मंगलवार का पंचांग, Mangalwar Ka Panchang, 17 सितम्बर 2024 का पंचांग,

मंगलवार का पंचांग, Mangalwar Ka Panchang, 17 सितम्बर 2024 का पंचांग,


मंगलवार का पंचांग, Mangalwar Ka Panchang,

Panchang, पंचाग, ( Panchang 2024, हिन्दू पंचाग, Hindu Panchang ) पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :-


1:- तिथि (Tithi)
2:- वार (Day)
3:- नक्षत्र (Nakshatra)
4:- योग (Yog)
5:- करण (Karan)




पंचाग (panchang) का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचाग (panchang) का श्रवण करते थे ।
जानिए मंगलवार का पंचांग (Mangalvar Ka Panchang)।

शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।
वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।
नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।
योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।
*करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।
इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचांग को देखना, पढ़ना चाहिए ।

आज का पंचांग, Aaj ka Panchangमंगलवार का पंचांग, Mangalvar Ka Panchang,

17 सितम्बर 2024 का पंचांग, 17 September 2024 ka panchang,

हनुमान जी का मंत्र : हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट् ।

।। आज का दिन मंगलमय हो ।।

  • दिन (वार) – मंगलवार Mangalwar के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से उम्र कम होती है। अत: इस दिन बाल और दाढ़ी नहीं कटवाना चाहिए ।

    मंगलवार Mangalwar को हनुमान जी की पूजा और व्रत करने से हनुमान जी प्रसन्न होते है। मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा एवं सुन्दर काण्ड का पाठ करना चाहिए।

    मंगलवार को यथासंभव मंदिर में हनुमान जी के दर्शन करके उन्हें लाल गुलाब, इत्र अर्पित करके बूंदी / लाल पेड़े या गुड़ चने का प्रशाद चढ़ाएं । हनुमान जी की पूजा से भूत-प्रेत, नज़र की बाधा से बचाव होता है, शत्रु परास्त होते है।

    इन उपायों से जानलेवा कोरोना वाइरस रहेगा दूर, कोरोना का जड़ से होगा सफाया,

    मंगलवार के व्रत से सुयोग्‍य संतान की प्राप्ति होती है, बल, साहस और सम्मान में भी वृद्धि होती है।

    मंगलवार को धरती पुत्र मंगलदेव की आराधना करने से जातक को मुक़दमे, राजद्वार में सफलता मिलती है, उत्तम भूमि, भवन का सुख मिलता है, मांगलिक दोष दूर होता है।

    एकादशी के इन उपायों से पाप होंगे दूर, सुख – समृद्धि  की कोई कमी नहीं रहेगी 

*विक्रम संवत् 2081,
*शक संवत – 194
5
*कलि सम्वत 5124
*अयन – 
दक्षिणायन
*ऋतु – वर्षा
 ऋतु
*मास –
 भाद्रपद माह,
*पक्ष – शुक्ल पक्ष
*चंद्र बल – वृषभ, मिथुन, कन्या, वृश्चिक, मकर, कुंभ,

मंगलवार को मंगल की होरा :-

प्रात: 6.03 AM से 7.06 AM तक

दोपहर 01.19 PM से 2.22 PM तक

रात्रि 20.27 PM से 9.24 PM तक

मंगलवार को मंगल की होरा में हाथ की निम्न मंगल पर दो बूंद सरसो का तेल लगा कर उसे हल्के हल्के रगड़ते हुए अधिक से अधिक मंगल देव के मन्त्र का जाप करें ।

कृषि, भूमि, भवन, इंजीनियरिंग, खेलो, साहस, आत्मविश्वास

और भाई के लिए मंगल की होरा अति उत्तम मानी जाती है ।

मंगलवार के दिन मंगल की होरा में मंगल देव के मंत्रो का जाप करने से कुंडली में मंगल मजबूत होते है, पूरे दिन शुभ फलो की प्राप्ति होती है ।

मंगल देव के मन्त्र

ॐ अं अंगारकाय नम: अथवा

ॐ भौं भौमाय नम:”

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अगर पूरी करनी चाहते है अपनी सभी मनोकामनाएं तो अवश्य ही घर पर लगाएं यह वृक्ष

