बुधवार का पंचांग, Budhwar Ka Panchang, 21 सितम्बर 2022 का पंचांग,
आप सभी को एकादशी तिथि की हार्दिक शुभकामनायें
बुधवार का पंचांग, Budhwar Ka Panchang, 21 सितम्बर 2022 का पंचांग,
Panchang, पंचाग, आज का पंचांग, aaj ka pancahng, Panchang 2022, हिन्दू पंचाग, Hindu Panchang,
पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :- 1:- तिथि (Tithi) 2:- वार (Day) 3:- नक्षत्र (Nakshatra) 4:- योग (Yog) 5:- करण (Karan)
पंचाग (panchang) का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचाग (panchang) का श्रवण करते थे ।
जानिए बुधवार का पंचांग, Budhvar Ka Panchang, आज का पंचांग, aaj ka panchang,
बुधवार का पंचांग (Budhwar Ka Panchang)
21 सितम्बर 2022 का पंचांग, ( Panchang ), 21 September 2022 ka Panchang,
गणेश गायत्री मंत्र :
ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात ।।
।। आज का दिन मंगलमय हो ।।
* दिन (वार) – बुधवार के दिन तेल का मर्दन करने से अर्थात तेल लगाने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है धन लाभ मिलता है।
बुधवार का दिन विघ्नहर्ता गणेश का दिन हैं। बुधवार के दिन गणेश जी के परिवार के सदस्यों का नाम लेने से जीवन में शुभता आती है।
पितृ पक्ष में तिथिनुसार इस तरह से पितरो के निमित घर पर कराएं ब्राह्मण भोजन, पूरे वर्ष पितरो का मिलेगा आशीर्वाद
जानिए नरक का भय दूर करने वाले नरक चतुर्दशी / छोटी दीपावली के उपाय,
बुधवार के दिन गणेश जी को रोली का तिलक लगाकर, दूर्वा अर्पित करके लड्डुओं का भोग लगाकर उनकी की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
इस उपाय से शरीर रहेगा निरोगी, शक्ति रहेगी भरपूर, बुढ़ापा पास भी नहीं आएगा, जानिए रोगनाशक दिव्य आहार,
* बुधवार को सभी ग्रहो के राजकुमार बुध देव की आराधना करने से ज्ञान मिलता है, वाकपटुता में प्रवीणता आती है, धन लाभ होता है ।
बुधवार को गाय को हरा चारा खिलाने तथा रात को सोते समय फिटकरी से दाँत साफ करने से आर्थिक पक्ष मजबूत होता है ।
गणेश उत्सव के 10 दिनों में नित्य अवश्य ही स्मरण करें भगवान भगवान गणपति जी के परिवार के सदस्यों का
*विक्रम संवत् 2079,
*शक संवत – 1944
*कलि संवत 5124
*अयन – उत्तारायण
*ऋतु – शरद ऋतु
*मास – अश्विन माह
*पक्ष – कृष्ण पक्ष
*चंद्र बल – मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, मकर, मीन,
- तिथि (Tithi)- इंदिरा एकादशी 23.34 PM तक तत्पश्चात द्वादशी
- तिथि के स्वामी – एकादशी तिथि के स्वामी विश्वदेव जी है।
आज अति पुण्यदायक पितरो का उद्दार करने वाली पितृ पक्ष की एकादशी ” इंदिरा एकादशी ” है । शास्त्रों के अनुसार इंदिरा एकादशी का व्रत पितरो की मुक्ति के लिए, उन्हें मोक्ष प्रदान कराने का, उन्हें स्वर्ग में स्थान दिलाने का सर्वोत्तम उपाय है।
यह इंदिरा एकादशी, व्रत करने वाले के समस्त पापों को नाश करने वाली तथा पितरों को नरक, नीच योनियों से मुक्ति देने वाली, उन्हें मोक्ष प्रदान कराने वाली है।
जो जातक सच्चे मन से इंदिरा एकादशी का व्रत रखकर इसका पुण्य / इसका फल अपने पितरो को समर्पित करते है, उसके पितर निश्चय ही चाहे किसी भी योनि में क्यों ना हो सद्गति को प्राप्त करते है, उस जातक के सात पीढ़ियों के पितृ भी तर जाते है, पितृ अति प्रसन्न होते है, पितरो का आशीर्वाद उस व्यक्ति उसके परिवार पर सदैव बना रहता है ।
जो जातक इस एकादशी का ब्रत ना भी रख पाएं तो भी उन्हें पितृ पक्ष की एकादशी, के दिन इंदिरा एकादशी की कथा को अवश्य ही पढ़ना / सुनना चाहिए।
इससे पितरो का उद्दार होता है , मनुष्यो के पापो का नाश होता है,उनके पुण्य बढ़ते है, आरोग्य की प्राप्ति होती है, घर परिवार में प्रेम, सौहार्द, सुख-समृद्धि का वास होता है, अंत में स्वर्ग की प्राप्ति होती है, नरक के दर्शन नहीं होते है।
शास्त्रों के अनुसार एकादशी तिथि भगवान श्री विष्णु जी को अति प्रिय है । एकादशी के दिन भगवान श्री विष्णु जी / श्री कृष्ण जी की आराधना की जाती है। शास्त्रों के अनुसार एकादशी का ब्रत रखने वाला जातक भगवान विष्णु जी को बहुत प्रिय होता है ।
एकादशी के दिन जल में आँवले का चूर्ण या आँवले का रस डाल कर स्नान करने से समस्त पापो का नाश होता है।
एकादशी के दिन भगवान विष्णु जी के मन्त्र “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” अथवा ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।। का आशिक से अधिक जाप करना चाहिए ।
