बुधवार का पंचांग, Budhwar Ka Panchang, 24 सितम्बर 2025 का पंचांग,
आप सभी को तीसरे नवरात्र की हार्दिक शुभकामनायें, जय माँ चंद्रघंटा
बुधवार का पंचांग, Budhwar Ka Panchang, 24 सितम्बर 2025 का पंचांग,
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पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :- 1:- तिथि (Tithi) 2:- वार (Day) 3:- नक्षत्र (Nakshatra) 4:- योग (Yog) 5:- करण (Karan)
पंचाग (panchang) का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचाग (panchang) का श्रवण करते थे ।
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बुधवार का पंचांग (Budhwar Ka Panchang)
24 सितम्बर 2025 का पंचांग, ( Panchang ), 24 September 2025 ka Panchang,
गणेश गायत्री मंत्र :
ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात ।।
।। आज का दिन मंगलमय हो ।।
* दिन (वार) – बुधवार के दिन तेल का मर्दन करने से अर्थात तेल लगाने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है धन लाभ मिलता है।
बुधवार का दिन विघ्नहर्ता गणेश का दिन हैं। बुधवार के दिन गणेश जी के परिवार के सदस्यों का नाम लेने से जीवन में शुभता आती है।
शरद पूर्णिमा के दिन इस उपाय से जीवन भर भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी की मिलेगी असीम कृपा,
बुधवार के दिन गणेश जी को रोली का तिलक लगाकर, दूर्वा अर्पित करके लड्डुओं का भोग लगाकर उनकी की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
इस उपाय से शरीर रहेगा निरोगी, शक्ति रहेगी भरपूर, बुढ़ापा पास भी नहीं आएगा, जानिए रोगनाशक दिव्य आहार,
* बुधवार को सभी ग्रहो के राजकुमार बुध देव की आराधना करने से ज्ञान मिलता है, वाकपटुता में प्रवीणता आती है, धन लाभ होता है ।
बुधवार को गाय को हरा चारा खिलाने तथा रात को सोते समय फिटकरी से दाँत साफ करने से आर्थिक पक्ष मजबूत होता है ।
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*विक्रम संवत् 2082,
*शक संवत – 1947
*कलि संवत 5127
*अयन – दक्षिणायण
*ऋतु – वर्षा ऋतु
*मास – अश्विन माह
*पक्ष – शुक्ल पक्ष
*चंद्र बल – मेष, वृषभ, सिंह, तुला , धनु, मकर,
बुधवार को बुध की होरा :-
प्रात: 5.59 AM से 7.04 AM तक
दोपहर 01.27 PM से 2.18 PM तक
रात्रि 20.19 PM से 9.18 PM तक
बुधवार को बुध की होरा में हाथ की सबसे छोटी उंगली और बुध पर्वत को हल्के हल्के रगड़ते हुए अधिक से अधिक बुध देव के मन्त्र का जाप करें ।
ज्योतिष, पढ़ाई, लिखाई, सीखने, वाकपटुता, अपना प्रभाव डालने और व्यापार में सफलता के लिए बुध की होरा अति उत्तम मानी जाती है ।
बुधवार के दिन बुध की होरा में बुध देव के मंत्रो का जाप करने से कुंडली में बुध ग्रह मजबूत होते है, पूरे दिन शुभ फलो की प्राप्ति होती है ।
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बुध देव के मन्त्र
“ॐ बुं बुधाय नमः” अथवा
“ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:।।”
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- तिथि (Tithi) – तृतीया तिथि पूर्ण रात्रि तक,
- तिथि के स्वामी – तृतीया तिथि की स्वामी माँ गौरी और कुबेर देव जी है I
आज शरद नवरात्री का तीसरा दिन है । नवरात्री के तीसरे दिन माँ चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। माँ का यह स्वरूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है।
इनके मस्तक में घंटे का आकार का अर्धचंद्र सुशोभित है, इसी कारण से इन्हें चंद्रघंटा देवी के नाम से जाना जाता है।
माँ चंद्रघंटा के शरीर का रंग स्वर्ण के समान चमकीला है। माता के दस हाथ हैं जिनमे तलवार, त्रिशूल, खड्ग, बाण आदि अस्त्र विभूषित हैं। माता का वाहन सिंह है।
मां चंद्रघंटा देवी देवी पार्वती का विवाहित रूप हैं। भगवान भोलेनाथ जी से विवाह करने के बाद माता ने अपने मस्तक पर अर्धचंद्र को सजाना शुरू कर दिया था, इसीलिए मां पार्वती को मां चंद्रघंटा के नाम से जाना जाता है।