तिथि :- चतुर्दशी 11.44 AM तक तत्पश्चात पूर्णिमा

तिथि के स्वामी :- चतुर्दशी तिथि के स्वामी भगवान भोलेनाथ जी और पूर्णिमा तिथि के स्वामी चंद्र देव जी है ।

आज अति शुभ अनंत चतुर्दशी का पर्व है । अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु जी के अनंत स्वरूप को प्रसन्न करने, अपनी मनोकामनाओं को पूर्ण करने और सभी प्रकार के संकटो से रक्षा के लिए भगवान श्री विष्णु जी की पूजा और ब्रत रखा जाता है ।

आज के दिन भगवान विष्णु जी को 14 गांठ वाला पीला अनंत सूत्र / धागा चढ़ाकर पूजा के बाद ‘ॐ अनन्ताय नम:’ का जाप करते हुए उनके सामने अपनी बाह में बांधा जाता है । ऐसी मान्यता है कि इस अनंत सूत्र को धारण करने से पूरे वर्ष भगवान अपने भक्त की सभी संकटो से रक्षा करते है ।

अन्नंत सूत्र को पुरुष अपने दाहिने हाथ और स्त्रियां अपने बाएं हाथ में धारण करती है ।

शास्त्रों के अनुसार अनंत सूत्र की चौदह गाठें 14 लोको का प्रतिक है । यह 14 लोक, भूलोक, भुवलोक, स्वलोक, महलोक, जनलोक, तपोलोक, ब्रह्मलोक, अतल, वितल, सतल, रसातल, तलातल, महातल, और पताल लोक माने गए है ।

आज के दिन श्री विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करना , घरों में सतनारायण कथा करवाना बहुत जी अधिक शुभ माना गया है ।

पंचांग के अनुसार चतुर्दशी तिथि का आरंभ सोमवार को दोपहर 3:10 से हुआ है, और इसका समापन 17 सितंबर को सुबह 11:44 पर होगा । इसलिए उदय तिथि के अनुसार अनंत चतुर्दशी का पर्व इस वर्ष 2024 में 17 सितंबर को मनाया जायेगा ।

मान्यता है कि जब पाण्डव जुए में अपना सारा राज-पाट हारकर वन में कष्ट भोग रहे थे, तब भगवान श्रीकृष्ण जी ने उन्हें अनन्तचतुर्दशी का व्रत करने की सलाह दी थी।

श्री कृष्ण जी की आज्ञा मानते हुए धर्मराज युधिष्ठिर जी ने अपने भाइयों और पत्नी द्रौपदी के साथ पूरी श्रद्धा और विधि-विधान से यह व्रत किया तथा रक्षा के लिए 14 गाँठो वाला अनन्त सूत्र धारण किया। इस अनन्त चतुर्दशी व्रत के प्रभाव से ही पांडवो के सभी कष्ट दूर हो गए थे ।

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भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी, अनंत चतुर्दशी तिथि पर दोपहर के समय गणेश जी की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है । इसी के साथ 10 दिनों तक चलने वाला गणेशोत्सव पर्व का समापन होता है ।

विघ्नहर्ता भगवान गणेश को भाद्र पद माह की चतुर्थी तिथि पर विधि-विधान के साथ पूजा करते हुए घर पर स्थापित किया जाता है और अनंत चतुर्दशी पर विसर्जन के साथ ही यह पर्व समाप्त हो जाता है।

भक्त भगवान गणेश की मूर्ति को पुरे हर्ष और उल्लास से पवित्र नदी, तालाब या समुद्र में विसर्जित करते हैं और गणपति जी से अगले वर्ष फिर से वापस आने की प्रार्थना करते हैं ।

पर्यावरण की रक्षा के लिए बहुत से भक्त घर पर ही गणेश जी की प्रतिमा को बाल्टी या बड़े टब में विसर्जित कर देते हैं।

गणपति विसर्जन करते समय भगवान गणेश का मुख घर की ओर और पीठ घर के बाहर की ओर होनी चाहिए । ऐसा माना जाता है कि बप्पा की पीठ में दरिद्रता का वास होता है और उनका मुंह घर की तरफ होने से उस घर पर कभी भी आर्थिक संकट नहीं आता है ।

