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हर व्यक्ति चाहता है कि उसे इस संसार में सभी सुखो की प्राप्ति हो इसके लिए वह कठिन परिश्रम करता है , लेकिन कई बार लाख प्रयास के बाद भी उसे अपने कार्यो में सफलता नहीं मिलती है ।

शास्त्रो के अनुसार नवरात्रि के नौ दिन शक्ति से भरे हुए अत्यंत जाग्रत एवं माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त करने के दिन होते है। इन दिनों में माँ की पूर्ण श्रद्धा से आराधना करने एवं कुछ खास टोटको को चुपचाप करने से सभी मनोरथ अवश्य ही पूर्ण होते है।
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* नवरात्र, Navratr,  में दो जमुनिया रत्न लेकर उसे गंगा जल में डुबोकर घर के मंदिर में रखे फिर हर शनिवार को माता दुर्गा का स्मरण करते हुए उस जल को पूरे  घर में छिड़क दें, घर के सदस्यों के बीच में प्रेम बड़ने लगेगा ।
इसके बाद पुन: इन रत्नों को गंगा जल में डुबोकर मंदिर में रख दें ।इस प्रयोग को नवरात्र से ही शुरू करें तो अति उत्तम है।    

नवरात्र, Navratr, में एक नए झाड़ू की दो सीकों को उल्टा सीधा रखकर नीले धागे से बांधकर घर के नैत्रत्य कोण ( दक्षिण पश्चिम हिस्सा ) में रखने से पति पत्नी के मध्य प्यार, परिवार के सदस्यों में सहयोग बड़ता है।  

अवश्य जानिए दीपावली के दिन क्या करें जिसे पूरे वर्ष होती रहे धन की वर्षा, दिवाली की दिनचर्या,

* दाम्पत्य जीवन में परस्पर प्रेम और सहयोग के लिए नवरात्रि में किसी भी दिन एक उपाय को अवश्य ही करे । लाल या काले गुंजा के पाँच दाने लेकर उसे एक मिटटी के बर्तन अथवा मिटटी के दिए में शहद भरकर उसमें डुबो कर सुरक्षित रख दें।  जो भी  यह उपाय कर रहा हो वह अपने जीवन साथी का नाम अवश्य ही लेता रहे।

इस उपाय को अपने जीवन साथी या किसी को भी ना बताये इस उपाय को करने से पति पत्नी के मध्य किसी भी बात पर कलह नहीं होती है, प्रेम और आकर्षण बना रहता है।

नवरात्री की सप्तमी के दिन माँ कालरात्रि की पूजा की जाती है । माँ कालरात्रि की कृपा के लिए दुर्गा सप्तशती के 7वें और  10 वें  अध्याय का पाठ करना चाहिए । माँ कालरात्रि की कृपा से शत्रुओं का नाश होता है राजद्वार, मुक़दमे में विजय मिलती है ।

नवरात्रि की सप्तमी तिथि की रात में माँ दुर्गा के 32 नामों का कम से कम 21 बार जप करना चाहिए, उसके बाद इसका नित्य जाप करें।
तंत्र शास्त्र में इसे बहुत ही लाभकारी माना गया है। ऐसा करने से मनुष्य को भीषण से भीषण कष्टों से भी मुक्ति मिल जाती है।

नवरात्रि के सातवें दिन माँ कालरात्रि को लाल फूल अर्पित करके गुड़ का भोग लगाएं I
फिर भोग लगाए हुए गए गुड़ का आधा भाग परिवार में बाटें, बाकी आधा गुड़ किसी ब्राह्मण को दान कर दें I
इस दिन दुर्गा सप्तशती का पाठ अवश्य करें I

नवरात्रि के सातवें दिन, सप्तमी की रात्री में लाल वस्त्र धारण करके मां कालरात्रि के सामने दीपक जलाकर उन्हें गुड़ का भोग लगाकर उन की पूजा करें I
इसके बाद 108 बार “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे.” मंत्र को पढ़ते हुए माता को एक एक लौंग चढ़ाते जाएं I
अंत में उन 108 लौंग को माता के सामने किसी बर्तन में कपूर के साथ जला दें I
आपके शत्रु, विरोधी शांत हों जाएंगे, कैसी भी परेशानी दूर होने लगेगी I

* नवरात्र Navratr के शनिवार को सूर्योदय के पहले पीपल के ग्यारह पत्तें लेकर उन पर राम नाम लिख कर इन पत्तों की माला बनाकर इसे हनुमानजी को पहना दें। इससे कारोबार की सभी परेशानिया दूर होती है ,यह प्रयोग बिलकुल चुपचाप करें।

