सोमवार का पंचांग, Somwar Ka Panchang, 22 सितम्बर 2025 का पंचांग,

सोमवार का पंचांग, Somwar Ka Panchang, 22 सितम्बर 2025 का पंचांग,

आप सभी को शरद नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें

सोमवार का पंचांग, Somwar Ka Panchang, 22 सितम्बर 2025 का पंचांग, 22 September 2025 ka Panchang,

Panchang, पंचाग, आज का पंचांग, aaj ka panchang, ( Panchang 2025, हिन्दू पंचाग, Hindu Panchang ) पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :-


1:- तिथि (Tithi)
2:- वार (Day)
3:- नक्षत्र (Nakshatra)
4:- योग (Yog)
5:- करण (Karan)

पंचाग (panchang) का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचाग (panchang) का श्रवण करते थे ।
जानिए, सोमवार का पंचांग, Somvar Ka Panchang।

राशिनुसार इन वृक्षों की करें सेवा, चमकने लगेगा भाग्य ,  

सोमवार का पंचांग, Somvar Ka Panchang,

22 सितम्बर 2025 का पंचांग, 22 September 2025 ka Panchang,

महा मृत्युंजय मंत्र – ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।

  • दिन (वार) – सोमवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से पुत्र का अनिष्ट होता है शिवभक्ति को भी हानि पहुँचती है अत: सोमवार को ना तो बाल और ना ही दाढ़ी कटवाएं ।

    सोमवार के दिन भगवान शंकर की आराधना, अभिषेक करने से चन्द्रमा मजबूत होता है, काल सर्प दोष दूर होता है।

सोमवार का व्रत रखने से मनचाहा जीवन साथी मिलता है, वैवाहिक जीवन में लम्बा और सुखमय होता है।

जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए हर सोमवार को शिवलिंग पर पंचामृत या मीठा कच्चा दूध एवं काले तिल चढ़ाएं, इससे भगवान महादेव की कृपा बनी रहती है परिवार से रोग दूर रहते है।

सोमवार के दिन शिव पुराण के अचूक मन्त्र “श्री शिवाये नमस्तुभ्यम’ का अधिक से अधिक जाप करने से समस्त कष्ट दूर होते है. निश्चित ही मनवाँछित लाभ मिलता है।

घर पर कैसा भी हो वास्तु दोष अवश्य करें ये उपाय, जानिए वास्तु दोष निवारण के अचूक उपाय

*विक्रम संवत् 2082,
* शक संवत – 1947,
*कलि संवत 5127
*कलयुग 5126 वर्ष
* अयन – दक्षिणायन,
* ऋतु – वर्षा ऋतु,
* मास – अश्विन माह,
* पक्ष – शुक्ल पक्ष
*चंद्र बल – मेष, कर्क, कन्या, वृश्चिक, धनु,, मीन,

सोमवार को चन्द्रमा की होरा :-

प्रात: 5.55 AM से 6.58 AM तक

दोपहर 01.19 PM से 2.21 PM तक

रात्रि 8.23 PM से 9.22 PM तक

सोमवार को चन्द्रमा की होरा में अधिक से अधिक चन्द्र देव के मन्त्र का जाप करें। यात्रा, प्रेम, प्रसन्नता, कला सम्बन्धी कार्यो के लिए चन्द्रमा की होरा अति उत्तम मानी जाती है।

सोमवार के दिन चन्द्रमा की होरा में चंद्रदेव के मंत्रो का जाप करने से कुंडली में चंद्र देव मजबूत होते है, पूरे दिन शुभ फलो की प्राप्ति होती है ।

