दिसंबर 2024 का पंचांग
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जानिए नवरात्री में कन्या पूजन में माता के किन किन स्वरूपों की पूजा की जाती है

इस लक्ष्मी मंदिर में विश्व में सबसे ज्यादा सोना लगा है, जानिए कहाँ और कैसा है माँ लक्ष्मी का यह अद्भुत मंदिर,

भगवान सूर्य जी का मंत्र : ऊँ घृणि सूर्याय नम: ।।
।। आज का दिन अत्यंत मंगलमय हो ।।

👉🏽दिन (वार) रविवार को की गई सूर्य पूजा से व्यक्ति को घर-परिवार और समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। रविवार के दिन उगते हुए सूर्य को देव को एक ताबें के लोटे में जल, चावल, लाल फूल और रोली डालकर अर्ध्य करें।

इस दिन आदित्य ह्रदय स्रोत्र का पाठ करें एवं यथा संभव मीठा भोजन करें। सूर्य को आत्मा का कारक माना गया है, सूर्य देव को जल देने से पितृ कृपा भी मिलती है।

घर पर कैसा भी हो वास्तु दोष अवश्य करें ये उपाय, जानिए वास्तु दोष निवारण के अचूक उपाय

रविवार के दिन भैरव जी के दर्शन, आराधना से समस्त भय और संकट दूर होते है, साहस एवं बल की प्राप्ति होती है । अत: रविवार के दिन मंदिर में भैरव जी के दर्शन अवश्य करें ।

रविवार के दिन भैरव जी के मन्त्र ” ॐ काल भैरवाय नमः “ या ” ॐ श्री भैरवाय नमः “ की एक माला जाप करने से समस्त संकट, भय दूर होते है, रोगो, अकाल मृत्यु से बचाव होता है, मनवांछित लाभ मिलता है।

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आज अमावस्या के दिन इस उपाय से कार्यो से अड़चने होने लगेगी दूर

*विक्रम संवत् 2081,
* शक संवत – 1945,
*कलि संवत 5124
* अयन – दक्षिणायन,
* ऋतु – शरद ऋतु,
* मास – पौष माह
* पक्ष – कृष्ण पक्ष
* चंद्र बल – मिथुन, सिंह, तुला, वृश्चिक, कुम्भ, मीन,

रविवार को सूर्य देव की होरा :-

प्रात: 7.10 AM से 7.01 AM तक

दोपहर 01.11 PM से 02.03 PM तक

रात्रि 19.46 PM से 8.54 PM तक

रविवार को सूर्य की होरा में अधिक से अधिक अनामिका उंगली / रिंग फिंगर पर थोड़ा सा घी लगाकर मसाज करते हुए सूर्य देव के मंत्रो का जाप करें ।

सुख समृद्धि, मान सम्मान, सरकारी कार्यो, नौकरी, साहसिक कार्यो, राजनीती, कोर्ट – कचहरी आदि कार्यो में सफलता के लिए रविवार की होरा अति उत्तम मानी जाती है ।

रविवार के दिन सूर्य देव की होरा में सूर्य देव के मंत्रो का जाप करने से कुंडली में सूर्य ग्रह मजबूत होते है, पूरे दिन शुभ फलो की प्राप्ति होती है ।

भाई दूज के दिन अवश्य पढ़िए यह कथा, रोग, अकाल मृत्यु से होगा बचाव, पूरे वर्ष सुख – सौभाग्य की होगी प्राप्ति

अवश्य जानिए देव दीपावली किस दिन मनाई जाएगी, देव दीपावली क्यों मनाते है 

सूर्य देव के मन्त्र :-

ॐ भास्कराय नमः।।

अथवा

ऊँ घृणि सूर्याय नम: ।।

  • तिथि (Tithi) – सप्तमी 14.31 PM तक तत्पश्चात अष्टमी
  • तिथि के स्वामी :- सप्तमी तिथि के स्वामी सूर्य देव जी और अष्टमी तिथि के स्वामी भगवान भोलेनाथ जी है ।
  • आज रविवारी सप्तमी है। सप्तमी तिथि के स्वामी भगवान सूर्य देव जी है ।  रविवारी सप्तमी के दिन किया गया जप, तप, दान अनंत गुना फलदायी होता है ।
  •  होली, दीवाली ,जन्माष्टमी, और शिवरात्रि के दिन में जप, तप, दान करने का जितना फल मिलता है है उतना ही फल रविवारी सप्तमी के दिन भी मिलता है ।
  • रविवारीय सप्तमी के दिन अधिक से अधिक पूजा – पाठ, जप का अक्षय पुण्य मिलता है, आने वाली पीढ़ियां भी सुख भोगती है  ।  
  • सप्तमी के दिन भगवान सूर्य देव के मन्त्र “ॐ सूर्याय नम:”।। की एक माला का जाप अवश्य ही करें ।
  • रविवारीय सप्तमी के दिन क्रोध बिलकुल भी ना करें, इस दिन सूर्य भगवान का पूजन अवश्य ही करे और मीठा भोजन करें अथवा दोपहर तक नमक ना खाएं ।
  • इस दिन भगवान सूर्य देव को आक का फूल या  पुष्प और गुड़ अर्पित करे ।
  • रविवारी सप्तमी के दिन गुड़ का दान करने से सफलता और परिवारिक सुखो की प्राप्ति होती है ।
  •   सप्तमी तिथि में जन्मा जातक भाग्यशाली, गुणवान, तेजयुक्त होता है उसकी काबिलियत से उसे सभी क्षेत्रो में सम्मान प्राप्त होता  है।
  • सप्तमी का विशेष नाम ‘मित्रपदा’ है।  सप्तमी को काले, नीले वस्त्रो को धारण नहीं करना चाहिए।
  • ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सप्तमी तिथि को मां कालरात्रि की पूजा का भी दिन माना जाता है, जो समस्त संकटों का नाश करने वाली हैं। अत: इस दिन माँ काली की आराधना, स्मरण अवश्य करें ।
  • सप्तमी के दिन माँ काली जी के मन्त्र “ॐ क्रीं काल्यै नमः” का जाप करने से समस्त भय और संकट दूर होते है।  
  •  सप्तमी तिथि के दिन उत्साह से भरे,  शुभ मंगल कार्य करना शुभ माना जाता है।  किसी नए स्थान की यात्रा करना, नए कार्यो को करने के लिए भी यह तिथि शुभ मानी जाती है।  
  • नए वस्त्र एवं गहनों को धारण करना, विवाह, नृत्य- संगीत जैसे काम करना भी इस दिन उत्तम होता है। चूड़ा कर्म, अन्नप्राशन, उपनयन जैसे शुभ संस्कार इस तिथि समय पर किए जाते हैं ।
  • सप्तमी की दिशा वायव्य मानी गयी है ।
  • सप्तमी तिथि को ताड़ के फल का सेवन नहीं करना चाहिए । माना जाता है कि सप्तमी को ताड़ का सेवन करने से रोग बढ़ते है ।

