सोमवार का पंचांग, Somwar Ka Panchang, 17 जुलाई 2023 का पंचांग,

आप सभी को सावन के सोमवार, सोमवती अमावस्या की हार्दिक शुभकामनायें

सोमवार का पंचांग, Somwar Ka Panchang, 17 जुलाई 2023 का पंचांग, 17 July 2023 ka Panchang,

Panchang, पंचाग, आज का पंचांग, aaj ka panchang, ( Panchang 2023, हिन्दू पंचाग, Hindu Panchang ) पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :-


1:- तिथि (Tithi)
2:- वार (Day)
3:- नक्षत्र (Nakshatra)
4:- योग (Yog)
5:- करण (Karan)

पंचाग (panchang) का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचाग (panchang) का श्रवण करते थे ।
जानिए, सोमवार का पंचांग, Somvar Ka Panchang।

अक्षय तृतीया के दिन अवश्य ही करें ये बहुत ही छोटी सी खरीददारी, घर धन – धान्य से भरा रहेगा,

राशिनुसार इन वृक्षों की करें सेवा, चमकने लगेगा भाग्य ,  

सोमवार का पंचांग, Somvar Ka Panchang,

17 जुलाई 2023 का पंचांग, 17 July 2023 ka Panchang,

महा मृत्युंजय मंत्र – ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।

  • दिन (वार) – सोमवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से पुत्र का अनिष्ट होता है शिवभक्ति को भी हानि पहुँचती है अत: सोमवार को ना तो बाल और ना ही दाढ़ी कटवाएं ।

    सोमवार के दिन भगवान शंकर की आराधना, अभिषेक करने से चन्द्रमा मजबूत होता है, काल सर्प दोष दूर होता है।

सोमवार का व्रत रखने से मनचाहा जीवन साथी मिलता है, वैवाहिक जीवन में लम्बा और सुखमय होता है।

जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए हर सोमवार को शिवलिंग पर पंचामृत या मीठा कच्चा दूध एवं काले तिल चढ़ाएं, इससे भगवान महादेव की कृपा बनी रहती है परिवार से रोग दूर रहते है।

सोमवार के दिन शिव पुराण के अचूक मन्त्र “श्री शिवाये नमस्तुभ्यम’ का अधिक से अधिक जाप करने से समस्त कष्ट दूर होते है. निश्चित ही मनवाँछित लाभ मिलता है।

घर पर कैसा भी हो वास्तु दोष अवश्य करें ये उपाय, जानिए वास्तु दोष निवारण के अचूक उपाय

*विक्रम संवत् 2080,
* शक संवत – 1945,
*कलि संवत 5124
* अयन – उत्तरायण,
* ऋतु – ग्रीष्म ऋतु,
* मास – सावन माह,
* पक्ष – कृष्ण पक्ष
*चंद्र बल – मेष, मिथुन, सिंह, कन्या, धनु, मकर,

सोमवार को चन्द्रमा की होरा :-

प्रात: 5.33 AM से 6.42 AM तक

दोपहर 13.35 PM से 2.44 PM तक

रात्रि 21.02 PM से 9.53 PM तक

सोमवार को चन्द्रमा की होरा में अधिक से अधिक चन्द्र देव के मन्त्र का जाप करें। यात्रा, प्रेम, प्रसन्नता, कला सम्बन्धी कार्यो के लिए चन्द्रमा की होरा अति उत्तम मानी जाती है।

सोमवार के दिन चन्द्रमा की होरा में चंद्रदेव के मंत्रो का जाप करने से कुंडली में चंद्र देव मजबूत होते है, पूरे दिन शुभ फलो की प्राप्ति होती है ।

चन्द्रमा के मन्त्र

ॐ सों सोमाय नम:।

ॐ श्रीं श्रीं चन्द्रमसे नम: ।

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  • तिथि (Tithi)- अमावस्या तिथि
  • तिथि का स्वामी – अमावस्या तिथि के स्वामी पितृ देव जी है।

    आज सावन माह की अमावस्या, अति शुभ सोमवती अमावस्या / हरियाली अमावस्या है । अमावस्या तिथि के स्वामी पितृ देव को माना गया है।

