गुरुवार का पंचांग, Guruwar Ka Panchag, 20 अप्रैल 2023 का पंचांग

गुरुवार का पंचांग, Guruwar Ka Panchag, 20 अप्रैल 2023 का पंचांग,

गुरुवार का पचांग, श्री विष्णु जी सदा सहाय

गुरुवार का पंचाग, Guruwar Ka Panchag, 20 अप्रैल 2023 का पंचांग,

बृहस्पतिवार का पंचांग, Brahaspativar ka panchang,

  • Panchang, पंचाग, ( Panchang 2023, हिन्दू पंचाग, Hindu Panchang ) पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :-


1:- तिथि (Tithi)
2:- वार (Day)
3:- नक्षत्र (Nakshatra)
4:- योग (Yog)
5:- करण (Karan)

पंचाग (panchang) का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचाग (panchang) का श्रवण करते थे ।

* शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।
* वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।
* नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।
* योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।
* करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।

इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचांग को देखना, पढ़ना चाहिए ।
जानिए आज गुरुवार का पंचांग, Guruwar Ka Panchag,

मंगल श्री विष्णु मंत्र :-

मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः।
मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥

आज का पंचांग, aaj ka panchang, गुरुवार का पंचाग, Guruvar Ka Panchag,

गुरुवार का पंचाग, Guruwar Ka Panchag,

20 अप्रैल 2023 का पंचांग, 20 April 2023 Ka Panchang,

अवश्य पढ़ें :- अक्षय तृतीया के दिन इस वस्तु का दान करने, सेवन करने से समस्त पापो का होता है नाश,


  • गुरुवार का पंचाग, Guruwar Ka Panchag, 20 अप्रैल 2023 का पंचांग,
  • दिन (वार) – गुरुवार के दिन तेल का मर्दन करने से धनहानि होती है । (मुहूर्तगणपति)
  • गुरुवार के दिन धोबी को वस्त्र धुलने या प्रेस करने नहीं देना चाहिए ।

    गुरुवार को ना तो सर धोना चाहिए, ना शरीर में साबुन लगा कर नहाना चाहिए और ना ही कपडे धोने चाहिए ऐसा करने से घर से लक्ष्मी रुष्ट होकर चली जाती है ।
  • गुरुवार को पीतल के बर्तन में चने की दाल, हल्दी, गुड़ डालकर केले के पेड़ पर चढ़ाकर दीपक अथवा धूप जलाएं ।
    इससे बृहस्पति देव प्रसन्न होते है, दाम्पत्य जीवन सुखमय होता है ।

    इन उपायों से जानलेवा कोरोना वाइरस रहेगा दूर, कोरोना का जड़ से होगा सफाया,
  • गुरुवार को चने की दाल भिगोकर उसके एक हिस्से को आटे की लोई में हल्दी के साथ रखकर गाय को खिलाएं, दूसरे हिस्से में शहद डालकर उसका सेवन करें।
    इस उपाय को करने से कार्यो में अड़चने दूर होती है, भाग्य चमकने लगता है, बृहस्पति देव की कृपा मिलती है।

यदि गुरुवार को स्त्रियां हल्दी वाला उबटन शरीर में लगाएं तो उनके दांपत्य जीवन में प्यार बढ़ता है।
और कुंवारी लड़कियां / लड़के यह करें तो उन्हें योग्य, मनचाहा जीवन साथी मिलता है।

गुरुवार को विष्णु जी की उपासना अवश्य करनी चाहिए, गुरुवार को विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ परम फलदाई है।

  • *विक्रम संवत् 2079,
  • * शक संवत – 1944,
    *कलि संवत 5124,
    * अयन – उत्तरायण,
    * ऋतु – बसंत ऋतु,
    * मास – बैसाख माह
    * पक्ष – कृष्ण पक्ष
    *चंद्र बल – मेष, मिथुन, कर्क, तुला, वृश्चिक, कुम्भ,

