रविवार का पंचांग, Raviwar Ka Panchag, 3 नवम्बर का पंचांग 2024 का पंचांग,
आप सभी को भाई दूज, यम द्वितीया की हार्दिक शुभकामनायें
रविवार का पंचांग, Raviwar Ka Panchag,
3 नवम्बर 2024 का पंचांग, 3 November 2024 ka Panchang,
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Panchang, पंचाग, आज का पंचांग, aaj ka panchang, Panchang 2024, हिन्दू पंचाग, Hindu Panchang पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :-
1:- तिथि (Tithi)
2:- वार (Day)
3:- नक्षत्र (Nakshatra)
4:- योग (Yog)
5:- करण (Karan)
पंचाग (panchang) का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचाग (panchang) का श्रवण करते थे । जानिए रविवार का पंचांग, Ravivar Ka Panchang।
रविवार का पंचांग, Ravivar Ka Panchang,
3 नवम्बर 2024 का पंचांग, 3 November 2024 ka Panchang,
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भगवान सूर्य जी का मंत्र : ऊँ घृणि सूर्याय नम: ।।
।। आज का दिन अत्यंत मंगलमय हो ।।
👉🏽दिन (वार) रविवार को की गई सूर्य पूजा से व्यक्ति को घर-परिवार और समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। रविवार के दिन उगते हुए सूर्य को देव को एक ताबें के लोटे में जल, चावल, लाल फूल और रोली डालकर अर्ध्य करें।
इस दिन आदित्य ह्रदय स्रोत्र का पाठ करें एवं यथा संभव मीठा भोजन करें। सूर्य को आत्मा का कारक माना गया है, सूर्य देव को जल देने से पितृ कृपा भी मिलती है।
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रविवार के दिन भैरव जी के दर्शन, आराधना से समस्त भय और संकट दूर होते है, साहस एवं बल की प्राप्ति होती है । अत: रविवार के दिन मंदिर में भैरव जी के दर्शन अवश्य करें ।
रविवार के दिन भैरव जी के मन्त्र ” ॐ काल भैरवाय नमः “ या ” ॐ श्री भैरवाय नमः “ की एक माला जाप करने से समस्त संकट, भय दूर होते है, रोगो, अकाल मृत्यु से बचाव होता है, मनवांछित लाभ मिलता है।
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*विक्रम संवत् 2081,
* शक संवत – 1945,
*कलि संवत 5124
* अयन – दक्षिणायन,
* ऋतु – शरद ऋतु,
* मास – कार्तिक माह
* पक्ष – शुक्ल पक्ष
* चंद्र बल – मिथुन, सिंह, तुला, वृश्चिक, कुम्भ, मीन,
रविवार को सूर्य देव की होरा :-
प्रात: 6.29 AM से 7.25 AM तक
दोपहर 01.00 PM से 01.56 PM तक
रात्रि 19.48 PM से 8.52 PM तक
रविवार को सूर्य की होरा में अधिक से अधिक अनामिका उंगली / रिंग फिंगर पर थोड़ा सा घी लगाकर मसाज करते हुए सूर्य देव के मंत्रो का जाप करें ।
सुख समृद्धि, मान सम्मान, सरकारी कार्यो, नौकरी, साहसिक कार्यो, राजनीती, कोर्ट – कचहरी आदि कार्यो में सफलता के लिए रविवार की होरा अति उत्तम मानी जाती है ।
रविवार के दिन सूर्य देव की होरा में सूर्य देव के मंत्रो का जाप करने से कुंडली में सूर्य ग्रह मजबूत होते है, पूरे दिन शुभ फलो की प्राप्ति होती है ।
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सूर्य देव के मन्त्र :-
ॐ भास्कराय नमः।।
अथवा
ऊँ घृणि सूर्याय नम: ।।
- तिथि (Tithi) – द्वितीया तिथि के स्वामी भगवान ब्रह्मा जी है
- तिथि के स्वामी :- द्वितीया तिथि के स्वामी भगवान ब्रह्मा जी है ।
- गोवर्धन पूजा के अगले दिन भाई दूज या यम दीतिया मनाई जाती है । भाई दूज पांच दिवसीय दीपावली के पर्वो में अंतिम पर्व होता है। इस दिन बहने अपने भाइयो के माथे पर शुभ मुहूर्त में तिलक लगाकर उनके सुख – सौभाग्य और दीर्घ आयु की कामना करती है ।
- इस दिन प्रत्येक पुरुष को अपनी बहिन के घर भोजन करना चाहिए, अगर सगी बहन न हो तो रिश्ते की किसी भी बहन के यहाँ भोजन करना चाहिए ।
- इस दिन प्रत्येक व्यक्ति यदि विवाहित है तो अपनी पत्नी सहित अपने बहन के यहाँ जाये प्रेम से भोजन करें उसके बाद यथाशक्ति अपनी बहन को भेंट दें और तिलक कराएँ तो उसके सौभाग्य में वृद्धि होती है।
- स्वयं यमराज ने कहा है की “जो व्यक्ति आज के दिन यमुना में स्नान करके बहन के घर पूर्ण श्रद्धा से अपने तिलक करवाएंगे अपनी बहन को पूर्णतया संतुष्ट करेंगे उसके हाथ से बनाया भोजन प्रेम पूर्वक करेंगे वे कभी भी अकाल मर्त्यु को प्राप्त करके मेरे दरवाजे को नहीं देखेंगे ।”