सोमवती अमावस्या Somwati Amavasya कलियुग के कल्याणकारी पर्वो में से एक है । इस दिन प्रात: काल पीपल की सेवा करने, मीठा जल से सींचने, पीपल की परिक्रमा करने से सहस्र गोदान का पुण्य फल प्राप्त होता है, पापो का नाश होता है ।

पीपल के पेड़ पर पितरों का वास माना गया है। अमावस्या के दिन सुबह के समय लोहे के बर्तन में, दूध, पानी, काले तिल, शहद एवं जौ मिला कर समस्त सामग्री पीपल की जड़ में अर्पित करके पीपल की 7 परिक्रमा करें, तथा इस दौरान “ॐ सर्व पितृ देवताभ्यो नमः” मंत्र का जाप भी लगातार करते रहें ।

इस उपाय को करने से पितृ प्रसन्न होते है, उनका आशीर्वाद मिलता है ।

इस दिन विवाहित स्त्रियों द्वारा पीपल के वृक्ष की दूध, जल, पुष्प, अक्षत, चन्दन इत्यादि से पूजा और वृक्ष के चारों ओर १०८ बार धागा लपेट कर परिक्रमा करने का विधान होता है।और प्रत्येक परिक्रमा में कोई भी एक मिठाई, फल, मिश्री या मेवा चढ़ाने से विशेष लाभ होता है ।

सोमवती अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष के चारों ओर यदि धागा ना लपेट पाएं तो भी पीपल की 108 परिक्रमा करने से जन्म जन्मान्तरों के पाप का नाश होता है, भाग्य प्रबल होता है ।

इस दिन जो स्त्री तुलसी व माता पार्वती पर सिन्दूर चढ़ाकर अपनी माँग में लगाती है वह अखण्ड सौभाग्यवती बनी रहती है ।

आज पितरों की कृपा प्राप्त करने के लिए घर पर ब्राह्मण को भोजन कराएं एवं उसे यथा शक्ति दान – दक्षिणा प्रदान करें ।

अमावस्या के दिन घर पर खीर अवश्य बनायें फिर उसमें थोड़ी सी खीर दोने पर निकाल कर पित्रों के निमित पीपल पर रख आएं ।

हर अमावस्या को गहरे गड्ढे या कुएं में एक चम्मच दूध डालें इससे कार्यों में बाधाओं का निवारण होता है ।

इसके अतिरिक्त अमावस्या को आजीवन जौ दूध में धोकर बहाएं, आपका भाग्य सदैव आपका साथ देगा ।

अमावस्या पर तुलसी के पत्ते या बिल्व पत्र बिलकुल भी नहीं तोडऩा चाहिए। अमावस्या पर देवी-देवताओं को तुलसी के पत्ते और शिवलिंग पर बिल्व पत्र चढ़ाने के लिए उन्हें एक दिन पहले ही तोड़कर रख लें।

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आज भगवान शंकर जी को अति प्रिय सावन का दूसरा सोमवार है । हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार 2023 में सावन का महीना लगभग 2 महीने का होगा।

सावन मास 4 जुलाई 2023 से शुरू हो चूका है जो 31 अगस्त 2023 तक रहेगा।

अर्थात इस बार भक्तों को सावन माह में भगवान शिव की उपासना के लिए कुल 58 दिन मिलेंगे। शास्त्रों के अनुसार यह शुभ संयोग 19 साल बाद आया है।

सावन के सोमवार के दिन ब्रत रखने, भोलेनाथ जी की आराधना अभिषेक करने से जन्म जन्मान्तरों के पाप भी धूल जाते है, निश्चय ही भक्तो की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है ।

आज शंकर जी का पंचामृत / कच्चे दूध से अभिषेक करके उन्हें बेल पत्र, शमी पत्र, भांग, धतूरा, सफ़ेद पुष्प चढ़ाएं । आज के दिन मंदिर में प्रशाद के लिए मिश्री का पैकेट रखें ।

आज सावन के सोमवार पर रुद्राभिषेक का बहुत महत्व है। मान्यता है कि सावन के सोमवार के दिन रुद्राभिषेक करने से भक्तो की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती है बड़े से बड़ा अनिष्ट भी कट जाता है ।