इसीलिए कहा जाता है कि घर की ओर भूलकर भी पीठ नहीं करना चाहिए।

इस वर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी, अनंत चतुर्दशी / गणेश विसर्जन 17 सितंबर 2024 को है ।

  • नक्षत्र (Nakshatra) – अनुराधा 20.04 PM तक तत्पश्चात ज्येष्ठा
  • नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी –  अनुराधा नक्षत्र के देवता मित्र, भैरव जी तथा स्वामी शनि देव जी है ।

अनुराधा नक्षत्र, नक्षत्र मंडल में उपस्थित 27 नक्षत्रों में 17 वां है। आकाश मंडल में अनुराधा 4 तारों का समूह मंडल है।  

यह एक कमल का फूल जैसा लगता है जो हर परिस्तिथि में खिलने की क्षमता का प्रतीक है। यह सुरक्षा और शक्ति का भी प्रतीक है।

इस नक्षत्र का आराध्य वृक्ष : मौलश्री तथा स्वाभाव शुभ माना गया है। अनुराधा नक्षत्र सितारे का लिंग पुरुष है।  इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक पर शनि और मंगल दोनों ही ग्रहों का प्रभाव हमेशा रहता है।

इस नक्षत्र में जन्मे जातक आकर्षक, बुद्धिमान, बहादुर, परिश्रमी, नेतृत्व करने वाले, भरोसेमंद, ऊर्जावान तथा धार्मिक होते है।

लेकिन शनि – मंगल के शुभ ना होने पर जातक के जीवन में बहुत अस्थिरता रहती है, वह स्वार्थी, कठोर, क्रूर स्वभाव, असंतुष्ट, और बहुत चिंता करने वाला हो सकता है ।

अनुराधा नक्षत्र के लिए भाग्यशाली संख्या 8,  भाग्यशाली रंग लाल, सुनहरा और भूरा,  भाग्यशाली दिन  शनिवार, सोमवार और गुरुवार माना जाता है ।

अनुराधा नक्षत्र में जन्मे जातको को तथा जिस दिन यह नक्षत्र हो उस दिन सभी को ॐ अनुराधाभ्यो नमः। मन्त्र माला का जाप अवश्य करना चाहिए ।

जिस दिन यह नक्षत्र हो उस दिन आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करें, सूर्य देव के नामों का स्मरण करें ।

इस नक्षत्र के जातको को भगवान शिव और विष्णु  जी की पूजा करने से भी शुभ फलो की प्राप्ति होती है ।

नित्य गणेश जी के परिवार के सदस्यों के नामो का स्मरण, उच्चारण करने से भाग्य चमकता है, शुभ समय आता है

  • योग :- विष्कम्भ 00.29 AM अगले दिन बुधबार 11 सितम्बर तक
  • योग के स्वामी :- विष्कम्भ योग के स्वामी यम एवं स्वभाव हानिकारक है ।
  • प्रथम करण : – गर 10.39 AM तक
  • करण के स्वामी, स्वभाव :-  गर करण के स्वामी भूमि तथा स्वभाव सौम्य है ।
  • द्वितीय करण : – वणिज 23.13 PM तक तत्पश्चात विष्टि
  • करण के स्वामी, स्वभाव :-   वणिज करण की स्वामी लक्ष्मी देवी और स्वभाव सौम्य है ।
  • गुलिक काल : – दोपहर 12:00 से 01:30 तक है ।
  • दिशाशूल (Dishashool)- मंगलवार को उत्तर दिशा का दिकशूल होता है।

    यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से गुड़ खाकर जाएँ ।
  • राहुकाल (Rahukaal) दिन – 3:00 से 4:30 तक।
  • सूर्योदय – प्रातः 06:03
  • सूर्यास्त – सायं 18:31
  • विशेष –  सप्तमी को ताड़ का सेवन नहीं करना चाहिए  । इस दिन ताड़ का सेवन करने से रोग लगते है । 
  • पर्व – त्यौहार-

“हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र (नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो “।

आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।

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ज्योतिषाचार्य मुक्ति नारायण पाण्डेय 9425203501
( हस्त रेखा, कुंडली, ज्योतिष विशेषज्ञ 07714070168)


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