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  • नक्षत्र (Nakshatra) – उत्तरा फाल्गुनी पूर्ण रात्रि तक
  • नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी-        उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के देवता आर्यमन और स्वामी सूर्य, बुध देव जी है। ।  

आकाश मंडल में उत्तरा फाल्गुनी को 12 वां नक्षत्र माना जाता है। ‘उत्तरा फाल्गुनी’ का अर्थ है ‘बाद का लाल नक्षत्र’। यह एक बिस्तर या बिस्तर के पिछले दो पाए को दर्शाता है जो आराम और विलासिता के जीवन का प्रतीक है।  

यह नक्षत्र रोमांस, कामुक, ऐश्वर्य, रोमांच और अनैतिक आचरण को प्रदर्शित करता है। इस नक्षत्र काआराध्य वृक्ष : पाकड़ तथा स्वाभाव शुभ माना गया है।

उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र सितारे का लिंग महिला है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक पर जीवन भर सूर्य और बुध का प्रभाव बना रहता है।

इस नक्ष‍त्र में जन्मे व्यक्ति दानी, दयालु, साहसी, विद्वान, चतुर, उग्र स्वभाव, सही निर्णय लेने वाले होते है।  इन्हे पूर्ण संतान, भूमि का सुख मिलता है।

लेकिन यदि सूर्य और बुध की स्थिति जन्म कुंडली में खराब है तो जातक का रुझान गलत कार्यों में रहने लगता है, उसका झुकाव विपरीत लिंगी की तरफ बहुत आसानी से हो जाता है।

उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र में पैदा हुई स्त्री, सरल, शांत लेकिन खुशमिज़ाज़ होती हैं। यह आसानी से सबको प्रभावित कर लेती है ।इनका पारिवारिक दाम्पत्य जीवन सुखमय होता है ।

उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र के लिए भाग्यशाली संख्या 12, भाग्यशाली रंग, चमकदार नीला, भाग्यशाली दिन  बुधवार, शुक्रवार, और रविवार  माना जाता है ।

उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र में जन्मे जातको को तथा जिस दिन यह नक्षत्र हो उस दिन सभी को “ॐ अर्यमणे नम: “। मन्त्र माला का जाप अवश्य करना चाहिए ।


घर के बैडरूम में अगर है यह दोष तो दाम्पत्य जीवन में आएगी परेशानियाँ, जानिए बैडरूम के वास्तु टिप्स

  • योग (Yog) – आयुष्मान 19.00 PM तक तत्पश्चात सौभाग्य
  • योग के स्वामी :-   आयुष्मान योग के स्वामी चंद्र देव एवं स्वभाव श्रेष्ठ माना जाता है ।
  • प्रथम करण : – बव 14.31 PM तक
  • करण के स्वामी, स्वभाव :- बव करण के स्वामी इंद्र देव और स्वभाव सौम्य है ।
  • द्वितीय करण : – बालव 3.27 AM, 23 दिसंबर तक
  • करण के स्वामी, स्वभाव :- बालव करण के स्वामी ब्रह्म जी और स्वभाव सौम्य है ।
  • गुलिक काल : – अपराह्न – 3:00 से 4:30 तक ।
  • दिशाशूल (Dishashool)- रविवार को पश्चिम दिशा का दिकशूल होता है । यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से पान या घी खाकर जाएँ ।
  • राहुकाल (Rahukaal)-सायं – 4:30 से 6:00 तक ।
  • सूर्योदय – प्रातः 07:10
  • सूर्यास्त – सायं 17:30

    आँखों की रौशनी बढ़ाने, आँखों से चश्मा उतारने के लिए अवश्य करें ये उपाय

  • विशेष – रविवार को बिल्ब के वृक्ष / पौधे की पूजा अवश्य करनी चाहिए इससे समस्त पापो का नाश होता है, पुण्य बढ़ते है।

    रविवार के दिन भगवान सूर्य देव को आक का फूल अर्पण करना किसी भी यज्ञ के फल से कम नहीं है, इससे सूर्य देव की सदैव कृपा बनी रहती है ।

    रविवार को अदरक और मसूर की दाल का सेवन बिलकुल भी नहीं करना चाहिए ।

  • सप्तमी को ताड़ का सेवन नहीं करना चाहिए  । इस दिन ताड़ का सेवन करने से रोग लगते है ।
  • अष्टमी को नारियल का सेवन नहीं करना चाहिए, अष्टमी को नारियल का सेवन करने से बुध्दि का नाश होता है  ।
  • पर्व त्यौहार- रविवारीय सप्तमी
  • मुहूर्त (Muhurt) –

“हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र ( नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो “।

आप का आज का दिन अत्यंत शुभ फलो वाला हो ।

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आप पर ईश्वर का सदैव आशीर्वाद बना रहे ।
आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।

