बुधवार का पंचांग, Budhwar Ka Panchang, 23 नवम्बर 2022 का पंचांग,


बुधवार का पंचांग, Budhwar Ka Panchang, 23 नवम्बर 2022 का पंचांग,

Panchang, पंचाग, आज का पंचांग, aaj ka pancahng, Panchang 2022, हिन्दू पंचाग, Hindu Panchang,

पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :- 1:- तिथि (Tithi) 2:- वार (Day) 3:- नक्षत्र (Nakshatra) 4:- योग (Yog) 5:- करण (Karan)

पंचाग (panchang) का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचाग (panchang) का श्रवण करते थे ।
जानिए बुधवार का पंचांग, Budhvar Ka Panchang, आज का पंचांग, aaj ka panchang,


बुधवार का पंचांग (Budhwar Ka Panchang)


23 नवम्बर 2022 का पंचांग, ( Panchang ), 23 November 2022 ka Panchang,

गणेश गायत्री मंत्र :
ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात ।।

।। आज का दिन मंगलमय हो ।।

* दिन (वार) – बुधवार के दिन तेल का मर्दन करने से अर्थात तेल लगाने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है धन लाभ मिलता है।
बुधवार का दिन विघ्नहर्ता गणेश का दिन हैं। बुधवार के दिन गणेश जी के परिवार के सदस्यों का नाम लेने से जीवन में शुभता आती है।

वर्ष 2022 में दीपावली और देव दीपावली दोनों ही पर्वो पर ग्रहण की छाया है अवश्य जानिए देव दीपावली किस दिन मनाई जाएगी, देव दीपावली क्यों मनाते है,

अवश्य जानिए नरक का भय दूर करने वाले नरक चतुर्दशी / छोटी दीपावली के उपाय,

बुधवार के दिन गणेश जी को रोली का तिलक लगाकर, दूर्वा अर्पित करके लड्डुओं का भोग लगाकर उनकी की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

इस उपाय से शरीर रहेगा निरोगी, शक्ति रहेगी भरपूर, बुढ़ापा पास भी नहीं आएगा, जानिए रोगनाशक दिव्य आहार,

* बुधवार को सभी ग्रहो के राजकुमार बुध देव की आराधना करने से ज्ञान मिलता है, वाकपटुता में प्रवीणता आती है, धन लाभ होता है ।

बुधवार को गाय को हरा चारा खिलाने तथा रात को सोते समय फिटकरी से दाँत साफ करने से आर्थिक पक्ष मजबूत होता है ।

मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष अष्टमी के दिन भैरव नाथ में प्रकट हुए थे, जानिए भगवान भैरव नाथ के व्रत व पूजा का विशेष विधान,

*विक्रम संवत् 2079,
*शक संवत – 1944
*कलि संवत 5124
*अयन – उत्तारायण
*ऋतु – शरद ऋतु
*मास – मार्गशीर्ष माह
*पक्ष – कृष्ण पक्ष
*चंद्र बल – मेष, वृषभ, सिंह, तुला, धनु, मकर,

  • तिथि (Tithi)- चतुर्दशी 8.49 AM तक ततपश्चात अमावस्या
  • तिथि के स्वामी – चतुर्दशी तिथि के स्वामी भगवान भोलेनाथ जी और अमावस्या तिथि के स्वामी पितृ देव जी है ।

चतुर्दशी को चौदस भी कहते हैं। चतुर्दशी तिथि के स्वामी भगवान शिव हैं। प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि मासिक शिवरात्रि कहलाती है।

आज मार्गशीर्ष माह की अमावस्या है । अमावस्या तिथि के स्वामी पितृ देव को माना गया है। पितरो के प्रसन्न, संतुष्ट रहने से जीवन से बहुत सी परेशानियां दूर रहती है, कम से कम धन का अभाव तो नहीं ही रहता है।

अमावस्या के दिन जल में काले तिल, अक्षत, चीनी, दूध और गंगा जल डालकर पितरो को जल अवश्य दें ।

