जब मंगल दशम भाव में हो

जब मंगल दशम भाव में हो


मंगल दशम भाव में अच्छा माना जाता है। नौकरी में उच्च पद प्राप्त होता है,व्यापार में सफलता मिलती है। मूंगा धारण करने से धन लाभ अधिक होता है। मकान वाहन का सुख भी मिलता है। परन्तु सन्तान पक्ष के लिए अच्छा नहीं है। जातक छोटी-छोटी बात पर क्रोध करने लगेगा।

1.मेष लग्न – मंगल दशम भाव में उच्च राशि में होगा,अतः मूंगा धारण करना लाभ में वृद्धि करेगा,काम-काज मंे तरक्की देगा। नौकरी में पदोन्नति मिलेगी। परन्तु जातक छोटी-छोटी बातों पर क्रोध कर सकता है। जिससे घर में अशान्ति का वातावरण रह सकता है।

2.वृष लग्न – मंगल सप्तमेश-द्वादशेश होकर दशम भाव में कुम्भ राशि में स्थित होगा। शादि के बाद कामकाज में उन्नति होगी। कामकाज एवं नौकरी में परिवर्तन भी आएगा।

3.मिथुन लग्न – मंगल षष्ठेश-लाभेश होकर दशम भाव में मीन राशि में स्थित होगा। मंूगा धारण करने से धन लाभ में वृद्धि होगी माता की सेहत के लिए अच्छा होगा। धारण करने वाले को चोट आदि का भय रहेगा।

4.कर्क लग्न – मंगल पंचमेश-दशमेश होकर दशम भाव में अपनी राशि मेष में स्थित होगा। सन्तान सुख में वृद्धि करेगा तथा कारोबार,यश मान के लिए अच्छा होगा। सर्विसज में ऊंचा पद/पोस्ट मिल सकती है।

5.सिंह लग्न – मंगल चतुर्थेश-भाग्येश होकर दशम भाव में वृष राशि में स्थित होगा। मकान,वाहन का सुख मिलेगा,भाग्योदय होगा।

6.कन्या लग्न – मंगल तृतीयेश-अष्टमेश होकर दशम भाव में मिथुन राशि में स्थित होगा। यह इतनी लाभकारी नहीं है।अतः मंूगा सोच समझकर धारण करें।

7.तुला लग्न – मंगल द्वितीयेश-सप्तमेश बनकर दशम भाव में नीच राशि कर्क में होगा।मूंगा पहनना घातक एवं हानिकार साबित होगा। चोट/एक्सीडैंट का योग बनता है,मान हानि होगी।

8.वृश्चिक लग्न – मंगल षष्ठेश लग्नेश होकर दशम भाव में सिंह राशि में स्थित होगा। मूंगा धारण करना इतना लाभकारी नहीं है। घरेलू क्लेश में वृद्धि होगी,अपना कारोबार छोड़कर नौकरी करने पर बाधित हो जायेगा। लेकिन ऊंची पदवी प्राप्त होगी।

9.धनु लग्न – मंगल पंचमेश-द्वादशेश बनकर दशम भाव में कन्या राशि में स्थित होगा। मंूगा धारण करना लाभदायक है। सन्तान सुख प्राप्त होगा तथा कारोबार बढ़ेगा।

10 .मकर लग्न – मंगल चतुर्थेश-लाभेश होकर दशम भाव में तुला राशि में स्थित होता है। मूंगा धारण करने से धन सम्पत्ति में वृद्धि होगी। प्रापर्टी क्रय विक्रय में लाभ रहेगा।

11. कुम्भ लग्न – मंगल तृतीयेश-दशमेश होकर दशम भाव में अपनी राशि वृश्चिक में स्थित होगा। मूंगा। धारण करने से जातक के कामकाज में वृद्धि होगी। यश मान मिलेगा।

12.मीन लग्न – मंगल द्वितीयेश-दशमेश होकर दशम भाव में धनु राशि में स्थित होगा। मूंगा धारण करना लाभदायक है। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी,कामकाज बढ़ेगा।

                                           ज्योतिषाचार्य मुक्ति नारायण पाण्डेय                      9425203501

( हस्त रेखा, कुंडली, ज्योतिष विशेषज्ञ                    07714070168)

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