22 दिसंबर 2024 का पंचांग, 22 December 2024 ka panchang, aaj ka panchang, aaj ka rahu kaal, aaj ka shubh panchang, panchang, Ravivar Ka Panchang, ravivar ka rahu kaal, ravivar ka shubh panchang, sunday ka panchang, Sunday ka rahu kaal, आज का पंचांग, आज का राहुकाल, आज का शुभ पंचांग, पंचांग, रविवार का पंचांग, रविवार का राहु काल, रविवार का शुभ पंचांग, संडे का पंचांग, संडे का राहुकाल,

ज्योतिषाचार्य मुक्ति नारायण पाण्डेय 9425203501
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शनिवार का पंचांग, Shaniwar Ka Panchang, 21 दिसंबर 2024 का पंचांग,

शनिवार का पंचांग, Shaniwar Ka Panchang, 21 दिसंबर 2024 का पंचांग,


Shaniwar Ka Panchang, शनिवार का पंचांग, 21 December 2024 ka Panchang,

  • Panchang, पंचाग, ( Panchang 2024, हिन्दू पंचाग, Hindu Panchang ) पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :-


1:- तिथि (Tithi)
2:- वार (Day)
3:- नक्षत्र (Nakshatra)
4:- योग (Yog)
5:- करण (Karan)


पंचाग (panchang) का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचाग (panchang) का श्रवण करते थे ।
जानिए शनिवार का पंचांग, (Shanivar Ka Panchang), आज का पंचांग, aaj ka panchang,।

  • शनिवार का पंचांग, (Shanivar Ka Panchang, )

    21 दिसंबर 
    2024 का पंचांग, 21 December 2024 ka Panchang,
  • दिन (वार) -शनिवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से आयु का नाश होता है । अत: शनिवार को बाल और दाढ़ी दोनों को ही नहीं कटवाना चाहिए।
  • शनिवार के दिन पीपल के नीचे हनुमान चालीसा पड़ने और गायत्री मन्त्र की àएक माला का जाप करने से किसी भी तरह का भय नहीं रहता है, समस्त बिग़डे कार्य भी बनने लगते है ।

* विक्रम संवत् 2081,
* शक संवत – 1946,
* कलि संवत 5126,
* अयन – दक्षिणायन,
* ऋतु – शरद ऋतु,
* मास – 
पौष माह,
* पक्ष – 
कृष्ण पक्ष,
*चंद्र बल – 
मिथुन, सिंह, तुला, वृश्चिक, कुम्भ, मीन,

शनिवार को शनि महाराज की होरा :-

प्रात: 7.09 AM से 8.01 AM तक

दोपहर 01.11 PM से 1.02 PM तक

रात्रि 19.45 PM से 8.54 PM तक

शनिवार को शनि की होरा में अधिक से अधिक शनि देव के मंत्रो का जाप करें । श्रम, तेल, लोहा, नौकरो, जीवन में ऊंचाइयों, त्याग के लिए शनि की होरा अति उत्तम मानी जाती है ।

शनिवार के दिन शनि की होरा में शनि देव देव के मंत्रो का जाप करने से कुंडली में शनि ग्रह मजबूत होते है, पूरे दिन शुभ फलो की प्राप्ति होती है ।

आप जितने भी बड़े ज्ञानी क्यों ना हो शनि देव के इन रहस्यों के बारे में नहीं ही जानते होंगे, अवश्य जाने न्याय के देवता के बारे में खास और रोचक बातें 

शनि देव के मन्त्र :-

ॐ शं शनैश्चराय नमः।

अथवा

ऊँ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्‌। छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्‌।।

  • तिथि (Tithi)- षष्टी 12.21 PM तक तत्पश्चात सप्तमी ।
  • तिथि का स्वामी – षष्टी तिथि के स्वामी भगवान कार्तिकेय जी और सप्तमी तिथि के स्वामी सूर्य देव जी है ।

षष्ठी (छठ) के देवता भगवान भोलेनाथ  और माँ पार्वती  के बड़े पुत्र और देवताओं के सेनापति कार्तिकेय जी है, लेकिन वह पार्वतीजी के गर्भ से नहीं जन्‍मे है ।

दक्षिण भारत में इन्हे भगवान मुरुगन के रूप में पूजा जाता है। यह दक्षिण भारत के  तमिल नाडु राज्य के रक्षक देव भी माने जाते हैं।

भारत के आलावा विश्व के अन्य देशों जैसे श्रीलंका, मलेशिया, सिंगापुर आदि में भी कार्तिकेय जी को इष्ट देव के रूप में स्वीकार किया गया है।

भगवान कुमार कार्तिकेय जी के 6 मुख हैं, कार्तिकेय जी को युवा और बाल्य रूप में ही पूजा जाता है। भगवान कार्तिकेय जी को सदेव युवा रहने का वरदान प्राप्त है ।

भगवान कार्तिकेय जी अवतार रूप मे ब्रम्हचारी माने गए हैँ।  ऋषि जरत्कारू और राजा नहुष के बहनोई हैं और जरत्कारू और इनकी छोटी बहन मनसा देवी के पुत्र महर्षि आस्तिक के मामा ।

  स्कन्द पुराण के अनुसार भगवान कार्तिकेय ने देवताओं और असुरो के संग्राम में देवताओं का नेतृत्व कर राक्षस तारकासुर का संहार किया।

तारकासुर के वध करने के बाद कार्तिकेय जी को देवताओ से सदैव युवा रहने का वरदान प्राप्त हुआ ।  

इस तिथि में कार्तिकेय जी की पूजा करने से मनुष्य श्रेष्ठ मेधावी, रूपवान, दीर्घायु और कीर्ति को बढ़ाने वाला हो जाता है। यह यशप्रदा अर्थात सिद्धि देने वाली तिथि हैं।  

भगवान कार्तिकेय की पूजा करने से भक्तो को बल और साहस की प्राप्ति होती है, विवाद, मुक़दमो में सफलता मिलती है, शत्रु परास्त होते है।

