रविवार का पंचांग, Raviwar Ka Panchag, 4 सितम्बर 2022 का पंचांग,


रविवार का पंचांग, Raviwar Ka Panchag, 4 सितम्बर 2022 का पंचांग,

रविवार का पंचांग, Raviwar Ka Panchag,

4 सितम्बर 2022 का पंचांग, 4 September 2022 ka Panchang,

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Panchang, पंचाग, आज का पंचांग, aaj ka panchang, Panchang 2021, हिन्दू पंचाग, Hindu Panchang पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :-


1:- तिथि (Tithi)
2:- वार (Day)
3:- नक्षत्र (Nakshatra)
4:- योग (Yog)
5:- करण (Karan)



पंचाग (panchang) का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचाग (panchang) का श्रवण करते थे । जानिए रविवार का पंचांग, Ravivar Ka Panchang।

रविवार का पंचांग, Ravivar Ka Panchang,
4 सितम्बर
 2022 का पंचांग4 September 2022 ka Panchang,

भगवान सूर्य जी का मंत्र : ऊँ घृणि सूर्याय नम: ।।
।। आज का दिन अत्यंत मंगलमय हो ।।

👉🏽दिन (वार) रविवार को की गई सूर्य पूजा से व्यक्ति को घर-परिवार और समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। रविवार के दिन उगते हुए सूर्य को देव को एक ताबें के लोटे में जल, चावल, लाल फूल और रोली डालकर अर्ध्य करें।

इस दिन आदित्य ह्रदय स्रोत्र का पाठ करें एवं यथा संभव मीठा भोजन करें। सूर्य को आत्मा का कारक माना गया है, सूर्य देव को जल देने से पितृ कृपा भी मिलती है।

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रविवार के दिन भैरव जी के दर्शन, आराधना से समस्त भय और संकट दूर होते है, साहस एवं बल की प्राप्ति होती है । अत: रविवार के दिन मंदिर में भैरव जी के दर्शन अवश्य करें ।

रविवार के दिन भैरव जी के मन्त्र ” ॐ काल भैरवाय नमः “ या ” ॐ श्री भैरवाय नमः “ की एक माला जाप करने से समस्त संकट, भय दूर होते है, रोगो, अकाल मृत्यु से बचाव होता है, मनवांछित लाभ मिलता है।

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*विक्रम संवत् 2079,
* शक संवत – 1944,
*कलि संवत 5124
* अयन –दक्षिणायन,
* ऋतु – शरद ऋतु,
* मास – भाद्रपद माह
* पक्ष – शुक्ल पक्ष
* चंद्र बल – मिथुन, सिंह, तुला, वृश्चिक, कुम्भ, मीन,

  • तिथि (Tithi)- अष्टमी 10.39 PM तक तत्पश्चात नवमी
  • तिथि के स्वामी :- अष्टमी तिथि के स्वामी भगवान भोलेनाथ जी और नवमी तिथि की स्वामी माँ गौरी जी है।

 अष्टमी तिथि के स्वामी भगवान शिव कहे गए है।अष्टमी तिथि को भगवान शिव की विधि पूर्वक पूजा करने से समस्त सिद्धियां प्राप्त होती है ।

अष्टमी तिथि जया तिथि कहलाती है। अष्टमी तिथि का नाम कलावती भी कहा गया है।

मान्यता कि अष्टमी तिथि में किये गए कार्यो में सफलता मिलती है । लेकिन चैत्र महीने के दोनों पक्षों में पड़ने वाली अष्टमी तिथि शून्य कही गई है।

अष्टमी तिथि को  पूजा में  भगवान शिव को नारियल का भोग अर्पित करें अथवा शिवजी भगवान के लिए बनाए जाने वाले प्रसाद में नारियल का उपयोग करें लेकिन अष्टमी को नारियल का सेवन ना करें।

अष्टमी तिथि को ॐ नम: शिवाये मन्त्र का अधिक से अधिक जाप अवश्य करें ।

अष्टमी तिथि को दुर्गा जी की आराधना भी शुभ मानी गई है । अष्टमी तिथि में जन्मे जातकों को भगवान शिव और मां दुर्गा की पूजा अवश्य करनी चाहिए।अष्टमी तिथि में किसी भी प्रकार की ललित कला और विद्याएं सीखना अत्यन्त शुभ माना गया है। 

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शास्त्रों के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी के दिन राधा अष्टमी मनाई जाती है। राधा अष्टमी का पर्व कृष्ण जन्माष्टमी के 15 दिन बाद मनाया जाता है।

इस वर्ष 2022 में राधा अष्टमी 4 सितंबर, रविवार को मनाई जाएगी। माना जाता है कि बिना राधा रानी के भगवान श्रीकृष्ण की पूजा अधूरी ही मानी जाती है।