* यदि किसी जातक का लाख प्रयासों के बावजूद भी कर्जे से पीछा नहीं छुट रहा है तो वह नवरात्री navratri में माँ के श्री चरणों में 108 गुलाब के पुष्प अर्पित करें।

प्रात: माता की पूजा के समय सवा किलो साबुत लाल मसूर लाल कपड़ें में बांधकर अपने सामने रख दें। घी का दीपक जलाकर माता के किसी भी सिद्ध मंत्र का 108 बार जाप करें।

पूजा समाप्त होने के पश्चात मसूर को अपने ऊपर से 7 बार उसार कर किसी भी सफाई कर्मचारी को दान में दे दें। इससे माता की कृपा से कर्जें से छुटकारा मिलने  का रास्ता बनने लगेगा ।

नवरात्री में इस उम्र की कन्या का पूजन करने से  धन, सुख और सभी तरह की ऐश्वर्यों की होती है प्राप्ति।

यदि किसी व्यकित के ऊपर कर्ज है और लाख चाहने के बाद भी उतर नहीं पा रहा है तो वह जीवन भर का एक नियम बना ले कि उसे नित्य चींटीयों  को शक्कर मिलाकर आटा / या पंजीरी ( आटे में चीनी को भून कर ) किसी पेड़ के नीचे या जहाँ पर चींटियों का बिल है वहाँ पर डालना है ।

इस प्रयोग को लगातार करते रहने से कर्ज समाप्त हो जाता है फिर इतनी आमदनी होने लगती है कि कर्ज को भविष्य में लेने की जरूरत ही नहीं रहती है। इस प्रयोग को अगर किसी शुभ मुहूर्त , नवरात्र navratr में किया जाय तो इसका शीघ्र ही फल मिलता है ।

* नवरात्रि navratri में दिल खोलकर आप अपनी श्रद्धा और सामर्थ्य के अनुसार दान पुण्य करें …इन दिनों आपके द्वारा दान पुण्य करने से उसका अक्षय फल प्राप्त होता है ।

* आप प्रतिदिन छोटी कन्याओं को कोई न कोई उपहार अवश्य जी दें ।   अपने माता पिता, बहन-भाई और पत्नी को भी  कोई न कोई उपहार देकर चकित जरुर करते रहें,  गरीब और असहाए की मदद करने का मौका तो बिलकुल भी न गवाएं। यकीन मानिये उन सभी के मुख से आपके लिए शुभ वचन निकलते ही रहेंगे

* आपने माता का आह्वान किया है उन्हें अपने घर में बुलाया है इसलिए सुबह शाम जो भी घर में भोजन बनायें सबसे पहले उसका देवी माँ को भोग लगायें उसके बाद ही घर के सदस्य उसका सेवन करें याद रहे माता या किसी भी मेहमान को भूखा न रखें ।

* नवरात्र navratr में आप अनावश्यक व्यय से बचें लेकिन यदि संभव हो तो इन दिनों सोने चाँदी के गहने, कपड़े, बर्तन आदि कुछ न कुछ नया सामान अपनी सामर्थ्य के अनुसार अवश्य ही खरीदें तथा इसे उपयोग में लाने से पहले माता के चरणों में लगायें। इससे घर में सुख सौभाग्य आता है स्थाई संपत्ति का वास होता है।

* घर के छोटे बच्चो विधार्थियों से माता दुर्गा को केले का भोग लगवाएं फिर उनमे से कुछ केले दान में दे दें एवं बाकी केलो को प्रसाद के रूप में घर के लोग ग्रहण करें  इससे बच्चों की बुद्धि का विकास होता है।

* नवरात्र के सोमवार और शनिवार के दिन शिवलिंग पर काले तिल और जल चढ़ाएं यह उपाय बीमारियों से मुक्ति दिलाने वाला बहुत सरल और कारगर उपाय है।

* नवरात्री की सप्तमी के दिन माँ कालरात्रि की पूजा की जाती है । माँ कालरात्रि की कृपा के लिए दुर्गा सप्तशती के 7वें और  10 वें  अध्याय का पाठ करना चाहिए । माँ कालरात्रि की कृपा से शत्रुओं का नाश होता है राजद्वार, मुक़दमे में विजय मिलती है ।

नोट:  शरद नवरात्र पितृ पक्ष के बाद में आते है। जहाँ तक सम्भव हो सके तो नवरात्र में माता की स्थापना, पूजा पाठ का सामान पितृ पक्ष से पहले ही ले लेना चाहिए नहीं तो यह ध्यान अवश्य ही दें कि पूजा का सामान पितृ पक्ष के अंतिम दिन पितृ दोष अमावस्या से पहले ही खरीद कर रख लें , अर्थात पितृ दोष अमावस्या के दिन यथासंभव पूजा का सामान नहीं ख़रीदे।

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