शुक्रवार के दिन शुक्र ग्रह की आराधना करने से जीवन में समस्त सुख, ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है, दाम्पत्य जीवन सुखमय होता है बड़ा भवन, विदेश यात्रा के योग बनते है।
*विक्रम संवत् 2081,
* शक संवत – 1946, *कलि संवत – 5126 * अयन – उत्त्तरायण, * ऋतु – बसंत ऋतु, * मास – फाल्गुन माह * पक्ष – शुक्ल पक्ष *चंद्र बल – वृषभ, मिथुन, कन्या, वृश्चिक, मकर, कुम्भ
दाहिने हाथ के अंगूठे से नीचे के हिस्से ( शुक्र का स्थान ) और अंगूठे पर थोड़ा सा इत्र लगाकर, ( इत्र ना मिले तो उसके बिना भी कर सकते है) बाएं हाथ के अंगूठे से उस हिस्से को शुक्र की होरा में “ॐ शुक्राये नम:” या
‘ॐ द्रांम द्रींम द्रौंम स: शुक्राय नम:।’ मंत्र का अधिक से अधिक जाप करते हुए अधिक से अधिक रगड़ते / मसाज करते रहे ( कम से कम 10 मिनट अवश्य )I
यह उपाय आप कोई भी काम करते हुए चुपचाप कर सकते है इसके लिए किसी भी विधि विधान की कोई आवश्यकता नहीं है I
सुख समृद्धि, ऐश्वर्य, बड़ा भवन, विदेश यात्रा, प्रेम, रोमांस, सुखी दाम्पत्य जीवन के लिए शुक्रवार की होरा अति उत्तम मानी जाती है ।
शुक्रवार के दिन शुक्र की होरा में शुक्रदेव देव के मंत्रो का जाप करने से कुंडली में शुक ग्रह मजबूत होते है, पूरे दिन शुभ फलो की प्राप्ति होती है ।
नक्षत्र ( Nakshatra ) : शतभिषा 13.40 PM तक तत्पश्चात पूर्व भाद्रपद ,
नक्षत्र के स्वामी :– शतभिषा नक्षत्र के देवता वरुण देव जी और शतभिषा के स्वामी राहु जी है ।
शतभिषा नक्षत्र का स्थान आकाश मंडल के नक्षत्रो में 24 वां है।। ‘शतभिषा’ का अर्थ है ‘सौ चिकित्सक’ अथवा ‘सौ चिकित्सा’। यह एक चक्र, एक बैल गाड़ी जो चिकित्सा का प्रतीक है जैसा प्रतीत होता है। ऐसे जातक पर राहु और शनि का प्रभाव रहता है।
शताभिषा नक्षत्र सितारे का लिंग तटस्थ है। शताभिषा नक्षत्र का आराध्य वृक्ष: कदंब, तथा स्वाभाव चर होता है ।
यदि कुंडली में राहु और शनि का प्रभाव अच्छा है तो जातक दार्शनिक, वैज्ञानिक, अच्छे आचरण वाला, आत्मविश्वास से भरा हुआ, महत्वाकांक्षी, साहसी, सदाचारी, दाता, धार्मिक लेकिन कठोर स्वाभाव वाला होता है।
लेकिन राहु के खराब होने पर जातक तंत्र मन्त्र पर बहुत विश्वास रखने वाला, वहमी, शक्की, पराई स्त्री पर आसक्त रहने वाला, कलह प्रिय, घर से दूर रहने की चाह रखने वाला, घर वालो को दुःख देने वाला होता है ।
अत: शतभिषा नक्षत्र के जातको को राहु को अपने अनुकूल करने का उपाय अवश्य जी करना चाहिए ।
शतभिषा नक्षत्र के लिए भाग्यशाली संख्या 4 और 8, भाग्यशाली रंग हरा और नीला, भाग्यशाली दिन शुक्रवार, शनिवार और सोमवार होता है ।
शतभिषा नक्षत्र में जन्मे जातको को नित्य तथा अन्य सभी को आज नक्षत्र देवता नाममंत्र:- “ॐ वरुणाय नमः “ या नक्षत्र नाम मंत्र :- “ॐ शतभिषजे नमः” मन्त्र की एक माला का जाप अवश्य करना चाहिए।
शतभिषा नक्षत्र के जातको को भगवान शंकर जी की उपासना करने से आशातीत सफलता मिलती है ।
“हे आज की तिथि ( तिथि के स्वामी ), आज के वार, आज के नक्षत्र ( नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो “। आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।
मित्रो हम इस साईट के माध्यम से वर्ष 2010 से निरंतर आप लोगो के साथ जुड़े है। आप भारत या विश्व के किसी भी स्थान पर रहते है, अपने धर्म अपनी संस्कृति को प्रत्येक व्यक्ति तक पहुँचाने के लिए Aacharya muktinarayan Pandey Adhyatm jyotish paraamarsh Kendra Raipur Chhattisgarh www.memorymuseum.net के साथ अवश्य जुड़ें, हमारा सहयोग करें ।
अगर नित्य पंचाग पढ़ने से आपको लाभ मिल रहा है, आपका आत्मविश्वास बढ़ रहा है, आपका समय आपके अनुकूल हो रहा है तो आप हमें अपनी इच्छा – सामर्थ्य के अनुसार कोई भी सहयोग राशि 9425203501 पर Google Pay कर सकते है ।
आप पर ईश्वर का सदैव आशीर्वाद बना रहे । आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।
28 फरवरी 2025 का पंचांग, 28 February 2025 ka Panchang, aaj ka panchang, aaj ka rahu kaal, aaj ka shubh panchang, friday ka panchang, panchang, shukrawar ka panchang, Shukravar Ka Panchang, shukrawar ka rahu kaal, shukrwar ka shubh panchang, आज का पंचांग, आज का राहुकाल, आज का शुभ पंचांग, पंचांग, फ्राइडे का पंचांग, शुक्रवार का पंचांग, शुक्रवार का राहु काल, शुक्रवार का शुभ पंचांग,
ज्योतिषाचार्य मुक्ति नारायण पाण्डेय 9425203501 ( हस्त रेखा, कुंडली, ज्योतिष विशेषज्ञ 07714070168 7587346995)
दोस्तों यह साईट बिलकुल निशुल्क है। यदि आपको इस साईट से कुछ भी लाभ प्राप्त हुआ हो, आपको इस साईट के कंटेंट पसंद आते हो तो मदद स्वरुप आप इस साईट को प्रति दिन ना केवल खुद ज्यादा से ज्यादा विजिट करे वरन अपने सम्पर्कियों को भी इस साईट के बारे में अवश्य बताएं …..धन्यवाद ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Comment form message