कार्तिकेय गायत्री मंत्र : – ‘ॐ तत्पुरुषाय विद्महे: महा सैन्या धीमहि तन्नो स्कन्दा प्रचोदयात’. यह मंत्र हर प्रकार के दुख एवं कष्टों का नाश करने के लिए प्रभावशाली है ।

षष्टी को नीम का सेवन नहीं करना चाहिए । षष्टी को नीम का सेवन करने से नीच योनि मिलती है ।

मकर संक्रांति के दिन इस दान से खुल जायेगे सफलता के समस्त द्वार, जानिए क्या है मकर संक्रांति का सर्वश्रेष्ठ दान

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नक्षत्र (Nakshatra) –  पूर्वाफाल्गुनी 6.14 AM, 22 दिसंबर तक

नक्षत्र के स्वामी :-          पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के देवता भग (धन व ऐश्वर्य के देवता) और स्वामी शुक्र देव जी है ।

आकाश मंडल में पूर्वा फाल्गुनी को 11वां नक्षत्र माना जाता है। इस नक्षत्र का प्रतीक बिस्तर के सामने के दो पैर हैं जो आराम, अच्छे भाग्य का भी प्रतीक है। 

यह नक्षत्र सुख, धन, कामुक प्रसन्नता, प्रेम और मनोरंजन को दर्शाता हैं। इस नक्षत्र काआराध्य वृक्ष : पलाश तथा स्वाभाव शुभ माना गया है। पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र सितारे का लिंग महिला है।

 इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक पर जीवनभर सूर्य और शुक्र का प्रभाव बना रहता है।

पूर्वा फाल्गुनी में जन्मा जातक सुन्दर, विलासी, स्त्रियों का प्रिय, साहसी, चतुर, वाकपटु, खुले दिल वाला और घूमने फिरने का शौक़ीन होता है, इन्हे स्त्री और धन-सं‍पत्ति का पूर्ण सुख मिलता है।

लेकिन यदि सूर्य और शुक्र शुभ नहीं है तो जातक बहुत कामुक, विलासी, धूर्त, घमंडी, जुए – सट्टे का लती और क्रोधी हो सकता है।

इस नक्षत्र में जन्म लेने वाली स्रियाँ  धार्मिक, दयालु, आकर्षक, मिलनसार, आसानी से दूसरो को  प्रभावित करने वाली, वैसी प्रवर्ति की होती है। यह आसानी से  जीवन में सफलता प्राप्त कर लेती हैं।

पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के लिए भाग्यशाली संख्या 9, भाग्यशाली रंग, चाकलेटी, हल्का भूरा, भाग्यशाली दिन शुक्रवार और रविवार माना जाता है ।

पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में जन्मे जातको को तथा जिस दिन यह नक्षत्र हो उस दिन सभी को “ॐ भगाय नमः”। मन्त्र का जाप अवश्य करना चाहिए ।

संकटो से रक्षा के लिए इस नक्षत्र के जातको को नित्य भगवान शंकर की आराधना करनी चाहिए । पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में जन्मे जातको को नित्य तथा जिस दिन यह नक्षत्र हो उस दिन माँ लक्ष्मी जी की आराधना से कभी भी धन की कमी नहीं होती है ।

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  • योग (Yog) – प्रीति 18.23 PM तत्पश्चात आयुष्मान
  • योग के स्वामी, स्वभाव :-   प्रीति  योग के स्वामी विष्णु एवं स्वभाव श्रेष्ठ माना जाता है ।
  • प्रथम करण : – वणिज 12.21 PM तक
  • करण के स्वामी, स्वभाव :-    वणिज करण की स्वामी लक्ष्मी देवी और स्वभाव सौम्य है ।
  • द्वितीय करण : – विष्टि 1.22 AM, 22 दिसंबर तक,
  • करण के स्वामी, स्वभाव :-   विष्टि करण के स्वामी यम और स्वभाव क्रूर है ।
  • गुलिक काल : – शनिवार को शुभ गुलिक प्रातः 6 से 7:30 बजे तक ।
  • दिशाशूल (Dishashool)- शनिवार को पूर्व दिशा का दिकशूल होता है ।

    यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से अदरक खाकर, घी खाकर जाएँ ।
  • राहुकाल (Rahukaal)-सुबह – 9:00 से 10:30 तक।
  • सूर्योदय – प्रातः 07:10 AM
  • सूर्यास्त – सायं 17:29 PM
  • विशेष – षष्ठी के दिन नीम की पत्ती खाना, दातुन करना या किसी भी तरह से  नीम का सेवन नहीं करना चाहिए । इस दिन नीम का सेवन करने से नीच योनि की प्राप्ति होती है ।

    सप्तमी को ताड़ का सेवन नहीं करना चाहिए  । इस दिन ताड़ का सेवन करने से रोग लगते है । 


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  • पर्व त्यौहार-
  • मुहूर्त (Muhurt) –

“हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र ( नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो “।

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ज्योतिषाचार्य मुक्ति नारायण पाण्डेय 9425203501
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मुक्ति मार्ग पञ्चाङ्ग*===============*आज का पञ्चाङ्ग एवम् राशिफल*=======================*शनिवार, २१ दिसम्बर २०२४*======================

*मुक्ति मार्ग पञ्चाङ्ग*
===============
*आज का पञ्चाङ्ग एवम् राशिफल*
=======================
*शनिवार, २१ दिसम्बर २०२४*
======================
*सूर्योदय:  ०७:४७*
*चन्द्रोदय:  २३:२९*
*चन्द्रास्त:  ११:३६*
*अयन  दक्षिणायन*
*ऋतु: ⛈️ हेमंत*
*शक सम्वत:  १९४६ (क्रोधी)*
*विक्रम सम्वत:  २०८१ (कालयुक्त) पिंगल*
*संवत्सर  क्रोधी* 
*संवत्सर (उत्तर) कालयुक्त*
*युगाब्द (कलि संवत)  ५१२५*
*मास  पौष (महा)*
*पक्ष  कृष्ण*
*तिथि  षष्ठी (१२:२१ से सप्तमी)*
*नक्षत्र  पूर्वाफाल्गुनी (३०:१४ से उत्तरफाल्गुनी)*
*योग  प्रीति (१८:२३ से आयुष्मान)*
*प्रथम करण  वणिज (१२:२१ तक)*
*द्वितीय करण  विष्टि भद्रा (२५:१२ तक)*