चन्द्रमा के मन्त्र

ॐ सों सोमाय नम:।

ॐ श्रीं श्रीं चन्द्रमसे नम: ।

  • तिथि (Tithi) – प्रतिपदा 02.55 AM मंगलवार 23 सितम्बर तक
  • तिथि का स्वामी – प्रतिपदा तिथि के स्वामी अग्नि देव जी है
  • आज से अति पुण्य दायक शरद नवरात्री प्रारम्भ हो रहे है । नवरात्री के इन 9 दिनों में प्रतिदिन माँ दुर्गा जी के अलग अलग शक्ति रूपों की आराधना की जाती है, मान्यता है कि इन 9 दिनों में माता दुर्गा जी के रूपों की आराधना से जीवन के सभी कष्ट दूर होते है, समस्त मनोकामनाएं निश्चित ही पूर्ण होती है ।
  • नवरात्री के पहले दिन माँ शैलपुत्री की आराधना की जाती हैं। ये ही नवदुर्गाओं में माँ दुर्गा का पहला स्वरूप हैं । पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री रूप में उत्पन्न होने के कारण इनका नाम ‘शैलपुत्री’ पड़ा।
  • नवरात्र-पूजन में प्रथम दिवस इन्हीं की पूजा और उपासना की जाती है। मां शैलपूत्री सौभाग्‍य का प्रतीक मानी गयी हैं।
  • माँ शैलपुत्री के दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएँ हाथ में कमल-पुष्प सुशोभित है। देवी का वाहन बैल है। मां शैलपुत्री के मस्तक पर अर्ध चंद्र विराजित है। माता शैलपुत्री मूलाधार चक्र की देवी मानी जाती हैं।
  • अपने पूर्व जन्म में ये सती के रूप में प्रजापति दक्ष की कन्या के रूप में उत्पन्न हुई थीं, उस जन्म में सती माता का विवाह भगवान शंकर जी से हुआ था।
  • पूर्वजन्म की भाँति इस जन्म में भी ‘शैलपुत्री’ देवी का विवाह भी शंकरजी से ही हुआ। अर्थात इस जन्म में भी वे शिवजी की ही अर्द्धांगिनी बनीं।
  • ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मां शैलपुत्री चंद्रमा के दोष को दूर करती हैं। जिन लोगों का चंद्रमा कमजोर है, उन्हें माता के शैलपुत्री स्वरूप की आराधना करनी चाहिए।
  • आज माता के दिव्य मन्त्र – ॐ शं शैलपुत्री देव्यै: नम:। की एक माला का जप अवश्य ही करना चाहिए ।
  • पहला नवरात्र के दिन मां शैलपुत्री को गाय के घी भोग लगाने चाहिए, इससे आरोग्य की प्राप्ति होती है ।
  • तुलसी विवाह का पुण्य लिखने में देवता भी असमर्थ है, जानिए कैसे होता है तुलसी जी और शालिग्राम जी का विवाह,

    अवश्य पढ़ें :गुरु पूर्णिमा के दिन इन ऋषियों के नामो का स्मरण करने से समस्त पापो का होगा नाश

अवश्य पढ़ें :- चाहते है बेदाग, गोरी त्वचा तो तुरंत करें ये उपाय, आप खुद भी आश्चर्य चकित हो जायेंगे, 

नक्षत्र (Nakshatra) – उत्तराफाल्गुनी 11.24 AM तक तत्पश्चात हस्त

नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी-    उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के देवता आर्यमन और स्वामी सूर्य, बुध देव जी है।

आकाश मंडल में उत्तरा फाल्गुनी को 12 वां नक्षत्र माना जाता है। ‘उत्तरा फाल्गुनी’ का अर्थ है ‘बाद का लाल नक्षत्र’। यह एक बिस्तर या बिस्तर के पिछले दो पाए को दर्शाता है जो आराम और विलासिता के जीवन का प्रतीक है।  

यह नक्षत्र रोमांस, कामुक, ऐश्वर्य, रोमांच और अनैतिक आचरण को प्रदर्शित करता है। इस नक्षत्र काआराध्य वृक्ष : पाकड़ तथा स्वाभाव शुभ माना गया है।

उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र सितारे का लिंग महिला है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक पर जीवन भर सूर्य और बुध का प्रभाव बना रहता है।

इस नक्ष‍त्र में जन्मे व्यक्ति दानी, दयालु, साहसी, विद्वान, चतुर, उग्र स्वभाव, सही निर्णय लेने वाले होते है।  इन्हे पूर्ण संतान, भूमि का सुख मिलता है।

लेकिन यदि सूर्य और बुध की स्थिति जन्म कुंडली में खराब है तो जातक का रुझान गलत कार्यों में रहने लगता है, उसका झुकाव विपरीत लिंगी की तरफ बहुत आसानी से हो जाता है।

उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र में पैदा हुई स्त्री, सरल, शांत लेकिन खुशमिज़ाज़ होती हैं। यह आसानी से सबको प्रभावित कर लेती है ।इनका पारिवारिक दाम्पत्य जीवन सुखमय होता है ।

उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र के लिए भाग्यशाली संख्या 12, भाग्यशाली रंग, चमकदार नीला, भाग्यशाली दिन  बुधवार, शुक्रवार, और रविवार  माना जाता है ।

उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र में जन्मे जातको को तथा जिस दिन यह नक्षत्र हो उस दिन सभी को “ॐ अर्यमणे नम: “। मन्त्र माला का जाप अवश्य करना चाहिए ।

  अगर पश्चिम मुख का है आपका घर तो ऐसा रहना चाहिए आपके घर का वास्तु, जानिए पश्चिम दिशा के अचूक वास्तु टिप्स 
  • योग (Yog) – शुक्ल 19.29 तक तत्पश्चात ब्रह्म
  • योग के स्वामी :-   शुक्ल  योग की स्वामी देवी पार्वती जी एवं स्वभाव श्रेष्ठ माना जाता है ।
  • प्रथम करण : – किस्तुघ्न 14.06 PM तक
  • करण के स्वामी, स्वभाव :-           किस्तुघ्न करण के स्वामी मरुत और स्वभाव क्रूर है ।

    अवश्य पढ़ें :- कुंडली में केतु अशुभ हो तो आत्मबल की होती है कमी, भय लगना, बुरे सपने आना, डिप्रेशन का होता है शिकार, केतु के शुभ फलो के लिए करे ये उपाय
  • द्वितीय करण : – बव 02.55 AM मंगलवार 23 सितम्बर तक
  • करण के स्वामी, स्वभाव :-    बव करण के स्वामी इंद्र देव और स्वभाव सौम्य है ।
  • ब्रह्म मुहूर्त : 4.31 AM से 5.17 AM तक
  • विजय मुहूर्त : 14.24 PM से 15.14 PM तक
  • गोधूलि मुहूर्त : 18.34 PM से 18.57 PM तक
  • अमृत काल : 12.35 AM से 14.04 AM तक
  • विशेष – प्रतिपदा को कद्दू का सेवन नहीं करना चाहिए । 
  • पर्व त्यौहार- नवरात्री का पहला दिन, जय माँ शैलपुत्री
  • मुहूर्त (Muhurt) –

“हे आज की तिथि ( तिथि के स्वामी ), आज के वार, आज के नक्षत्र ( नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो “।

आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।

अपने धर्म, अपनी संस्कृति अपने नैतिक मूल्यों के प्रचार, प्रसार के लिए तन – मन – धन से अपना बहुमूल्य सहयोग करें । आप हमें अपनी इच्छा – सामर्थ्य के अनुसार सहयोग राशि 9425203501 पर Google Pay कर सकते है ।
आप पर ईश्वर की असीम अनुकम्पा की वर्षा होती रहे ।

22 सितम्बर 2025 का पंचांग, 22 September 2025 ka Panchang, aaj ka panchang, aaj ka rahu kaal, aaj ka shubh panchang, monday ka panchang, monday ka rahu kaal, panchang, somvar ka panchang, somvar ka rahu kaal, somvar ka shubh panchang,

आज का पंचांग, आज का राहुकाल, आज का शुभ पंचांग, पंचांग, मंडे का पंचांग, मंडे का राहुकाल, सोमवार का पंचांग, सोमवार का राहु काल, सोमवार का शुभ पंचांग

ज्योतिषाचार्य मुक्ति नारायण पाण्डेय 9425203501
( हस्त रेखा, कुंडली, ज्योतिष विशेषज्ञ 7587346995)


दोस्तों यह साईट बिलकुल निशुल्क है। यदि आपको इस साईट से कुछ भी लाभ प्राप्त हुआ हो, आपको इस साईट के कंटेंट पसंद आते हो तो मदद स्वरुप आप इस साईट को प्रति दिन ना केवल खुद ज्यादा से ज्यादा विजिट करे वरन अपने सम्पर्कियों को भी इस साईट के बारे में अवश्य बताएं …..धन्यवाद ।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Comment form message

Aacharya Mukti Narayan Pandey Adhyatma Jyotish paramarsh Kendra Raipur

सोमवार का पंचांग, Somwar Ka Panchang, 27 अक्टूबर 2025 का पंचांग,

सोमवार का पंचांग, Somwar Ka Panchang, 27 अक्टूबर 2025 का पंचांग, रविवार का पंचांग मंगलवार का पंचांग सोमवार का पंचांग, Somwar Ka Panchang, 27...