- सनतकुमार संहिता में कहा गया है की जो स्त्री कार्तिक शुक्ल पक्ष की दीतिया को अपने भाई को आदरपूर्वक बुलाकर माथे पर तिलक लगाकर, सुरुचि पूर्वक भोजन कराती है तथा भोजन के बाद उसे पान खिलाती है वह सदा सुहागन रहती है, साथ ही ऐसी बहन के भाई को भी दीर्घ आयु की प्रप्ति होती है।
- ऐसी मान्यता भी है कि इसी दिन पूरे ब्रह्मांड का हिसाब किताब रखने वाले भगवान चित्रगुप्त का जन्म हुआ था। इसीलिए इस दिन कलम दवात की पूजा का भी बहुत महत्व है।
- लिंग पूरण में वर्णित है की जो कन्या / स्त्री इस दिन अपने भाई का पूजन करके उसको तिलक नहीं लगाती है उसका सम्मान नहीं करती है वह सात जन्म तक बिना भाई के ही रहती है ।
- शास्त्रों के अनुसार भाई दूज / यम द्वितीया के दिन जो भाई-बहन यमुना नदी या किसी भी नदी में स्नान करते हैं उन्हें यमराज का भय नहीं होता है, नरक के दर्शन नहीं होते है।
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- नक्षत्र (Nakshatra) – अनुराधा नक्षत्र पूर्ण रात्रि तक
- नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी- अनुराधा नक्षत्र के देवता मित्र, भैरव जी तथा स्वामी शनि देव जी है ।
अनुराधा नक्षत्र, नक्षत्र मंडल में उपस्थित 27 नक्षत्रों में 17 वां है। आकाश मंडल में अनुराधा 4 तारों का समूह मंडल है।
यह एक कमल का फूल जैसा लगता है जो हर परिस्तिथि में खिलने की क्षमता का प्रतीक है। यह सुरक्षा और शक्ति का भी प्रतीक है।
इस नक्षत्र का आराध्य वृक्ष : मौलश्री तथा स्वाभाव शुभ माना गया है। अनुराधा नक्षत्र सितारे का लिंग पुरुष है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक पर शनि और मंगल दोनों ही ग्रहों का प्रभाव हमेशा रहता है।
इस नक्षत्र में जन्मे जातक आकर्षक, बुद्धिमान, बहादुर, परिश्रमी, नेतृत्व करने वाले, भरोसेमंद, ऊर्जावान तथा धार्मिक होते है।
लेकिन शनि – मंगल के शुभ ना होने पर जातक के जीवन में बहुत अस्थिरता रहती है, वह स्वार्थी, कठोर, क्रूर स्वभाव, असंतुष्ट, और बहुत चिंता करने वाला हो सकता है ।
अनुराधा नक्षत्र के लिए भाग्यशाली संख्या 8, भाग्यशाली रंग लाल, सुनहरा और भूरा, भाग्यशाली दिन शनिवार, सोमवार और गुरुवार माना जाता है ।
अनुराधा नक्षत्र में जन्मे जातको को तथा जिस दिन यह नक्षत्र हो उस दिन सभी को ॐ अनुराधाभ्यो नमः। मन्त्र माला का जाप अवश्य करना चाहिए ।
जिस दिन यह नक्षत्र हो उस दिन आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करें, सूर्य देव के नामों का स्मरण करें ।
इस नक्षत्र के जातको को भगवान शिव और विष्णु जी की पूजा करने से भी शुभ फलो की प्राप्ति होती है ।
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- योग (Yog) – सौभाग्य 11.40 AM तक, तत्पश्चात शोभन
- योग के स्वामी :- ब्रह्म योग के स्वामी अश्विनी कुमार जी एवं स्वभाव श्रेष्ठ माना जाता है ।
- प्रथम करण : – बालव 09.16 AM तक
- करण के स्वामी, स्वभाव :- बालव करण के स्वामी ब्रह्म जी और स्वभाव सौम्य है ।
- द्वितीय करण : – कौलव 22.05 PM तक तत्पश्चात तैतिल
- करण के स्वामी, स्वभाव :- कौलव करण के स्वामी मित्र और स्वभाव सौम्य है ।
- गुलिक काल : – अपराह्न – 3:00 से 4:30 तक ।
- दिशाशूल (Dishashool)- रविवार को पश्चिम दिशा का दिकशूल होता है । यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से पान या घी खाकर जाएँ ।
- राहुकाल (Rahukaal)-सायं – 4:30 से 6:00 तक ।
- सूर्योदय – प्रातः 06:35
- सूर्यास्त – सायं 17:34
आँखों की रौशनी बढ़ाने, आँखों से चश्मा उतारने के लिए अवश्य करें ये उपाय - विशेष – रविवार को बिल्ब के वृक्ष / पौधे की पूजा अवश्य करनी चाहिए इससे समस्त पापो का नाश होता है, पुण्य बढ़ते है।
रविवार के दिन भगवान सूर्य देव को आक का फूल अर्पण करना किसी भी यज्ञ के फल से कम नहीं है, इससे सूर्य देव की सदैव कृपा बनी रहती है ।
रविवार को अदरक और मसूर की दाल का सेवन बिलकुल भी नहीं करना चाहिए । - द्वितीया को बैगन, कटहल और नींबू का सेवन नहीं करना चाहिए ।
- पर्व त्यौहार- भाई दूज, यम द्वितीया
- मुहूर्त (Muhurt) –
“हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र ( नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो “।
आप का आज का दिन अत्यंत शुभ फलो वाला हो ।
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आप पर ईश्वर का सदैव आशीर्वाद बना रहे ।
आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।
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