ज्योतिषाचार्य मुक्ति नारायण पाण्डेय ( हस्त रेखा, कुंडली, ज्योतिष विशेषज्ञ )

जब मंगल द्वितीय भाव में हो

          

जब मंगल द्वितीय भाव में हो


मंगल की द्वितीय भाव में स्थिति सन्तान सुख के लिए नहीं होती।अगर शत्रु राशि अथवा नीच राशि में हो तो खुद की सेहत के लिए भी अच्छी नहीं होता। अतः सोच समझकर ही मूंगा धारण करें।

विभिन्न लग्नों की कुण्डलीयों में मूंगा धारण करने से जातक को क्या लाभ अथवा हानि देगा नीचे दिया गया है।

1.मेष लग्न – इस कुण्डली में मंगल लग्नेश-अष्टमेश बनता है।द्वितीय भाव में इसकी स्थिति धन-सम्पत्ति में वृद्धि करती है,अतः मूंगा धारण करने से लाभ में वृद्धि करती है,मूंगा धारण करने से लाभ में वृद्धि होगी।

2.वृष लग्न – मंगल सप्तमेश और द्वादशेश बनकर द्वितीय भाव में मिथुन राशि में स्थित होगा। मूंगा धारण करने से धन हानि होगी,अतः मूंगा न पहनें। चोट अथवा शारीरिक कष्ट का भय रहेगा।

3.मिथुन लग्न – मंगल लाभेश-षष्ठेश होकर द्वितीय भाव में नीच राशि में स्थित होगा। मूंगा धारण करने से धन सम्पत्ति की हानि होगी,स्वास्थ्य हानि भी रहेगी,एक्सीडैन्ट का भय भी रहेगा।

4.कर्क लग्न – मंगल पंचमेश-दशमेश बनता है। अतः द्वितीय भाव में मित्र राशि सिंह में स्थित होने से मूंगा धारण करने पर सन्तान सुख भी रहेगा और कारोबार में वृद्धि होगी। नौकरी में प्रोमोशन का चान्स भी मिलेगा।

5. सिंह लग्न – मंगल चतुर्थेश-भाग्येश होकर द्वितीय भाव में कन्या राशि में स्थित होगा। मूंगा धारण करने से मकान-वाहन का सुख प्राप्त होगा तथा भाग्य में वृद्धि होगी।

6.कन्या लग्न – मंगल तृृतीयेश-अष्टमेश होकर द्वितीय भाव में तुला राशि में स्थित होगा। द्वितीय भाव में स्थिति से मूंगा धारण करना अशुभ फलदायक रहेगा।

7.तुला लग्न- मंगल तृतीयेश-सप्तमेश होकर दूसरे घर में अपनी राशि वृश्चिक में स्थित होगा। मूंगा धारण करने से धन सम्पत्ति में वृद्धि होगी परन्तु सन्तान के लिए घातक होगा।

8. वृश्चिक लग्न – मंगल लग्नेश-षष्ठेश बनता है। दूसरे घर में मित्र राशि धनु में होने से मूंगा धारण करने से धन सम्पत्ति में वृद्धि होगी।

9.धनु लग्न – मंगल पंचमेश-द्वादशेश होकर द्वितीय भाव में अपनी उच्च राशि मकर में स्थित होगा। मूंगा धारण करने से धन सम्पत्ति में वृद्धि होगी। सन्तान पक्ष के लिए हानिकारक न होगा क्योंकि पंचम भाव में मंगल की अपनी मेष राशि है।

10. मकर लग्न – मंगल चतुर्थेश-लाभेश होकर द्वितीय भाव में कुम्भ राशि में स्थित होगा। मूंगा धारण करने से धन लाभ में वृद्धि होगी। मकान,वाहन का सुख भी प्राप्त होगा। परन्तु पैसा टिकेगा नहीं।

11.कुम्भ लग्न – मंगल तृतीयेश-दशमेश होकर मीन राशि में स्थित होगा। मूंगा धारण करने से जातक अपने परिश्रम से कामकाज को बढ़ाने में सफल होगा,नौकरी में पदोन्नति भी होगी।

12.मीन लग्न – मंगल द्वितीयेश-भाग्येश होकर दूसरे घर में स्वराशि मेष में स्थित होगा,अतः मूंगा धारण करने से धन सम्पत्ति की वृद्धि होगी तथा भाग्य भी साथ देगा।                                                                           ज्योतिषाचार्य मुक्ति नारायण पाण्डेय                      9425203501

( हस्त रेखा, कुंडली, ज्योतिष विशेषज्ञ                    07714070168)

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