सोमवार का पंचांग, Somwar Ka Panchang, 27 नवम्बर 2023 का पंचांग,

आप सभी को कार्तिक पूर्णिमा और देव दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें

सोमवार का पंचांग, Somwar Ka Panchang, 27 नवम्बर 2023 का पंचांग, 27 November 2023 ka Panchang,

Panchang, पंचाग, आज का पंचांग, aaj ka panchang, ( Panchang 2023, हिन्दू पंचाग, Hindu Panchang ) पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :-


1:- तिथि (Tithi)
2:- वार (Day)
3:- नक्षत्र (Nakshatra)
4:- योग (Yog)
5:- करण (Karan)

पंचाग (panchang) का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचाग (panchang) का श्रवण करते थे ।
जानिए, सोमवार का पंचांग, Somvar Ka Panchang।

कार्तिक पूर्णिमा के दिन इस तरह से करें स्नान, अक्षय पुण्य की होगी प्राप्ति 

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सोमवार का पंचांग, Somvar Ka Panchang,

27 नवम्बर 2023 का पंचांग, 27 November 2023 ka Panchang,

महा मृत्युंजय मंत्र – ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।

  • दिन (वार) – सोमवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से पुत्र का अनिष्ट होता है शिवभक्ति को भी हानि पहुँचती है अत: सोमवार को ना तो बाल और ना ही दाढ़ी कटवाएं ।

    सोमवार के दिन भगवान शंकर की आराधना, अभिषेक करने से चन्द्रमा मजबूत होता है, काल सर्प दोष दूर होता है।

सोमवार का व्रत रखने से मनचाहा जीवन साथी मिलता है, वैवाहिक जीवन में लम्बा और सुखमय होता है।

जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए हर सोमवार को शिवलिंग पर पंचामृत या मीठा कच्चा दूध एवं काले तिल चढ़ाएं, इससे भगवान महादेव की कृपा बनी रहती है परिवार से रोग दूर रहते है।

सोमवार के दिन शिव पुराण के अचूक मन्त्र “श्री शिवाये नमस्तुभ्यम’ का अधिक से अधिक जाप करने से समस्त कष्ट दूर होते है. निश्चित ही मनवाँछित लाभ मिलता है।

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*विक्रम संवत् 2080,
* शक संवत – 1945,
*कलि संवत 5124
* अयन – दक्षिणायण,
* ऋतु – शरद ऋतु,
* मास – कार्तिक माह,
* पक्ष – शुक्ल पक्ष
*चंद्र बल – वृषभ, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु, मीन,

सोमवार को चन्द्रमा की होरा :-

प्रात: 6.47 AM से 7.40 AM तक

दोपहर 12.59 PM से 1.52 PM तक

रात्रि 19.39 PM से 8.46 PM तक

सोमवार को चन्द्रमा की होरा में अधिक से अधिक चन्द्र देव के मन्त्र का जाप करें। यात्रा, प्रेम, प्रसन्नता, कला सम्बन्धी कार्यो के लिए चन्द्रमा की होरा अति उत्तम मानी जाती है।

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सोमवार के दिन चन्द्रमा की होरा में चंद्रदेव के मंत्रो का जाप करने से कुंडली में चंद्र देव मजबूत होते है, पूरे दिन शुभ फलो की प्राप्ति होती है ।

चन्द्रमा के मन्त्र

ॐ सों सोमाय नम:।

ॐ श्रीं श्रीं चन्द्रमसे नम: ।

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  • तिथि (Tithi) – पूर्णिमा 14.45 PM तक तत्पश्चात प्रतिपदा
  • तिथि का स्वामी – पूर्णिमा तिथि के स्वामी चंद्र दे जी और प्रतिपदा तिथि के स्वामी अग्नि देव जी है ।