*॥गोचर ग्रहा:॥*
============
*सूर्य    धनु*
*चंद्र     सिंह*
*मंगल  कर्क (उदित, पश्चिम, वक्री )*
*बुध    वृश्चिक (उदित, पूर्व, मार्गी)*
*गुरु    वृषभ (उदित, पश्चिम, वक्री)*
*शुक्र   मकर (उदित, पूर्व, मार्गी)*
*शनि   कुम्भ (उदित, पूर्व, मार्ग)*
*राहु    मीन*
*केतु    कन्या*

*शुभाशुभ मुहूर्त विचार*
==================
*अभिजित मुहूर्त  १२:०४ से १२:४७*
*राहुकाल  ०९:४५ से ११:०५* 
*यमगण्ड  १३:४६ से १५:०६*
*दुर्मुहूर्त  ०७:०४ से ०७:४७*
*अमृत काल  २३:११ से २४:५७*
*त्रिपुष्कर योग  ३०:१४ से ३१:०४*
*रवि योग  ०७:०४ से ३०:१४*
*विजय मुहूर्त  १४:१२ से १४:५५*
*गोधूलि मुहूर्त  १७:४४ से १८:११*
*सायाह्न सन्ध्या  १७:४७ से १९:०६२*
*निशिता मुहूर्त  २३:५९ से २४:५२*
*ब्रह्म मुहूर्त  २९:१८ से ३०:११*
*राहुवास  पूर्व*
*होमाहुति  गुरू*
*दिशा शूल  पश्चिम*
*अग्निवास  आकाश (१२:२१ से पाताल)*
*चन्द्रवास  पूर्व*
*शिववास  भोजन में (१२:२१ से श्मशान में)*

*चौघड़िया विचार*
===============
*॥दिन का चौघड़िया॥*
*१ - काल         २ - शुभ*
*३ - रोग           ४ - उद्वेग*
*५ - चर            ६ - लाभ*
*७ - अमृत         ८ - काल*
*॥रात्रि का चौघड़िया॥*
*१ -  लाभ       २ - उद्वेग*
*३ - शुभ         ४- अमृत*
*५- चर            ६- रोग*
*७- काल         ८- लाभ*
*नोट- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।*

*शुभ यात्रा दिशा*
=============
*पश्चिम की ओर यात्रा करें, गुड़ खाकर यात्रा करें*

*तिथि विशेष*
===========
*श्री सूर्य उत्तरायण प्रारंभ, शिशिर ऋतु प्रारंभ*

*आज जन्मे शिशुओं का नामकरण*
========================
*आज ३०:१४ तक जन्मे बच्चों के नाम पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के अनुसार क्रमशः (मो , टी, टा) नामाक्षर से रखना शास्त्र सम्मत है॥*

*उदय-लग्न मुहूर्त*
=============
*धनु - ०६:४३ से ०८:४८*
*मकर - ०८:४८ से १०:३५*
*कुम्भ १०:३५ से १२:०७*
*मीन - १२:०७ से १३:३८*
*मेष - १३:३८ से १५:१८*
*वृषभ - १५:१८ से १७:१६*
*मिथुन - १७:१६ से १९:३०*
*कर्क - १९:३० से २१:४६*
*सिंह - २१:४६ से २३:५८*
*कन्या - २३:५८ से २६:०८+*
*तुला - २६:०८+ से २८:२३+*
*वृश्चिक - २८:२३+ से ३०:३९+*

*पञ्चक रहित मुहूर्त*
================
*शुभ मुहूर्त - ०७:०४ से ०८:४८*
*रज पञ्चक - ०८:४८ से १०:३५*
*शुभ मुहूर्त - १०:३५ से १२:०७*
*चोर पञ्चक - १२:०७ से १२:२१*
*शुभ मुहूर्त - १२:२१ से १३:३८*
*शुभ मुहूर्त - १३:३८ से १५:१८*
*चोर पञ्चक - १५:१८ से १७:१६*
*शुभ मुहूर्त - १७:१६ से १९:३०*
*रोग पञ्चक - १९:३० से २१:४६*
*शुभ मुहूर्त - २१:४६ से २३:५८*
*मृत्यु पञ्चक - २३:५८ से २६:०८+*
*अग्नि पञ्चक - २६:०८+ से २८:२३+*
*शुभ  मुहूर्त - २८:२३+ से ३०:१४+*
*रज पञ्चक - ३०:१४+ से ३०:३९+*
*शुभ मुहूर्त - ३०:३९+ से ३१:०४+*

*आज का सुविचार*
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*भोजन में कोई विष दे दे तो उसका उपचार है लेकिन कोई कान में विष घोल दे तो उसका कोई उपचार नही है*

*आज का राशिफल*
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*मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)*
*आज का दिन आपके लिए कोई बड़ी उपलब्धि  लेकर आएगा। आपके जन समर्थन में इजाफा होगा। जो युवा रोजगार को लेकर परेशान चल रहे हैं, उन्हें कोई अच्छा अवसर हाथ लग सकता है। आपका वैवाहिक जीवन खुशनुमा रहेगा। आपको मानसिक व शारीरिक कामों पर पूरा ध्यान देने की आवश्यकता है। किसी काम को लेकर यदि आप परेशान चल रहे थे, तो वह भी दूर होता दिख रहा है। आपको अपनी सहयोगियों से मन की बात कहने का मौका मिलेगा।*

*वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
*आज का दिन आपके लिए मान सम्मान में वृद्धि लेकर आने वाला है। आपके परिवार में वरिष्ठ सदस्यों में किसी बात को लेकर मनमुटाव चल रहा था, तो वह भी दूर होगा। विद्यार्थी अपने ज्ञान को बढ़ाने की कोशिश करेंगे। लव पार्टनर को लेकर आपके मन में यदि कुछ दूरियां आ गई थी, तो वह भी दूर होंगी। आपको नकारात्मक विचारों से दूर रहने की आवश्यकता है। आपको किसी बात को लेकर टेंशन नहीं लेनी है। स्वास्थ्य संबंधित यदि कोई समस्या चल रही थी, तो वह भी दूर होगी।*

*मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)*
*आज का दिन आपके लिए आध्यात्म कार्यो से जुड़कर नाम कमाने के लिए रहेगा। आपको कोई भी अच्छा मौका अपने हाथ से जाने नहीं देना है और अपने कामों में लापरवाही तो बिल्कुल न करें। आपके धन-धान्य में वृद्धि होगी। किसी सहयोगी से आपको कोई बड़ी डील फाइनल करने का मौका मिलेगा। आप अपने बिजनेस को बाहर विदेशों तक फैलाने की कोशिश में लगे रहेंगे। साझेदारी में किसी काम को करने से पहले आपको थोड़ा सोच विचार करने की आवश्यकता है।*

*कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
*आज का दिन आपके लिए खुशनुमा रहने वाला है। आपकी सोच समझ से सभी काम पूरे होंगे। परिवार में किसी शुभ व मांगलिक कार्यक्रम का आयोजन हो सकता है। आपको दिखावें के चक्कर में आने से बचना होगा। संतान को किसी पुरस्कार के मिलने से माहौल खुशनुमा रहेगा। आपको अपनी जिम्मेदारियों पर पूरा ध्यान देने की आवश्यकता है और कार्यक्षेत्र में आप किसी की कहानी सुनी बातों पर भरोसा न करें। संपत्ति को लेकर भाइयों में मनमुटाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती हैं।*

*सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
*आज का दिन आपके लिए मिलाजुला रहने वाला है। किसी खास व्यक्ति से मुलाकात होगी। सामाजिक क्षेत्रों में कार्यरत लोगों को अपने कामों पर पूरा ध्यान देना होगा। कामों में व्यस्त रहने के कारण आपको कुछ समस्याएं हो सकती हैं। बिजनेस में यदि आपको किसी डील को फाइनल करने में समस्या आ रही थी, तो वह दूर होगी। आपका मन इधर-उधर के कामों में ज्यादा लगेगा। आपको किसी की कोई बात बुरी लग सकती है, लेकिन फिर भी आप उनसे कुछ नहीं कहेंगे।*

*कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
*आज का दिन आपके लिए ऊर्जावान रहने वाला है। आप अपने दैनिक खर्चों पर पूरा ध्यान दें और आपको यदि किसी काम को लेकर कोई उलझन थी, तो उसे भी दूर करने की कोशिश करें। आप किसी नई प्रॉपर्टी या वाहन की खरीदारी करने की योजना बना सकते हैं, जो आपके लिए अच्छी रहेगी। यदि आपने किसी से धन का लेनदेन किया, तो इससे आपके आपसी रिश्ते खराब हो सकते हैं। संतान आपकी उम्मीदों पर खरी उतरेगी।*

*तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
*आज का दिन आपके लिए तनावग्रस्त रहने वाला है। आपको अपनी दैनिक गतिविधियों पर पूरा ध्यान देना होगा। किसी सरकारी योजना में आप इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं, जो आपके लिए अच्छी रहेगी। परिवार में बुजुर्गों का आशीर्वाद आप पर बना रहेगा। किसी प्रॉपर्टी संबंधित मामले में आपको कानून का दरवाजा बजाना पड़ सकता है। आपकी किसी पुरानी गलती से पर्दा उठ सकता है। जीवनसाथी भी आपसे नाराज रहेंगे। पारिवारिक सदस्यों में समस्याएं बढ़ेंगी।*

*वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
*आज का दिन आपके लिए बिजनेस में चल रही समस्याओं से छुटकारा दिलाने वाला रहेगा। लेनदेन से संबंधित मामलों में आपको किसी पर भरोसा करने से बचना होगा। आपके अंदर एक नई ऊर्जा विराजमान रहेगी। आपके घर किसी अतिथि का आगमन होने से माहौल खुशनुमा रहेगा। अविवाहित जातकों के लिए कोई उत्तम विवाह के प्रस्ताव आ सकते हैं। आपकी दीर्घकालीन योजनाओं को गति मिलेगी। सरकारी योजनाओं का आपको पूरा लाभ मिलेगा।*

*धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)*
*आज का दिन आपके लिए मिलाजुला रहने वाला है, जो युवा रोजगार को लेकर परेशान चल रहे हैं, उन्हें कोई अच्छा अवसर हाथ लगेगा। आपको वाहन खरीदते समय सावधान रहना होगा। आपके व्यक्तित्व में निखार आएगा। आपका यदि कोई काम लंबे समय से अटका हुआ था, तो उसे पूरा करने की आपको कोशिश करनी होगी।*

*मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)*
*आज का दिन आपके लिए आत्मविश्वास से भरपूर रहने वाला है। आप अपने पारिवारिक मामलों पर पूरा ध्यान दें। आप कोई निर्णय जल्दबाजी में न लें। परिवार में किसी सदस्य के विवाह प्रस्ताव पर मोहर लगने से माहौल खुशनुमा रहेगा। कोई सदस्य नौकरी को लेकर यदि परेशान चल रहा था, तो कहीं दूर नौकरी का प्रस्ताव आ सकता है। राजनीति में कार्यरत लोगों को अपने कामों में सूझबूझ दिखा कर आगे बढ़ने की आवश्यकता है। आपका मन धार्मिक कार्य में खूब लगेगा।*

*कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
*आज का दिन आपके लिए निवेश संबंधी मामलों में बेहतर रहने वाला है। आपको उनमें अच्छा लाभ मिलने की संभावना है। आप अपने घर के लिए कोई इलेक्ट्रॉनिक वस्तु को लेकर आ सकते हैं। आपके धन-धान्य में वृद्धि होगी। आप अपने मन में नकारात्मक विचारों को न रखें, नहीं तो इससे परिवार के सदस्यों के बीच कोई लड़ाई झगड़ा होने की संभावना है। किसी प्रॉपर्टी के खरीदारी करना आपके लिए बेहतर रहेगा। आपको अपने भाई व बहनों से यदि कोई मदद लेनी होगी, तो वह भी मिल जाएगी।*

*मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
*आज का दिन आपके लिए मिला-जुला रहने वाला है। आपकी कोई मन की इच्छा पूरी होने पर खुशी का ठिकाना नहीं रहेगा। आप नए कामों को करने के लिए योजना बना सकते हैं। आप अपनी संतान के साथ कुछ समय मौज मस्ती करने में व्यतीत करेंगे, जिससे आपको यदि कोई टेंशन थी, तो वह भी काफी हद तक दूर होगी। माता-पिता आपको कोई खुशखबरी दे सकते हैं। आपको अपने बिजनेस में किसी पर भरोसा करने से बचना होगा, नहीं तो वह आपके साथ विश्वासघात कर सकता है।*

आपूर्यमाणमचलप्रतिष्ठं
समुद्रमापः प्रविशन्ति यद्वत्। 
तद्वत्कामा यं प्रविशन्ति सर्वे
स शान्तिमाप्नोति न कामकामी।।
*भगवान शनिदेव  जी की जय।*

Shukrwar ka panchag, शुक्रवार का पंचांग, 20 दिसंबर 2024 का पंचांग,


Shukrwar ka panchag, शुक्रवार का पंचांग, 20 दिसंबर 2024 का पंचांग,

गुरुवार का पंचांग शनिवार का पंचांग

शुक्रवार का पंचांग, Shukrwar ka panchag, 20 दिसंबर 2024 का पंचांग,

शुक्रवार का पंचांग, shukrwar ka panchang,

  • Panchang, पंचाग, Panchang 2024, हिन्दू पंचाग, Hindu Panchang, पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :-

    1:- तिथि (Tithi)
    2:- वार (Day)
    3:- नक्षत्र (Nakshatra)
    4:- योग (Yog)
    5:- करण (Karan)


    पंचाग (panchang) का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी नित्य पंचाग (panchang) का श्रवण करते थे ।

    जानिए, Shukravar Ka Panchang, शुक्रवार का पंचांग, आज का पंचांग, aaj ka panchang,

    20 दिसंबर 2024 का पंचांग20 December  2024 ka Panchang,

  • महालक्ष्मी मन्त्र : ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥

  • ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ॥


आज का पंचांग, aaj ka panchang,

दिन (वार) – शुक्रवार के दिन दक्षिणावर्ती शंख से भगवान विष्णु पर जल चढ़ाकर उन्हें पीले चन्दन अथवा केसर का तिलक करें। इस उपाय में मां लक्ष्मी जल्दी प्रसन्न हो जाती हैं।

शुक्रवार के दिन नियम पूर्वक धन लाभ के लिए लक्ष्मी माँ को अत्यंत प्रिय 
“श्री सूक्त”, “महालक्ष्मी अष्टकम” एवं समस्त संकटो को दूर करने के लिए “माँ दुर्गा के 32 चमत्कारी नमो का पाठ” अवश्य ही करें ।
शुक्रवार के दिन माँ लक्ष्मी को हलवे या खीर का भोग लगाना चाहिए ।

शुक्रवार के दिन शुक्र ग्रह की आराधना करने से जीवन में समस्त सुख, ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है, दाम्पत्य जीवन सुखमय होता है बड़ा भवन, विदेश यात्रा के योग बनते है।

  • *विक्रम संवत् 2081,
  • * शक संवत – 1946,
    *कलि संवत – 5126
    * अयन – दक्षिणायन,
    * ऋतु – शरद ऋतु,
    * मास – पौष माह
    * पक्ष – कृष्ण पक्ष
    *चंद्र बल – मिथुन, सिंह, तुला, वृश्चिक, कुम्भ, मीन,

शुक्रवार को शुक्र देव की होरा :-

प्रात: 7.09 AM से 8.00 AM तक

दोपहर 01.10 PM से 2.02 PM तक

रात्रि 19.45 PM से 8.53 PM तक

मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष अष्टमी के दिन भैरव नाथ  प्रकट हुए थे, जानिए भगवान भैरव नाथ के व्रत व पूजा का विशेष विधान

दाहिने हाथ के अंगूठे से नीचे के हिस्से ( शुक्र का स्थान ) और अंगूठे पर थोड़ा सा इत्र लगाकर, ( इत्र ना मिले तो उसके बिना भी कर सकते है) बाएं हाथ के अंगूठे से उस हिस्से को शुक्र की होरा में “ॐ शुक्राये नम:” या

‘ॐ द्रांम द्रींम द्रौंम स: शुक्राय नम:।’ मंत्र का अधिक से अधिक जाप करते हुए अधिक से अधिक रगड़ते / मसाज करते रहे ( कम से कम 10 मिनट अवश्य )I

यह उपाय आप कोई भी काम करते हुए चुपचाप कर सकते है इसके लिए किसी भी विधि विधान की कोई आवश्यकता नहीं है I

सुख समृद्धि, ऐश्वर्य, बड़ा भवन, विदेश यात्रा, प्रेम, रोमांस, सुखी दाम्पत्य जीवन के लिए शुक्रवार की होरा अति उत्तम मानी जाती है ।

शुक्रवार के दिन शुक्र की होरा में शुक्रदेव देव के मंत्रो का जाप करने से कुंडली में शुक ग्रह मजबूत होते है, पूरे दिन शुभ फलो की प्राप्ति होती है ।

