जब मंगल सप्तम भाव में हो

जब मंगल सप्तम भाव में हो


मंगल की सप्तम भाव में स्थिति पत्नी के लिए घातक है,स्त्री की कुण्डली हो तो पति के लिए घातक होती है,अतःमूंगा सोच समझकर ही धारण करें । खुद के लिए भी मूंगा धारण करना स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं।

1.मेष लग्न – मंगल लग्नेश-अष्टमेश बनकर सप्तम भाव में अपनी राशि वृश्चिक में स्थित होगा। मूंगा धारण करने से बिजनेस करने वालों के लिए लाभदायक है,नौकरी करने वालों के लिए नहीं।

2.वृष लग्न – मंगल सप्तमेश-द्वादशेश होकर सप्तम भाव में अपनी राशि वृश्चिक में स्थित होगा।मूंगा धारण करने से बिजनेस करने वालों के लिए लाभदायक है,नौकरी करने वालों के लिए नहीं।

3.मिथुन लग्न – मंगल षष्ठेश-लाभेश सप्तम भाव में धनु राशि में स्थित होगा।मूंगा धारण करने से धन लाभ में वृद्धि होती है।


4.कर्क लग्न – मंगल पंचमेश-दशमेश होकर सप्तम भाव में मकर राशि में स्थित होगा। मूंगा धारण करने से जहां सन्तान तथा कामकाज सम्बन्धी लाभ रहता है। वहां जातक की सेहत के लिए अच्छा न होगा।

5.सिंह लग्न – मंगल चतुर्थेश-भाग्येश होकर सप्तम स्थान में कुम्भ राशि में स्थित होगा। मूंगा धारण करने से जहां जमीन जायदाद में वृद्धि तथा भाग्येदय होगा वहां पत्नी की सेहत के लिए अच्छा न होगा।

6.कन्या लग्न – मंगल तृतीयेश-अष्टमेश होकर सप्तम स्थान में मीन राशि में स्थित होगा। मूंगा धारण करना अपने लिए तथा पत्नी की सेहत के लिए अच्छा न होगा।

7.तुला लग्न – मंगल तृतीयेश-अष्टमेश होकर सप्तम स्थान में मीन राशि में स्थित होगा। मूंगा धारण करना अपने लिए तथा पत्नी की सेहत के लिए अच्छा न होगा।

8.वृश्चिक लग्न – मंगल लग्नेश-षष्ठेश होकर सप्तम स्थान में वृष राशि में स्थित होगा। मूंगा धारण करने से व्यक्तिगत प्रभाव बढ़ेगा परन्तु स्त्री की सेहत के लिए अच्छा नहीं है। शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगी।

9.धनु लग्न – मंगल पंचमेश-द्वादशेश होकर सप्तम स्थान में मिथुन राशि में स्थित होगा। मूंगा धारण करने से जातक के रोमान्टिक सम्बन्ध अन्यत्र बनेंगेे।विवाह योग्य युवक-युवतियों के लिए लव मैरिज का योग बनेगा।

10.मकर लग्न – मंगल चतुर्थेश-लाभेश होकर सप्तम स्थान में मित्र राशि मकर राशि में स्थित होगा। मूंगा धारण करने से पत्नी के लिए तथा स्वयं के लिए घातक सिद्ध हो सकता है।

11.कुम्भ लग्न – मंगल तृतीयेश-दशमेश होकर सप्तम स्थान में मित्र राशि सिंह में होगा। मूंगा धारण करने से जातक अपने परिश्रम से कामकाज में उन्नति प्राप्त करेगा। नाकरी करने वालों को पदोन्नति मिलेगी।

12.मीन लग्न – मंगल द्वितीयेश-भाग्येश होकर सप्तक स्थान में कन्या राशि में स्थित होगा। मंूगा धारण करने से धन सम्पत्ति में वृद्धि होगी तथा भाग्येदय होगा।


                                         ज्योतिषाचार्य मुक्ति नारायण पाण्डेय                      9425203501

( हस्त रेखा, कुंडली, ज्योतिष विशेषज्ञ                    07714070168)

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