नवरात्री के तीसरे दिन माता के भक्त का मन ‘मणिपूर’ चक्र में प्रविष्ट होता है। माँ चंद्रघंटा के घंटे की ध्वनि सदा अपने भक्तों की रक्षा करती है।
मां चंद्रघंटा की कृपा से भक्तो के समस्त संकटो और पापो का नाश हो जाता हैं। मान्यता है कि मां अपने भक्तों पर प्रसन्न होकर उन्हें उन्हें सुख-शांति व समृद्धि प्रदान करती हैं ।
आज माँ के मन्त्र का जाप अवश्य करें
या देवी सर्वभूतेषु माँ चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
मां चन्द्रघंटा को नारंगी रंग प्रिय है। माँ की पूजां के समय भक्तो को नारंग, गेरुए रंग के वस्त्र धारण करना चाहिए।
तीसरे नवरात्रि Navratri के दिन माता चंद्रघंटा को मिश्री, खीर या दूध से बनी मिठाई का भोग लगाकर इसका प्रसाद वितरित करें, इससे माता के भक्तों के सभी दुख और भय दूर हो जाते है ।
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नक्षत्र (Nakshatra) – चित्रा 16.16 PM तक तत्पश्चात स्वाति ।
नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी- चित्रा नक्षत्र के देवता विश्वकर्मा जी एवं चित्रा नक्षत्र के स्वामी मंगल देव जी है ।
चित्रा नक्षत्र नक्षत्र मंडल में उपस्थित 27 नक्षत्रों में 14 वां है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, चित्रा नक्षत्र का शासक ग्रह चंद्र देव जी है।
यह एक मोती या उज्ज्वल गहने की तरह है जो चमकते प्रकाश सा हमारे भीतर की आत्मा का प्रतीक है। 27 नक्षत्रों में चित्रा नक्षत्र सबसे ज्यादा चमकने वाला नक्षत्र भी बताया जाता है ।
चित्रा नक्षत्र कलात्मकता, रचनात्मकता का प्रतीक है, इसीलिए इस नक्षत्र के लोग अपने क्षेत्र में बहुत ही प्रवीण होते है वह साधारण चीज़ को भी और भी अधिक खूबसूरत, विशेष बनाते है, उसके मूल्य को बढ़ा देते हैं।
चित्रा नक्षत्र में जन्म लेने वाले पुरुष बहुत मेहनती होते हैं। इसके बावजूद सफलता प्राप्त करने में इन्हें 32 साल की उम्र तक संघर्ष करना पड़ता है।
इस नक्षत्र का आराध्य वृक्ष : बेल तथा स्वाभाव तीक्ष्ण माना गया है। चित्रा नक्षत्र स्टार का लिंग मादा है।
चित्रा नक्षत्र के लिए भाग्यशाली संख्या 5, 6 और 9, भाग्यशाली रंग, काला, भाग्यशाली दिन रविवार और बुधवार माना जाता है ।
चित्रा नक्षत्र में जन्मे जातको को तथा जिस दिन यह नक्षत्र हो उस दिन सभी को “ॐ चित्रायै नमः”l। मन्त्र माला का जाप अवश्य करना चाहिए ।
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- योग (Yog) – इन्द्र 21.03 PM तत्पश्चात वैधृति
- योग के स्वामी, स्वभाव :- इंद्र योग के स्वामी पितृ देव जी एवं स्वभाव श्रेष्ठ माना जाता है ।
- प्रथम करण : – तैतिल 17.56 PM तक
- करण के स्वामी, स्वभाव :- तैतिल करण के स्वामी विश्वकर्मा जी और स्वभाव सौम्य है ।
- द्वितीय करण : – गर पूरी रात्रि तक
- करण के स्वामी, स्वभाव :- गर करण के स्वामी भूमि तथा स्वभाव सौम्य है ।
- ब्रह्म मुहूर्त : 4.35 AM से 5.23 AM तक
- विजय मुहूर्त : 14.14 PM से 15.02 PM तक
- गोधूलि मुहूर्त : 18.15 PM से 18.39 PM तक
- अमृत काल : 09.11 AM से 10.57 AM तक
इन उपायों से धन संपत्ति खींची चली आएगी, किसी चीज़ का नहीं रहेगा अभाव
- दिशाशूल (Dishashool)- बुधवार को उत्तर दिशा में दिशा शूल होता है ।
इस दिन कार्यों में सफलता के लिए घर से सुखा / हरा धनिया या तिल खाकर जाएँ । - गुलिक काल : – बुधवार का गुलिक काल 10:30 AM से 12 PM बजे तक ।
- राहुकाल (Rahukaal) : – बुधवार का राहुकाल दिन 12:00 PM से 1:30 PM तक ।
- सूर्योदय – प्रातः 6.10 AM
- सूर्यास्त – सायं 18.15 PM
- विशेष – तृतीया तिथि को परवल का सेवन नहीं करना चाहिए, तृतीया तिथि को परवल का सेवन करने से शत्रुओं में वृद्धि होती है
- मुहूर्त :-
- पर्व त्यौहार- नवरात्री का तीसरा दिन, जय माँ चंद्रघंटा
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“हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र (नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो “।
आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।
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