ज्योतिषाचार्य मुक्ति नारायण पाण्डेय ( हस्त रेखा, कुंडली, ज्योतिष विशेषज्ञ )

जब मंगल तृतीय भाव में हो

जब मंगल तृतीय भाव में हो


तीसरे भाव में मंगल जातक के पराक्रम में वृद्धि करता है। आमतौर पर ऐसा व्यक्ति नौकरी में उच्चपद पर होगा अथवा अपना कारोबार करता होगा। मूंगा धारण करने से इस पक्ष में लाभ की वृद्धि की जा सकती है।विभिन्न लग्नों की कुण्डलियों के अनुसार मूंगा धारण करने वालों को क्या लाभ अथवा हानि होगी,नीचे दिया गया है।

1.मेष लग्न- मंगल लग्नेश-अष्टमेश होकर तृतीय भाव में स्थित होने से मूंगा धारण करना लाभदायक है। जातक अपने प्रयत्नों में सफल होगा,शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगी,कामकाज में बढ़ोत्तरी होगी।

2.वृष लग्न – मंगल सप्तमेश-द्वादशेश होकर तीसरे घर में कर्क राशि में स्थित होगा।नीच राशि मंे होने के कारण मूंगा धारण करने से भाईयों से सम्बन्ध विच्छेद हो सकता है अथवा भाईयों के सुख में कमी करेगा,कामकाज में भी रूकावटें आ सकती हैं। पति पत्नी में वियोग होगा। मूंगा धारण न करें।

3.मिथुन लग्न – मंगल षष्ठेश-लाभेश बनता है। तथा तीसरे घर में अपनी मित्र राशि सिंह में होगा।मूंगा धारण करने से धन लाभ में वृद्धि होगी।

4. कर्क लग्न – मंगल दशमेश-पंचमेश बनता है तथा कन्या राशि में तृतीय भाव में होने से मूंगा धारण करना कामकाज,मान सम्मान के लिए शुभ रहता है।

5.सिंह लग्न- मंगल चतुर्थेश-भाग्येश होकर तृतीय भाव में तुला राशि में स्थित होगा। मूंगा धारण करने से जमीन-जायदाद तथा भाग्य में वृद्धि होगी।

6.कन्या लग्न- मंगल तृतीयेश-अष्टमेेश होकर तीसरे घर में स्वराशि वृश्चिक में होगा। मूंगा धारण करने से लड़ाई की स्थिति पैदा होगी। अतः मूंगा धारण न करे।

7.तुला लग्न – मंगल सप्तमेश-द्वितीयेश होकर तृतीय स्थान में धनु राशि में स्थित होगा। व्यापार आदि में उन्नति के लिए मूंगा धारण किया जा सकता है।

8. वृश्चिक लग्न – मंगल षष्ठेश-लग्नेश बनता है। तीसरे घर में यह उच्च राशि मकर में स्थित होगा। मूंगा धारण करने से लाभ रहेगा।

9.धनु लग्न – इस लग्न में मंगल पंचमेश और द्वादशेश होकर तीसरे घर में कुम्भ राशि में स्थित होता है। मूंगा धारण करने से पराक्रम में वृद्धि होती है। तथा लाभ रहता है। परन्तु भाईयों से अनबन रहेगी।

10 .मकर लग्न – मंगल चतुर्थेश-लाभेश बनता है। तीसरे घर में मीन राशि में इसकी स्थिति धन सम्पत्ति,आमदनी में वृद्धि करती है,अतः मूंगा धारण करना इस पक्ष के लिए लाभदायक है।

11. कुम्भ लग्न – मंगल तृतीयेश-दशमेश होकर तीसरे भाव में स्थित होगा। मंगल अपनी राशि में स्थित होगा अतः मंूगा धारण करने से जातक के पराक्रम में वृद्धि होगी

12. मीन लग्न – मंगल द्वितीयेश-नवमेश होकर तृतीय भाव में वृष राशि में स्थित होगा।मूंगा धारण करने से जातक का भाग्योदय हो सकता है। विदेश यात्रा का योग बन सकता है। अतः मूंगा धारण करें।

                                           ज्योतिषाचार्य मुक्ति नारायण पाण्डेय         9425203501

( हस्त रेखा, कुंडली, ज्योतिष विशेषज्ञ             07714070168)

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