पीपल के पेड़ पर पितरों का वास माना गया है। अमावस्या के दिन सुबह के समय लोहे के बर्तन में, दूध, पानी, काले तिल, शहद एवं जौ मिला कर समस्त सामग्री पीपल की जड़ में अर्पित करके पीपल की 7 परिक्रमा करें, तथा इस दौरान “ॐ सर्व पितृ देवताभ्यो नमः” मंत्र का जाप भी लगातार करते रहें ।

इस उपाय को करने से पितृ प्रसन्न होते है, उनका आशीर्वाद मिलता है ।

आज पितरों की कृपा प्राप्त करने के लिए घर पर ब्राह्मण को भोजन कराएं एवं उसे यथा शक्ति दान – दक्षिणा प्रदान करें ।

अमावस्या के दिन घर पर खीर अवश्य बनायें फिर उसमें थोड़ी सी खीर दोने पर निकाल कर पित्रों के निमित पीपल पर रख आएं ।

हर अमावस्या को गहरे गड्ढे या कुएं में एक चम्मच दूध डालें इससे कार्यों में बाधाओं का निवारण होता है ।

इसके अतिरिक्त अमावस्या को आजीवन जौ दूध में धोकर बहाएं, आपका भाग्य सदैव आपका साथ देगा ।

समस्त रोगों, कष्टों और विपत्तियों के अधिदेवता भैरव नाथ जी ने इस कारण काटा था ब्रह्मा जी का पांचवा सिर, अवश्य जानिए कैसे हुई भैरवनाथ जी की उत्पत्ति

नक्षत्र (Nakshatra) – विशाखा 23.37 PM तक तत्पश्चात अनुराधा

नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी-   विशाखा नक्षत्र के देवता इंद्राग्नी (इंद्र और अग्नि) और स्वामी बृहस्पति देव जी है।

विशाखा नक्षत्र, नक्षत्र मंडल में उपस्थित 27 नक्षत्रों में 16वां है।

विशाखा नक्षत्र देवी राधा के साथ सम्बंधित है जो उनकी प्रसन्नता को दर्शाता है, भगवान श्री कृष्ण के प्रति उनके प्रेम को दर्शाता है।

विशाखा नक्षत्र वास्तव में पत्तियों से सजाया गया एक तोरण द्वार का प्रतीक है, जिसका मुख्य रूप से विवाह समारोहों में आवश्यकता है।

इस नक्षत्र का आराध्य वृक्ष : कटाई, नागकेशर तथा स्वाभाव अशुभ माना गया है। विशाखा नक्षत्र सितारे का लिंग महिला है।

इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक पर जीवन भर बृहस्पति देव जी का प्रभाव बना रहता है।

विशाखा नक्षत्र वाले जातको के लिए भाग्यशाली संख्या 3 और 9,  भाग्यशाली रंग, सुनहरा,  भाग्यशाली दिन  मंगलवार, शुक्रवार और गुरुवार माना जाता है ।

विशाखा नक्षत्र में जन्मे जातको को तथा जिस दिन यह नक्षत्र हो उस दिन सभी को “ॐ इंद्राग्नीभ्यां नमः” अथवा “ॐ विशाखाभ्यां नमः”। मन्त्र की एक माला का जाप अवश्य करना चाहिए ।

भैरव अष्टमी के दिन ऐसे करें भैरव नाथ को प्रसन्न समस्त भय और कष्ट होंगे दूर

अवश्य पढ़ें :- चाहिए परिवार में सुख-समृद्धि, प्रेम और आरोग्य तो ऐसा होना चाहिए किचन का वास्तु, जानिए किचन के वास्तु टिप्स 