पितरो का पितृ पक्ष में ऐसे करें तर्पण, पितृ होंगे प्रसन्न, समस्त कार्यो में मिलेगी श्रेष्ठ सफलता
नक्षत्र (Nakshatra) – पुष्य 23.47 PM तक तत्पश्चात अश्वलेशा
नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी- पुष्य नक्षत्र के देवता देव गुरु बृहस्पति और स्वामी शनि देव जी है ।
पुष्य नक्षत्र को नक्षत्रो का राजा भी कहते है, उसमें भी रवि पुष्य नक्षत्र एवं गुरु पुष्य नक्षत्र बहुत ही शुभ माने जाते है। इस अवसर पर किया गया शुभ कार्य अति लाभ दायक और चिरस्थाई होता है।
पुष्य नक्षत्र का नक्षत्र आराध्य वृक्ष: पीपलं तथा नक्षत्र का स्वाभाव शुभ माना जाता है।
शास्त्रों में लिखा है कि पुष्य नक्षत्र में शुरू किये गए सभी कार्य पुष्टिदायक, सर्वथा सिद्ध होते ही हैं, निश्चय ही फलीभूत होते हैं ।
पुष्य नक्षत्र के दिन माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए श्री सूक्त, श्री महा लक्ष्मी अष्टकम का पाठ करना अत्यंत पुण्य दायक माना जाता है।
पुष्य नक्षत्र के लिए भाग्यशाली संख्या 8 और 2, भाग्यशाली रंग लाल, नीला, भाग्यशाली दिन शनिवार, सोमवार और बुधवार होता है ।
पुष्य नक्षत्र में जन्मे जातको को तथा जिस दिन यह नक्षत्र हो उस दिन सभी को “ॐ बृहस्पतये नम: “। मन्त्र का जाप अवश्य करना चाहिए ।
जीवन में समस्त कार्यों में चाहते है श्रेष्ठ सफलता तो गणेश जी को ऐसे करें प्रसन्न
- योग (Yog) – परिध 9.13 AM तक तत्पश्चात शिव
- योग के स्वामी, स्वभाव :- परिध योग की स्वामी विश्वकर्मा जी एवं स्वभाव हानिकारक माना जाता है और शिव योग के स्वामी मित्र देव एवं स्वभाव श्रेष्ठ माना जाता है ।
- प्रथम करण : – बव 10.32 AM तक
- करण के स्वामी, स्वभाव :- बव करण के स्वामी इंद्र देव और स्वभाव सौम्य है।
- द्वितीय करण : – बालव 23.33 PM तक तत्पश्चात कौलव
- करण के स्वामी, स्वभाव :- बालव करण के स्वामी ब्रह्म जी और स्वभाव सौम्य है।
- गुलिक काल : – बुधवार को शुभ गुलिक 10:30 से 12 बजे तक ।
इन उपायों से धन संपत्ति खींची चली आएगी, किसी चीज़ का नहीं रहेगा अभाव
- दिशाशूल (Dishashool)- बुधवार को उत्तर दिशा में दिशा शूल होता है ।
इस दिन कार्यों में सफलता के लिए घर से सुखा / हरा धनिया या तिल खाकर जाएँ ।
- राहुकाल (Rahukaal) : – बुधवार को राहुकाल दिन 12:00 से 1:30 तक ।
- सूर्योदय – प्रातः 6.05 AM
- सूर्यास्त – सायं 18.28 PM
- विशेष – एकादशी के दिन चावल और दूसरे का अन्न खाना मना है । एकादशी के दिन चावल खाने से रोग और पाप बढ़ते है, एकादशी के दिन दूसरे का अन्न खाने से समस्त पुण्यों का नाश हो जाता है ।
- पर्व त्यौहार- इंदिरा एकादशी,
पितृ पक्ष में पित्तरों के निमित जो भी वस्तुएं उन्हे अर्पित की जाती है वह उन्हें उनकी योनि के हिसाब से इस प्रकार होती है प्राप्त
“हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र (नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो “।
आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।
मित्रो हम इस साईट के माध्यम से वर्ष 2010 से निरंतर आप लोगो के साथ जुड़े है। आप भारत या विश्व के किसी भी स्थान पर रहते है, अपने धर्म अपनी संस्कृति को प्रत्येक व्यक्ति तक पहुँचाने के लिए www.memorymuseum.net के साथ अवश्य जुड़ें, हमारा सहयोग करें ।
आप हमें अपनी इच्छा – सामर्थ्य के अनुसार कोई भी सहयोग राशि 9425203501 पर Google Pay कर सकते है ।
आप पर ईश्वर का सदैव आशीर्वाद बना रहे ।
अवश्य जानिए :- नैत्रत्यमुखी भवन के वास्तु के अचूक उपाय,
14 सितम्बर 2022 का पंचांग, 14 September 2022 ka panchang, aaj ka panchang, aaj ka rahu kaal, aaj ka shubh panchang, Budhwar Ka Panchang, budhwar ka rahu kaal, budhwar ka shubh panchang, kal ka panchang, panchang, Wednesday ka panchang, आज का पंचांग, आज का राहुकाल, आज का शुभ पंचांग, कल का पंचांग, पंचांग, बुधवार का पंचांग, बुधवार का राहु काल, बुधवार का शुभ पंचांग, वेडनेस डे का पंचांग,
दोस्तों यह साईट बिलकुल निशुल्क है। यदि आपको इस साईट से कुछ भी लाभ प्राप्त हुआ हो, आपको इस साईट के कंटेंट पसंद आते हो तो मदद स्वरुप आप इस साईट को प्रति दिन ना केवल खुद ज्यादा से ज्यादा विजिट करे वरन अपने सम्पर्कियों को भी इस साईट के बारे में अवश्य बताएं …..धन्यवाद ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Comment form message