शुक्र देव के मन्त्र :-

ॐ शुं शुक्राय नमः।। अथवा

” ॐ द्राम द्रीम द्रौम सः शुक्राय नमः “।।

भैरव अष्टमी के दिन ऐसे करें भैरव नाथ को प्रसन्न समस्त भय और कष्ट होंगे दूर 

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ऐसे करें होलिका दहन, जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का होगा संचार, सभी कष्ट रहेंगे दूर, अवश्य जानिए होलिका दहन की विधि,

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  • नक्षत्र ( Nakshatra ) : मघा 3.47 AM, 21 दिसंबर तक,

    नक्षत्र के स्वामी :–     मघा नक्षत्र के देवता पितर देव और नक्षत्र स्वामी केतु जी है ।

    मघा का अर्थ होता है महान। मघा नक्षत्र का आकाश में 10वां स्थान है। मघा नक्षत्र के चारों चरण सिंह राशि में हीआते हैं।  

    मघा नक्षत्र को सिंहासन द्वारा दर्शाया गया है जो शक्ति, उच्च प्रतिष्ठा, गुणों का प्रतीक है। मघा नक्षत्र के जातको पर जीवन भर केतु और सूर्य का प्रभाव रहता है।  

    मघा नक्षत्र का आराध्य वृक्ष: बरगद एवं नक्षत्र का स्वभाव उग्र, क्रूर माना गया है।

    मघा नक्षत्र में जन्मे जातक बुद्धिमान, स्पष्टवादी, दयालु, भरोसेमंद, साहसी, धीरे बोलने वाले, बड़ो का सम्मान करने वाले और अपनी स्त्री के वश में रहने वाले होते है। इन्हे भूमि, भवन और माता का पूर्ण सुख मिलता है।

    लेकिन यदि चन्द्रमा, केतु और सूर्य खराब स्थिति में हैं तो जातक क्रोधी, शक्की, भावुक, बहुत अधिक चिंता करने वाला होता है।

    इस नक्षत्र में जन्म लेने वाली स्रियाँ मददगार, परोपकारी, विलासी जीवन पर खर्च करने वाली लेकिन विवादों में शामिल होने वाली जल्द ही आवेश में आ जाने वाली होती है ।

    मघा नक्षत्र के लिए भाग्यशाली संख्या 7 और 10, भाग्यशाली रंग, क्रीम, लाल , भाग्यशाली दिन शनिवार और मंगलवार का माना जाता है ।

    मघा नक्षत्र में जन्मे जातको को तथा जिस दिन यह नक्षत्र हो उस दिन सभी को “ॐ पितृभ्यो नमः”। मन्त्र का जाप अवश्य करना चाहिए ।

    मघा नक्षत्र के जातको को हर अमावस्या को पितरो के निमित ब्राह्मण भोजन और दान पुण्य करना चाहिए इससे पितरो के आशीर्वाद से जीवन से अस्थिरताएँ दूर होती है ।

    इस नक्षत्र के जातको को भगवान शिव और माँ काली की आराधना भी श्रेष्ठ फलदाई कही गयी है ।

    मघा नक्षत्र का पेड़ बरगद है, अतः मघा नक्षत्र में बरगद के पेड़ की पूजा करनी चाहिए।

    इस नक्षत्र के जातको को बरगद के पेड़ के एक पत्ते पर हल्दी से स्वास्तिक का चिन्ह बनाकर उसे अपने घर के मंदिर में रखकर अगले दिन उस पत्ते को बहते पानी में प्रवाहित करना चाहिए ।

समस्त रोगों, कष्टों और विपत्तियों के अधिदेवता भैरव नाथ जी ने इस कारण काटा था ब्रह्मा जी का पांचवा सिर, अवश्य जानिए कैसे हुई भैरवनाथ जी की उत्पत्ति 

  • अवश्य पढ़ें :- बी पी हाई रहता हो तो ना हो परेशान, इन उपायों से बी पी की समस्या निश्चित रूप से होगी दूर

    योग(Yog) :- विष्वकंभ 18.12 PM तक तत्पश्चात प्रीति,

    योग के स्वामी, स्वभाव :-    विष्कम्भ योग के स्वामी यम एवं स्वभाव हानिकारक है ।

    प्रथम करण : – तैतिल 10.48 AM तक,

    करण के स्वामी, स्वभाव :-   तैतिल करण के स्वामी विश्वकर्मा जी और स्वभाव सौम्य है ।

    द्वितीय करण :- गर 23.29 PM तक तत्पश्चात वणिज,

    करण के स्वामी, स्वभाव :-   गर करण के स्वामी भूमि तथा स्वभाव सौम्य है ।

    • गुलिक काल : – शुक्रवार को शुभ गुलिक प्रात: 7:30 से 9:00 तक ।
    • दिशाशूल (Dishashool)- शुक्रवार को पश्चिम दिशा का दिकशूल होता है ।

      यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से दही में चीनी या मिश्री डालकर उसे खाकर जाएँ ।
    • राहुकाल (Rahukaal)-दिन – 10:30 से 12:00 तक ।
    • सूर्योदय -प्रातः 07:09
    • सूर्यास्त – सायं : 17:29
    • विशेष – पंचमी तिथि को बेल का सेवन नहीं करना चाहिए। मान्यता है कि पंचमी को बेल का सेवन करने से अपयश मिलता है ।
    • पंचमी तिथि को कर्ज भी नहीं देना चाहिए, पंचमी को कर्ज देने से धन डूब जाता है तथा धन के आगमन में भी रुकावटें आने लगती है ।
    • षष्ठी के दिन नीम की पत्ती खाना, दातुन करना या किसी भी तरह से  नीम का सेवन नहीं करना चाहिए । इस दिन नीम का सेवन करने से नीच योनि की प्राप्ति होती है।
    • पर्व त्यौहार-

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  • “हे आज की तिथि ( तिथि के स्वामी ), आज के वार, आज के नक्षत्र ( नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो “।
    आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।

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    आप पर ईश्वर का सदैव आशीर्वाद बना रहे ।
    आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।

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मंगलवार का पंचांग, Mangalwar Ka Panchang, 24 दिसम्बर 2024 का पंचांग

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