गुरुवार को बृहस्पति देव की होरा :-

प्रात: 5.51 AM से 6.56 AM तक

दोपहर 13.25 PM से 2.30 PM तक

रात्रि 20.39 PM से 9.34 PM तक

आज गुरुवार के दिन बृहस्पति की होरा के समय दाहिने हाथ की तर्जनी ऊंगली ( अंगूठे के बगल वाली उंगली ) के नीचे गुरु पर्वत और उस पूरी ऊंगली पर बृहस्पति देव के मंत्र का जाप करते हुए अधिक से अधिक रगड़ते / मसाज करते रहे ( कम से कम 10 मिनट अवश्य ) I

गुरुवार को बृहस्पति की होरा में अधिक से अधिक बृहस्पति देव के मंत्रो का जाप करें । शिक्षा, मान – सम्मान, व्यापार, कारोबार, नए कार्यो के प्रारम्भ के लिए गुरुवार की होरा अति उत्तम मानी जाती है ।

गुरुवार के दिन बृहस्पति की होरा में बृहस्पति देव के मंत्रो का जाप करने से कुंडली में गुरु ग्रह मजबूत होते है, पूरे दिन शुभ फलो की प्राप्ति होती है ।

बृहस्पति देव के मन्त्र

ॐ बृं बृहस्पतये नमः।। अथवा

ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः।।

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  • तिथि (Tithi) :- अमावस्या 9.41 AM तक तत्पश्चात प्रतिपदा
  • तिथि का स्वामी – अमावस्या तिथि के स्वामी पितृ देव जी और प्रतिपदा तिथि के स्वामी अग्नि देव जी है

आज वैशाख माह की अमावस्या है और इस दिन साल 2023 का पहला सूर्य ग्रहण भी लग रहा है। वैशाख अमावस्या का दिन पितरों का तर्पण, स्नान, दान, तप, जप के लिए विशेष माना जाता है।

वैशाख अमावस्या पर दक्षिण भारत में शनि जयंती भी मनाई जाती है, मान्यताओं के अनुसार त्रेता युग का आरंभ भी इसी माह से हुआ था।

वैशाख अमावस्या को कालसर्प दोष को दूर करने के लिए भी बेहद उत्तम दिन माना गया है।

अमावस्या पर पितृ कवच या रुद्र सूक्त का पाठ करें, इससे पितरो का आशीर्वाद मिलता है जीवन से कष्ट दूर होते है ।

बैसाख अमावस्या के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, प्रीति योग जैसे शुभ योग भी बन रहे हैं।

अमावस्या पर तुलसी के पत्ते या बिल्व पत्र अथवा कोई भी फूल पट्टी बिलकुल भी नहीं तोड़नी चाहिए, इससे पाप का भागी होना पड़ता है।

अमावस्या के दिन शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर जल में कच्चा दूध, शहद और काले तिल मिलाकर चढ़ाएं, इसे भगवान भोले नाथ की कृपा मिलती है।

अमावस्या तिथि को आजीवन दूध में जौ धोकर बहते हुए पानी में बहाएं, आपका भाग्य सदैव आपका साथ देगा ।

अक्षय तृतीया के दिन अवश्य ही करें ये बहुत ही छोटी सी खरीददारी, घर धन – धान्य से भरा रहेगा,

आज बैसाख अमावस्या के दिन वर्ष 2023 का पहला सूर्य ग्रहण लग रहा है। यह सूर्य ग्रहण सुबह 07 बजकर 04 मिनट से शुरू होगा जो दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगा ।

वर्ष 2023 का पहला सूर्य ग्रहण यह पहला सूर्य ग्रह मेष राशि और अश्विनी नक्षत्र में लगेगा। मेष राशि में यह सूर्य ग्रहण 19 साल बाद लगने जा रहा है ।

यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा। इसलिए इस ग्रहण का सूतक मान्य नहीं होगा ।

लेकिन ग्रहण काल में कुछ सावधानियाँ अवश्य ही रखनी चाहिए, ग्रहण काल में भूल कर भी शारीरिक सम्बन्ध नहीं बनाना चाहिए।

सूर्य ग्रहण के दौरान खाना खाने की, काटने, छीलने, सिलाई करने, जमीन खोदने का काम करने, सोने की मनाई होती है।