सोमवती अमावस्या के दिन इस कथा को पढ़ने सुनने से मिलता है अक्षय पुण्य, पितरो की मिलती है असीम कृपा, अवश्य पढ़ें सोमवती अमावस्या की कथा

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  • नक्षत्र (Nakshatra)- पुनर्वसु
  • नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी-   पुनर्वसु नक्षत्र के देवता अदिति (पृथ्वी देवी), बृहस्पति, एवं नक्षत्र के स्वामी गुरु बृहस्पति जी है।  

पुनर्वसु अर्थ पुन: शुभ या पुन: बसना होता है। पुनर्वसु नक्षत्र आकाश मंडल में 7वां नक्षत्र है।

यह मर्यादा पुरषोतम भगवान श्री राम जी का जन्म नक्षत्र है। मान्यता है कि पुनर्वसु जातक के यहा केवल पुत्र ही होता है।

पुनर्वसु प्रत्येक कार्य के शुभारम्भ के लिए, नयी शुरुआत के लिए श्रेष्ठ होता है।

पुनर्वसु नक्षत्र का आराध्य वृक्ष: बांस / बांबू और नक्षत्र का स्वभाव चर माना गया है ।

पुनर्वसु नक्षत्र के लिए भाग्यशाली संख्या 3, भाग्यशाली रंग, सुनहरा, भाग्यशाली दिन गुरुवार का माना जाता है ।

पुनर्वसु नक्षत्र में जन्मे जातको को तथा जिस दिन यह नक्षत्र हो उस दिन सभी को “ॐ आदित्याय नम:”। मन्त्र का जाप अवश्य करना चाहिए ।

सोमवती अमावस्या के दिन स्वास्थ्य, शिक्षा, कानूनी विवाद, आर्थिक परेशानियों और पति-पत्नी सम्बन्धी विवाद के समाधान हेतु अवश्य ही करें ये उपाय ।

जीवन में समस्त संकटो को दूर करने, सफलता का द्वार खोलने के लिए नवरात्री में अवश्य ही करें ये उपाय,   अगर पश्चिम मुख का है आपका घर तो ऐसा रहना चाहिए आपके घर का वास्तु, जानिए पश्चिम दिशा के अचूक वास्तु टिप्स 
  • योग(Yog) – व्याघात 8.58 AM तक तत्पश्चात हर्षण
  • योग के स्वामी :-    व्याघात योग के स्वामी वायु देव एवं स्वभाव हानिकारक माना जाता है ।
  • प्रथम करण : – चतुष्पाद 11.02 AM तक
  • करण के स्वामी, स्वभाव :- चतुष्पाद करण के स्वामी रूद्र और स्वभाव क्रूर है।

    अवश्य पढ़ें :- कुंडली में केतु अशुभ हो तो आत्मबल की होती है कमी, भय लगना, बुरे सपने आना, डिप्रेशन का होता है शिकार, केतु के शुभ फलो के लिए करे ये उपाय
  • द्वितीय करण : – नाग
  • करण के स्वामी, स्वभाव :- नाग करण के स्वामी नागदेव और स्वभाव क्रूर है।
  • गुलिक काल : – दोपहर 1:30 से 3 बजे तक ।
  • विशेष –    अमावस्या, श्राद्ध और व्रत के दिन काँसे के बर्तन में भोजन करना, तिल का तेल का सेवन करना, सहवास करना निषिद्ध है।
  • पर्व त्यौहार- सावन के सोमवार, सोमवती अमावस्या
  • मुहूर्त (Muhurt) –

“हे आज की तिथि ( तिथि के स्वामी ), आज के वार, आज के नक्षत्र ( नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो “।

आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।

अपने धर्म, अपनी संस्कृति अपने नैतिक मूल्यों के प्रचार, प्रसार के लिए तन – मन – धन से अपना बहुमूल्य सहयोग करें । आप हमें अपनी इच्छा – सामर्थ्य के अनुसार सहयोग राशि 9425203501 पर Google Pay कर सकते है ।
आप पर ईश्वर की असीम अनुकम्पा की वर्षा होती रहे ।

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ज्योतिषाचार्य मुक्ति नारायण पाण्डेय
( हस्त रेखा, कुंडली, ज्योतिष विशेषज्ञ )

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