जब मंगल प्रथम भाव में
मूंगा पहनने से जातक का बलाबल बढ़ता है। तथा अपने इर्द-गिर्द के समाज में उसका प्रभाव बढ़ता है। कारोबार में उन्नति होती है। अगर मंगल अशुभ हो तो चोट दुर्घटना का भी डर रहता है। अलग-अलग लग्न की कुण्डलियों में मंगल की प्रथम भाव में स्थिति के कारण मूंगा क्या प्रभाव देगा नीचे दिया गया है।
1. मेष लग्न – इस कुण्डली में मंगल लग्नेश-अष्टमेश होकर लग्न में स्थित होगा। मूंगा धारण करने से जातक की पदोन्नति होगी,कारोबार बढे़गा,राजनीति के क्षेत्र में सफलता मिलेगी। परन्तु इसके साथ-साथ घरेलू परेशानि,अशान्ति,स्त्री सुख में कमी करेगा अतः सोच समझकर मूंगा धारण करें। इसको धारण करने से पत्नी बीमार रह सकती है।
2.वृष लग्न – कुण्डली में मंगल सप्तमेश-द्वादशेश होकर लग्न में स्थित होगा मंूगा धारण करने से स्त्री लाभ होगा,व्यापार बढ़ेगा। जातक भोग विलास में भी पड़ सकता है।
3.मिथुन लग्न – मंगल लाभेश और षष्ठेश बनकर लग्न में स्थित होगा। मूंगा धारण करने से जहां आमदनी व धन लाभ की वृद्धि होगी,वहां चोट,दुर्घटना भी दे सकता है।अतः अन्य ग्रहों की स्थिति देखकर ही सोच समझकर मूंगा धारण करें।
4. कर्क लग्न – मंगल पंचमेश-दशमेश होकर लग्न में नीच राशि में होगा। स्वास्थ्य खराब रहेगा,चोट आदि कभी-कभी लगती रहेगी,कामकाज में उतार-चढ़ाव आते रहेंगे।मूंगा धारण न करना ही अच्छा है।
5. सिंह लग्न – मंगल चतुर्थेश-भाग्येश होकर लग्न में स्थित होगा। मूंगा धारण करने से जहां जमीन जायदाद में वृद्धि होगी और भाग्य चमकेगा वहां पत्नी के स्वास्थ्य के लिए अच्छा न होगा। जातक का क्रोध भी कभी-कभी भयंकर रूप धारण कर सकता है।
6. कन्या लग्न – मंगल तृतीयेश-अष्टमेश बनता है,अतः अशुभ होगा। मूंगा धारण करने से चोट,दुर्घटना रोगादि का भय होगा। अतः मूंगा धारण न करें।
7. इस लग्न की कुण्डली में मंगल सप्तमेश- द्वितीयेश बनता है,जिसे मारकेश भी कहते हैं।मूंगा धारण करने से मंगल की लग्न में स्थिति होने के कारण स्वास्थ्य में गिरावट, रोग,चोट आदि का डर रहेगा। मूंगा धारण न करें।
8.वृश्चिक लग्न – मंगल लग्नेश और षष्ठेश बनकर लग्न में स्थित होगा। मूंगा धारण करना शुभ-अशुभ मिश्रित फलदायक रहेगा।
9. धनु लग्न – मंगल इस कुण्डली में पंचमेश-द्वादशेश होकर लग्न में मित्र राशि में स्थित होगा। सन्तान सुख,तथा विद्या प्राप्ति के लिए,उन्नति तथा आर्थिक स्थिति मजबुत करने के लिए मूंगा धारण किया जा सकता है।
10. मकर लग्न – मंगल चतुर्थे एवं लाभेश बनता है। मकान,वाहन,सुख तथा धन लाभ के लिए मूंगा धारण किया जा सकता है।
11. कुम्भ लग्न – मंगल तृतीयेश-दशमेश बनता है। मूंगा धारण करने पर जहां जातक अपनी मेहनत से अपने कामकाज में सफल होगा,वहां चोट एक्सीडैंट का भी डर रहेगा क्योंकि मंगल लग्न में अपनी शत्रु राशि में स्थित होगा। अतः सोच समझकर मूंगा धारण करें।
12.मीन लग्न – मंगल द्वितीयेश-भाग्येश बनता है। मूंगा धारण करने से धन की वृद्धि होगी,मकान का सुख प्राप्त होगा,भाग्य में वृद्धि होगी।
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