मंगलवार का पंचांग, Mangalwar Ka Panchang, 24 अक्टूबर 2023 का पंचांग,

मंगलवार का पंचांग, Mangalwar Ka Panchang, 24 अक्टूबर 2023 का पंचांग,

आप सभी को विजयादशमी पर्व की हार्दिक शुभकामनायें


मंगलवार का पंचांग, Mangalwar Ka Panchang,

Panchang, पंचाग, ( Panchang 2023, हिन्दू पंचाग, Hindu Panchang ) पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :-


1:- तिथि (Tithi)
2:- वार (Day)
3:- नक्षत्र (Nakshatra)
4:- योग (Yog)
5:- करण (Karan)




पंचाग (panchang) का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचाग (panchang) का श्रवण करते थे ।
जानिए मंगलवार का पंचांग (Mangalvar Ka Panchang)।

शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।
वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।
नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।
योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।
*करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।
इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचांग को देखना, पढ़ना चाहिए ।

आज का पंचांग, Aaj ka Panchangमंगलवार का पंचांग, Mangalvar Ka Panchang,

24 अक्टूबर 2023 का पंचांग, 24 October 2023 ka panchang,

हनुमान जी का मंत्र : हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट् ।

।। आज का दिन मंगलमय हो ।।

*विक्रम संवत् 2080,
*शक संवत – 194
5
*कलि सम्वत 5124
*अयन – 
दक्षिणायण
*ऋतु – शरद
 ऋतु
*मास –
 अश्विन माह,
*पक्ष – शुक्ल पक्ष
*चंद्र बल – मेष, वृषभ, सिंह, कन्या, धनु, कुम्भ,

मंगलवार को मंगल की होरा :-

प्रात: 6.27 AM से 7.23 AM तक

दोपहर 13.01 PM से 1.57 PM तक

रात्रि 19.50 PM से 8.54 PM तक

मंगलवार को मंगल की होरा में हाथ की निम्न मंगल पर दो बूंद सरसो का तेल लगा कर उसे हल्के हल्के रगड़ते हुए अधिक से अधिक मंगल देव के मन्त्र का जाप करें ।

कृषि, भूमि, भवन, इंजीनियरिंग, खेलो, साहस, आत्मविश्वास

और भाई के लिए मंगल की होरा अति उत्तम मानी जाती है ।

मंगलवार के दिन मंगल की होरा में मंगल देव के मंत्रो का जाप करने से कुंडली में मंगल मजबूत होते है, पूरे दिन शुभ फलो की प्राप्ति होती है ।

 दाम्पत्य जीवन में प्रेम, मनचाहा प्यार पाने के लिए नवरात्री में आज अवश्य करें ये उपाय,

मंगल देव के मन्त्र

ॐ अं अंगारकाय नम: अथवा

ॐ भौं भौमाय नम:”

नवरात्री में करनी है कलश की स्थापना, रखने है ब्रत, करना है माता को प्रसन्न तो ऐसे करें नवरात्री की तैयारी,

अगर पूरी करनी चाहते है अपनी सभी मनोकामनाएं तो अवश्य ही घर पर लगाएं यह वृक्ष

तिथि :- दशमी 15.14 PM तक तत्पश्चात एकादशी

तिथि के स्वामी :- दशमी तिथि के स्वामी यमराज जी और एकादशी तिथि के स्वामी भगवान विश्व देव जी है ।

नवरात्री में माँ दुर्गा की स्वरूप कन्याओं की इस तरह से पूजा, अवश्य जानिए नवरात्री में कन्या पूजन की सही विधि 

आज विजयादशमी / दशहरे का महा पर्व है । विजयदशमी या दशहरा भारत का प्रमुख पर्व है , जो राजा राम की लंका नरेश रावण पर विजय के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। दशहरा या विजया दशमी नवरात्रि के बाद दसवें दिन मनाया जाता है।

शास्त्रो के अनुसार लंकापति रावण भगवान श्री राम की पत्नी सीता माँ का अपहरण कर उन्हें लंका ले गया था। भगवान श्री राम ने अपने भाई लक्ष्मण, मित्र सुग्रीव, भक्त हनुमान, के साथ बंदरों की सेना लेकर सीता माँ को छुड़ाने के लिए लंका पर चढाई कर दी थी फिर एक बड़े युद्ध के पश्चात रावण का वध करके सीता जी को छुड़ाया गया था।

भगवान राम मां दुर्गा के परम भक्त थे, शास्त्रो के अनुसार सर्वप्रथम उन्होंने ही युद्ध के दौरान पहले नौ दिनों तक मां दुर्गा की पूजा की और दसवें दिन के युद्ध में दुष्ट रावण का वध किया। इसी उपलक्ष्य में नवरात्री और तत्पश्चात विजयदशमी का पर्व मनाया जाता है।

यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। इस दिन रावण, उसके भाई कुम्भकर्ण और पुत्र मेघनाद के पुतले अच्छाई की बुराई पर विजय के उपलक्ष्य में जलाए जाते हैं।

विजयादशमी वर्ष की तीन अत्यंत शुभ तिथियों में से एक है, दो अन्य तिथियाँ हैं – चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की दशमी और कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा।

इसी शुभ दिन भारतवर्ष में बच्चे अक्षरारम्भ करते हैं। इसी दिन लोग नवीन शुभ कार्यो का आरम्भ करते हैं, प्राचीन काल में इसी दिन श्रवण नक्षत्र में राजा शत्रु पर आक्रमण करते थे, और विजय तथा शांति के लिए इस तिथि को शुभ मानते थे।

विजयादशमी के दिन शास्त्रो की पूजा की जाती है। इस दिन अपराजिता देवी की पूजा होती है जिनके आशीर्वाद से जीवन में साहस एवं निडरता की प्राप्ति होती है, इनका पूजन सर्वसुख देने वाला है।

विजयदशमी के पर्व पर शमी और अपराजिता वृक्ष की पूजा करना अत्यंत शुभ फलो को प्रदान करने वाला है ।

विजयदशमी के दिन नीलकंठ पक्षी का दर्शन बहुत ही शुभ माना जाता है। माना जाता है इस दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन से सभी मनोकामनाएँ अवश्य ही पूर्ण होती है।

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  • नक्षत्र (Nakshatra) – धनिष्ठा 15.28 PM तक तत्पश्चात शतभिषा
  • नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी-  विशाखा नक्षत्र के देवता इंद्राग्नी (इंद्र और अग्नि) और स्वामी बृहस्पति देव जी है । 

विशाखा नक्षत्र, नक्षत्र मंडल में उपस्थित 27 नक्षत्रों में 16वां है।

विशाखा नक्षत्र देवी राधा के साथ सम्बंधित है जो उनकी प्रसन्नता को दर्शाता है, भगवान श्री कृष्ण के प्रति उनके प्रेम को दर्शाता है।

विशाखा नक्षत्र वास्तव में पत्तियों से सजाया गया एक तोरण द्वार का प्रतीक है, जिसका मुख्य रूप से विवाह समारोहों में आवश्यकता है।

इस नक्षत्र का आराध्य वृक्ष : कटाई, नागकेशर तथा स्वाभाव अशुभ माना गया है। विशाखा नक्षत्र सितारे का लिंग महिला है।

इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक पर जीवन भर बृहस्पति देव जी का प्रभाव बना रहता है।

विशाखा नक्षत्र वाले जातको के लिए भाग्यशाली संख्या 3 और 9,  भाग्यशाली रंग, सुनहरा,  भाग्यशाली दिन  मंगलवार, शुक्रवार और गुरुवार माना जाता है ।

विशाखा नक्षत्र में जन्मे जातको को तथा जिस दिन यह नक्षत्र हो उस दिन सभी को "ॐ इंद्राग्नीभ्यां नमः" अथवा “ॐ विशाखाभ्यां नमः”। मन्त्र की एक माला का जाप अवश्य करना चाहिए ।

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  • योग :- गण्ड 15.40 PM तक तत्पश्चात वृद्धि
  • योग के स्वामी :- गण्ड योग के स्वामी अग्नि एवं स्वभाव हानिकारक माना जाता है ।
  • प्रथम करण : – गर 15.14 PM तक
  • करण के स्वामी, स्वभाव :-  गर करण के स्वामी भूमि तथा स्वभाव सौम्य है ।
  • द्वितीय करण : – वणिज
  • करण के स्वामी, स्वभाव :-  वणिज करण की स्वामी लक्ष्मी देवी और स्वभाव सौम्य है ।
  • गुलिक काल : – दोपहर 12:00 से 01:30 तक है ।
  • दिशाशूल (Dishashool)- मंगलवार को उत्तर दिशा का दिकशूल होता है।

    यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से गुड़ खाकर जाएँ ।
  • राहुकाल (Rahukaal) दिन – 3:00 से 4:30 तक।
  • सूर्योदय – प्रातः 06:27
  • सूर्यास्त – सायं 17:43
  • विशेष – दशमी के दिन कलम्बी, परवल का सेवन नहीं करना चाहिए ।।

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  • पर्व – त्यौहार- विजयादशमी / दशहरा

“हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र (नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो “।

आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।

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ज्योतिषाचार्य मुक्ति नारायण पाण्डेय
( हस्त रेखा, कुंडली, ज्योतिष विशेषज्ञ) (07714070168+9425203501)


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