इसलिए भगवान श्रीकृष्ण के नाम के साथ राधा रानी का नाम लिया जाता है। कृष्ण जन्माष्टमी के पर्व की तरह ही राधा अष्टमी पर्व का भी बहुत महत्त्व है।

मान्यता है राधा अष्टमी के दिन राधा जी की आराधना करने, उनका व्रत करने से सभी कष्टों, पापों से छुटकारा मिलता है।

शास्त्रों के अनुसार, राधा रानी के प्रसन्न होने से भगवान श्रीकृष्ण स्वत: प्रसन्न हो जाते हैं। इस व्रत को करने से सुख – सौभाग्य की प्राप्ति होती है, समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

राधे राधे जय श्री राधे, राधा – कृष्ण भगवान की जय हो

  • नक्षत्र (Nakshatra)-  – ज्येष्ठा 21.43 PM तक तत्पश्चात मूल
  • नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी- ज्येष्ठा नक्षत्र के देवता इंद्र एवं ज्येष्ठा नक्षत्र के स्वामी बुध देव जी है ।

देवराज इंद्र को समर्पित यह नक्षत्र तावीज़ या छतरी जैसा लगता है, ज्योतिषियों के अनुसार ज्येष्ठा नक्षत्र के प्रबल प्रभाव में आने वाले जातक अपने आयु से पूर्व ही शारीरिक तथा मानसिक रूप से अधिक परिपक्व हो जाते हैं।

इस नक्षत्र का आराध्य वृक्ष : निर्गुडी/चीड़ तथा स्वाभाव तीक्ष्ण माना गया है। ‘ज्येष्ठा’ नक्षत्र सितारे का लिंग मादा है।

इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक पर मंगल और बुध दोनों ही ग्रहों का प्रभाव हमेशा रहता है।

ज्येष्ठा नक्षत्र के लिए भाग्यशाली संख्या 8, भाग्यशाली रंग सफ़ेद, भाग्यशाली दिन शनिवार और मंगलवार माना जाता है ।

ज्येष्ठा नक्षत्र में जन्मे जातको को तथा जिस दिन यह नक्षत्र हो उस दिन सभी को ॐ इंद्राय नमःl। मन्त्र की एक माला का जाप अवश्य करना चाहिए ।

ज्येष्ठा नक्षत्र के दिन जातको को विष्णु सहस्त्रनाम का जाप, भगवान श्री विष्णु की उपासना करनी चाहिए, इससे बुध्दि और व्यापार के देवता बुद्ध ग्रह अनुकूल होते है ।

ज्येष्ठा नक्षत्र वाले दिन भगवान बुद्ध के मन्त्र ‘ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:’। का जाप करने से भी ज्येष्ठा नक्षत्र के शुभ फल प्राप्त होते है ।


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  • योग (Yog) – विष्कम्भ 14.24 PM तक तत्पश्चात प्रीति
  • योग के स्वामी :- विष्कम्भ योग के स्वामी यम जी और स्वभाव हानिकारक तथा प्रीति योग के स्वामी विष्णु एवं स्वभाव श्रेष्ठ माना जाता है।
  • प्रथम करण : – बव 10.39 AM तक
  • करण के स्वामी, स्वभाव :- बव करण की स्वामी इंद्र और स्वभाव सौम्य है।
  • द्वितीय करण : – बालव 21.36 PM तक
  • करण के स्वामी, स्वभाव :- बालव करण की स्वामी ब्रह्म और स्वभाव सौम्य है।
  • गुलिक काल : – अपराह्न – 3:00 से 4:30 तक ।
  • दिशाशूल (Dishashool)- रविवार को पश्चिम दिशा का दिकशूल होता है । यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से पान या घी खाकर जाएँ ।
  • राहुकाल (Rahukaal)-सायं – 4:30 से 6:00 तक ।
  • सूर्योदय – प्रातः 06:00
  • सूर्यास्त – सायं 18:39

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  • विशेष – रविवार को बिल्ब के वृक्ष / पौधे की पूजा अवश्य करनी चाहिए इससे समस्त पापो का नाश होता है, पुण्य बढ़ते है।

    रविवार के दिन भगवान सूर्य देव को आक का फूल अर्पण करना किसी भी यज्ञ के फल से कम नहीं है, इससे सूर्य देव की सदैव कृपा बनी रहती है ।

    रविवार को अदरक और मसूर की दाल का सेवन बिलकुल भी नहीं करना चाहिए ।

  • अष्टमी को नारियल का सेवन नहीं करना चाहिए, अष्टमी को नारियल का सेवन करने से बुध्दि का नाश होता है।
  • पर्व त्यौहार- राधा अष्टमी
  • मुहूर्त (Muhurt) –

“हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र ( नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो “।

आप का आज का दिन अत्यंत शुभ फलो वाला हो ।

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( हस्त रेखा, कुंडली, ज्योतिष  विशेषज्ञ ) 07714070168

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