जन्म-कुण्डली में हवाई-विदेश-यात्रा योग:--

जन्म-कुण्डली में हवाई-विदेश-यात्रा योग:--

1 - जन्मकुंडली मे शुक्र वारहवे भाव मे स्वराशि या उच्च राशि विराजमान होने पर विदेश यात्रा का योग बनाते है ।

2 - जन्मकुंडली के नवम भाव का स्वामी बारहवे भाव मे बारहवे भाव का स्वामी नवम मे परिवर्तन कर ले तो विदेश यात्रा होगी ।

3 - जन्मकुंडली मे लग्नेश बलवान होकर नवम मे विराजमान हो , अंश बली हो तो विदेश यात्रा होती है ।

4 - कर्क लग्न की जन्मकुंडली मे बारहवे भाव मे राहू हो ,नवम भाव का स्वामी, नवम -पंचम -अथवा केंद्र मे हो तो विदेश यात्रा का योग बनाते है ।

5 - जन्मकुंडली के नवम का स्वामी दशम मे ,दशम का स्वामी नवम मे परिवर्तन मे हो तो विदेश यात्रा होगी ।

6 - कुम्भ लग्न की जन्मकुंडली मे शनि लग्न मे हो नवम का स्वामी दशम मे हो तो विदेश यात्रा का योग बनता है ।

7 - जन्मकुंडली मे नवम भाव मे शुक्र हो नवम भाव का स्वामी दशम मे लग्नेश ग्यारहवे भाव मे विद्यमान हो तो विदेश यात्रा का योग बनता है ।

8 - जन्मकुंडली मे लग्नेश केंद्र मे बारहवे भाव मे मंगल उच्च राशि मकर मे विराजमान हो तो विदेश यात्रा होगी ।

9 - जन्मकुंडली के नवम एवं बारहवे भाव का स्वामी चर राशि अर्थात मेष , कर्क, तुला, मकर मे हो तो विदेश यात्रा का योग बनेगा ।

10 - जन्मकुंडली मे लग्न का स्वामी नवम मे , नवम का स्वामी लग्न मे विद्यमान हो तो विदेश यात्रा होती है ।

11 - जन्मकुंडली के शनि बारहवे भाव मे अपनी उच्च राशि तुला मे विद्यमान होने पर विदेश यात्रा अवश्य कराते है ।
ज्योतिषाचार्य मुक्ति नारायण पाण्डेय
( हस्त रेखा, कुंडली, ज्योतिष विशेषज्ञ )

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Aacharya Mukti Narayan Pandey Adhyatma Jyotish paramarsh Kendra Raipur

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