  • आज अति शुभ कार्तिक पूर्णिमा है । भगवान श्रीकृष्ण ने इस मास की व्याख्या करते हुए कहा है, ‘पौधों में तुलसी , मासों में कार्तिक , दिवसों में एकादशी और तीर्थों में द्वारका मेरे हृदय के सबसे निकट है।’
  • पुराणों में कार्तिक पूर्णिमा को स्नान,व्रत, तप एवं दान को मोक्ष प्रदान करने वाला बताया गया है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन सूर्योदय से पूर्ण पवित्र नदी में या घर में जल में गंगा जल डाल कर स्नान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है ।
  • कार्तिक पूर्णिमा में किए स्नान का फल, एक हजार बार किए गंगा स्नान के समान, सौ बार माघ स्नान के समान, वैशाख माह में नर्मदा नदी पर करोड़ बार स्नान के समतुल्य होता है।
  • आज के दिन ही भगवान भोलेनाथ ने त्रिपुरासुर नामक महाभयानक असुर का अंत किया था और वे त्रिपुरारी के रूप में पूजित हुए थे, इसीलिए कार्तिक पूर्णिमा / त्रिपुरी पूर्णिमा या गंगा स्नान के नाम से भी जाना जाता है।
  • माना जाता है कि इस दिन कृतिका में शिव शंकर के दर्शन करने से मनुष्य अगले सात जन्म तक ज्ञानी, धनवान और भाग्यशाली होता है।
  • कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान सत्य नारायण की कथा महा फलदाई है।
  • पुराणों के अनुसार, इसी दिन भगवान विष्णु ने प्रलय काल में धर्म, वेदों की रक्षा के लिए तथा सृष्टि की रक्षा के लिए मत्स्य अवतार धारण किया था।
  • इसके अतिरिक्त आषाढ़ शुक्ल एकादशी से भगवान विष्णु चार मास के लिए योगनिद्रा में लीन होकर कार्तिक शुक्ल एकादशी को पुन: उठते हैं और पूर्णिमा से कार्यरत हो जाते हैं।
  • कहते है कि इस दिन जो भी दान किया जाता हैं हमें उसका अनंत गुना लाभ मिलता है। यह भी मान्यता है कि इस दिन व्यक्ति जो कुछ भी दान करता है वह उसके लिए स्वर्ग में संरक्षित रहता है जो मृत्यु के बाद स्वर्ग में उसे पुनःप्राप्त होता है।
  • धनतेरस के दिन यह खरीदने से घर से दरिद्रता का होगा नाश, लक्ष्मी जी का होगा वास, इस लिए धनतेरस पर यह अनिवार्य रूप से खरीदें,

कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीपावली का पर्व मनाया जाता है । देव दीपावली के दिन घरो, मंदिरो को दीपक जलाकर सजाते है ।

जब देवोत्थान एकादशी को भगवान विष्णु योगनिद्रा से जागते हैं, तब उसके पश्चात कार्तिक पूर्णिमा के दिन देवता दीपावली मनाते हैं, जिसे देव दिवाली, कहते है, जिसमें माँ लक्ष्मी भगवान श्री नारायण के साथ विराजती हैं, और उनकी पूजा की जाती है।

मान्यता है कि देव दीपावली को मनाने के लिए स्वर्ग से देवता गंगा नदी के पावन घाटों पर अदृश्य रूप में अवतरित होते हैं और सभी देव दीपक जलाते है। देव दीपावली के दिन ही दीपावली समारोह का अंत माना जाता है।

देव दीपावली वाराणसी शहर का प्रमुख त्यौहार है। देव दीपावली के दिन वाराणसी के घाटो पर हजारो दीपक प्रज्जवलित किये जाते है। इस दिन गंगा नदी के तट पर महा गंगा आरती और आतिशबाजी का आयोजन किया जाता है ।

माना जाता है कि इस दिन संध्याकाल में जो मनुष्य अपने घरो को दीपक के प्रकाश से प्रकाशित करते है उनके जीवन के सभी अंधकार दूर हो जाते है उन्हें भगवान शिव, विष्णु जी और माँ लक्ष्मी जी की भी पूर्ण कृपा प्राप्त होती है, उनके घर कारोबार में सुख-समृद्धि और हर्ष का वास होता है।
माँ लक्ष्मी ऐसे मनुष्यों के घरों में सदैव स्थाई रूप से निवास करती है ।