ज्‍योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहण विश्व के किसी भी कोने में क्यों ना हो ग्रहण काल में जप तप, दान पुण्य, पितरो के तर्पण का अक्षय पुण्य मिलता है ।

चूँकि यह ग्रहण बैसाख की अमावस्या पर पड़ रहा है और इस अमावस्या के दिन दान और पूर्वजों की शांति के लिए तर्पण और गंगा स्नान का विशेष महत्व है।

इस दिन ॐ घ्रणि सूर्याय नम: या ॐ भास्कराय नम: मन्त्र का अधिक से अधिक जाप करने से कुंडली में सूर्य मजबूत होते है, ग्रहो के अशुभ फल नहीं मिलते है ।

  • नक्षत्र (Nakshatra) – अश्विनी
  • नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी –   अश्विनी नक्षत्र के देवता अश्विनीकुमार जी और नक्षत्र के स्वामी केतु जी है। 

अश्विन नक्षत्र 27 नक्षत्रों में से पहला नक्षत्र है और घोड़े के सिर का प्रतीक है। अश्विनी नक्षत्र साहस, जीवन, और शक्ति का प्रतीक है।

अश्विनी एक देवता नक्षत्र है जिसे अत्यधिक शुभ माना जाता है। यह नाम अश्विनी-कुमारों से संबंधित है जो हिंदू देवता माने जाते हैं।

अश्विनी नक्षत्र का लिंग पुरुष है। अश्विन नक्षत्र का आराध्य वृक्ष कुचला और स्वभाव शुभ माना गया है ।

अश्विन नक्षत्र में जन्मे जातक धनवान तथा भाग्यवान होते है। यह धन, स्त्री,आभूषण तथा पुत्रादि का पूर्ण सुख प्राप्त करते है। ऐसे जातक सक्रिय, उत्साही होते है यह अपने फैसलों पर दृढ़ रहते हैं।

अश्विनी नक्षत्र के जातको के लिए भाग्यशाली संख्या 2, 7 और 9, भाग्यशाली रंग पीला, मैरून, ऑरेंज, गुलाबी, एवं भाग्यशाली दिन मंगलवार तथा गुरुवार होता है ।

आज अश्विनी नक्षत्र के मंत्र “ॐअश्विनी कुमाराभ्यां नमः” का 108 बार जाप करें इससे अश्विनी नक्षत्र को बल मिलेगा।

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योग :- विश्वकम्भ 13.01 PM तक तत्पश्चात प्रीति

योग के स्वामी, स्वभाव :- विष्कम्भ योग के स्वामी यम एवं स्वभाव हानिकारक है।

प्रथम करण :- नाग 9.41 AM तक

करण के स्वामी, स्वभाव :- नाग करण के स्वामी नागदेव और स्वभाव क्रूर है।

द्वितीय करण :- किस्तुघ्न 21.01 PM तक तत्पश्चात बव

करण के स्वामी, स्वभाव :- किस्तुघ्न करण के स्वामी मरुत और स्वभाव क्रूर है।

  • दिशाशूल (Dishashool)– बृहस्पतिवार को दक्षिण दिशा एवं अग्निकोण का दिकशूल होता है । यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से सरसो के दाने या जीरा खाकर जाएँ ।
  • राहुकाल (Rahukaal)– दिन – 1:30 से 3:00 तक।
  • सूर्योदय – प्रातः 05:51
  • सूर्यास्त – सायं 18:50
  • विशेष – अमावस्या के दिन काँसे के बर्तन में भोजन करना, तिल का तेल का सेवन करना, सहवास करना निषिद्ध है। इस दिन तुलसी जी कोई भी फूल, पत्ती नहीं तोड़नी चाहिए।
  • पर्व त्यौहार– बैसाख माह की अमावस्या, सूर्य ग्रहण
  • मुहूर्त (Muhurt) 

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“हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी ), आज के वार, आज के नक्षत्र ( नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस गुरुवार का पंचाग, Guruwar Ka Panchag, सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो “।

आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।

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ज्योतिषाचार्य मुक्ति नारायण पाण्डेय 9425203501
( हस्त रेखा, कुंडली, ज्योतिष विशेषज्ञ 07714070168)

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