  • योग (Yog) – शोभन 15.40 PM तक तत्पश्चात अतिगण्ड
  • योग के स्वामी, स्वभाव :-  शोभन योग के स्वामी बृहस्पति देव एवं स्वभाव श्रेष्ठ है ।  
  • प्रथम करण : – शकुनि 6.53 AM तक
  • करण के स्वामी, स्वभाव :- शकुनि करण की स्वामी माँ काली और स्वभाव क्रूर है। 
  • द्वितीय करण : – चतुष्पाद 17.43 PM तक तत्पश्चात नाग
  • करण के स्वामी, स्वभाव :-  चतुष्पाद करण के स्वामी रूद्र और स्वभाव क्रूर है।
  • दिशाशूल (Dishashool)- बुधवार को उत्तर दिशा में दिशा शूल होता है ।

    इस दिन कार्यों में सफलता के लिए घर से सुखा / हरा धनिया या तिल खाकर जाएँ ।
  • राहुकाल (Rahukaal) : – बुधवार को राहुकाल दिन 12:00 से 1:30 तक ।
  • सूर्योदय – प्रातः 6.50 AM
  • सूर्यास्त – सायं 17.25 PM
  • विशेष – शास्त्रों में चतुर्दशी को हिंसा, अनैतिक कार्य, मांस-मदिरा का सेवन, तिल का तेल, लाल रंग का साग, काँसे के बर्तन में भोजन एवं शारीरिक संबंध बनाना मना किया गया है। 
  • पर्व त्यौहार- मार्गशीर्ष माह की अमावस्या

सबसे ज्यादा पढ़ी गयी :- ऐसा होगा घर के पूजा घर का वास्तु तो पूरी होंगी सभी मनोकमनाएं, जानिए पूजा घर के वास्तु टिप्स,

“हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र (नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो “।

आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।

मित्रो हम इस साईट के माध्यम से वर्ष 2010 से निरंतर आप लोगो के साथ जुड़े है। आप भारत या विश्व के किसी भी स्थान पर रहते है, अपने धर्म अपनी संस्कृति को प्रत्येक व्यक्ति तक पहुँचाने के लिए www.memorymuseum.net के साथ अवश्य जुड़ें, हमारा सहयोग करें ।
आप हमें अपनी इच्छा – सामर्थ्य के अनुसार कोई भी सहयोग राशि 6306516037 पर Google Pay कर सकते है ।
आप पर ईश्वर का सदैव आशीर्वाद बना रहे ।

अवश्य जानिए :- नैत्रत्यमुखी भवन के वास्तु के अचूक उपाय, 

23 नवम्बर 2022 का पंचांग, 23 November 2022 ka panchang, aaj ka panchang, aaj ka rahu kaal, aaj ka shubh panchang, Budhwar Ka Panchang, budhwar ka rahu kaal, budhwar ka shubh panchang, kal ka panchang, panchang, Wednesday ka panchang, आज का पंचांग, आज का राहुकाल, आज का शुभ पंचांग, कल का पंचांग, पंचांग, बुधवार का पंचांग, बुधवार का राहु काल, बुधवार का शुभ पंचांग, वेडनेस डे का पंचांग,

ज्योतिषाचार्य मुक्ति नारायण पाण्डेय मों नं.9425203501
( हस्त रेखा, कुंडली, ज्योतिष विशेषज्ञ  7000121183)


दोस्तों यह साईट बिलकुल निशुल्क है। यदि आपको इस साईट से कुछ भी लाभ प्राप्त हुआ हो, आपको इस साईट के कंटेंट पसंद आते हो तो मदद स्वरुप आप इस साईट को प्रति दिन ना केवल खुद ज्यादा से ज्यादा विजिट करे वरन अपने सम्पर्कियों को भी इस साईट के बारे में अवश्य बताएं …..धन्यवाद ।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Comment form message

Aacharya Mukti Narayan Pandey Adhyatma Jyotish paramarsh Kendra Raipur

Guruwar Ka Panchag, गुरुवार का पंचांग, 28 नवम्बर 2024 का पंचांग,

Guruwar Ka Panchag, गुरुवार का पंचांग, 28 नवम्बर 2024 का पंचांग, गुरुवार का पंचाग, Guruwar Ka Panchag, 28 November 2024 Ka Panchang, बृहस्पत...