सोमवती अमावस्या के दिन इस उपाय को करने से समस्त जन्मो के पापो का होता है नाश, जानिए सोमवती अमावस्या के उपाय

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  • नक्षत्र (Nakshatra) – कृतिका दोपहर 1.35 PM तक तत्पश्चात रोहिणी
  • नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी-     कृतिका नक्षत्र के देवता अग्नि देव और स्वामी सूर्य देव जी है ।  
     

कृत्तिका नक्षत्र आकाश मंडल में तीसरा नक्षत्र है जो सात सितारों के एक समूह,आग को दर्शाता है और इसे शक्ति और ऊर्जा का अंतिम स्रोत माना जाता है।

यह नक्षत्र भगवान अग्नि देव द्वारा शासित है । कृत्तिका नक्षत्र स्टार का लिंग मादा है।

कृतिका नक्षत्र का तत्व अग्नी, आराध्य वृक्ष उंबर, औदुंबर और नक्षत्र स्वभाव क्रूर माना गया है ।

कृत्तिका नक्षत्र के लिए भाग्यशाली संख्या 1, 2, 3 और 9, भाग्यशाली रंग पीला और लाल , भाग्यशाली दिन मंगलवार और रविवार होता है ।

कृतिका नक्षत्र में जन्मे जातको को नित्य तथा अन्य सभी को आज गायत्री मन्त्र “ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्॥” मन्त्र की एक माला का जाप करना चाहिए इससे जीवन की सभी बाधाएं दूर होती है।

कृत्तिका नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातको को गूलर के पेड़ की पूजा करनी चाहिए और अपने घर अथवा मंदिर में गूलर के पेड को लगाकर उसकी सेवा करनी चाहिए ।

  अगर पश्चिम मुख का है आपका घर तो ऐसा रहना चाहिए आपके घर का वास्तु, जानिए पश्चिम दिशा के अचूक वास्तु टिप्स 
  • योग(Yog) – शिव 23.39 PM तक तत्पश्चात सिद्ध
  • योग के स्वामी :-   शिव योग के स्वामी मित्र देव एवं स्वभाव श्रेष्ठ माना जाता है ।
  • प्रथम करण : – बव
  • करण के स्वामी, स्वभाव :-  बव करण के स्वामी इंद्र देव और स्वभाव सौम्य है।

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  • द्वितीय करण : – बालव
  • करण के स्वामी, स्वभाव :- बालव करण के स्वामी ब्रह्म जी और स्वभाव सौम्य है।
  • गुलिक काल : – दोपहर 1:30 से 3 बजे तक ।
  • विशेष – पूर्णिमा के दिन क्रोध करना, माँस – मदिरा का सेवन करना, तिल के तेल का सेवन करना, सहवास करना निषिद्ध है ।
  • पर्व त्यौहार- कार्तिक पूर्णिमा, देव दीपावली,
  • मुहूर्त (Muhurt) –

“हे आज की तिथि ( तिथि के स्वामी ), आज के वार, आज के नक्षत्र ( नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो “।

आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।

अपने धर्म, अपनी संस्कृति अपने नैतिक मूल्यों के प्रचार, प्रसार के लिए तन – मन – धन से अपना बहुमूल्य सहयोग करें । आप हमें अपनी इच्छा – सामर्थ्य के अनुसार सहयोग राशि 9425203501 पर Google Pay कर सकते है ।
आप पर ईश्वर की असीम अनुकम्पा की वर्षा होती रहे ।

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ज्योतिषाचार्य मुक्ति नारायण पाण्डेय
( हस्त रेखा, कुंडली, ज्योतिष विशेषज्ञ )

समंर्प सूत्र:9425203501
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