सोमवार का पंचांग, Somwar Ka Panchang, 30 मई 2022 का पंचांग,
30 मई 2022 का पंचांग, 30 May 2022 ka Panchang,
सोमवार का पंचांग, Somwar Ka Panchang,
30 मई 2022 का पंचांग, 30 May 2022 ka Panchang,
Panchang, पंचाग, आज का पंचांग, aaj ka panchang, ( Panchang 2022, हिन्दू पंचाग, Hindu Panchang ) पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :-
1:- तिथि (Tithi)
2:- वार (Day)
3:- नक्षत्र (Nakshatra)
4:- योग (Yog)
5:- करण (Karan)
पंचाग (panchang) का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचाग (panchang) का श्रवण करते थे ।
जानिए, सोमवार का पंचांग, Somvar Ka Panchang।
राशिनुसार इन वृक्षों की करें सेवा, चमकने लगेगा भाग्य ,
सोमवार का पंचांग, Somvar Ka Panchang,
महा मृत्युंजय मंत्र – ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।
- दिन (वार) – सोमवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से पुत्र का अनिष्ट होता है शिवभक्ति को भी हानि पहुँचती है अत: सोमवार को ना तो बाल और ना ही दाढ़ी कटवाएं ।
सोमवार के दिन भगवान शंकर की आराधना, अभिषेक करने से चन्द्रमा मजबूत होता है, काल सर्प दोष दूर होता है।
सोमवार का व्रत रखने से मनचाहा जीवन साथी मिलता है, वैवाहिक जीवन में लम्बा और सुखमय होता है।
जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए हर सोमवार को शिवलिंग पर पंचामृत या मीठा कच्चा दूध एवं काले तिल चढ़ाएं, इससे भगवान महादेव की कृपा बनी रहती है परिवार से रोग दूर रहते है।
सोमवार के दिन शिव पुराण के अचूक मन्त्र “श्री शिवाये नमस्तुभ्यम’ का अधिक से अधिक जाप करने से समस्त कष्ट दूर होते है. निश्चित ही मनवाँछित लाभ मिलता है।
घर पर कैसा भी हो वास्तु दोष अवश्य करें ये उपाय, जानिए वास्तु दोष निवारण के अचूक उपाय
*विक्रम संवत् 2079,
* शक संवत – 1944,
*कलि संवत 5124
* अयन – उत्तरायण,
* ऋतु – ग्रीष्म ऋतु,
* मास – ज्येष्ठ माह,
* पक्ष – कृष्ण पक्ष
*चंद्र बल – मेष, वृषभ, सिंह, कन्या, धनु, कुम्भ, ।
- तिथि (Tithi)- अमावस्या 16.59 PM तक तत्पश्चात प्रतिपदा
- तिथि का स्वामी – अमावस्या के स्वामी पितृ देव जी और प्रतिपदा तिथि के स्वामी अग्नि देव जी है।
आज सोमवती अमावस्या, शनि जयंती और बट सावित्री ब्रत का अति शुभ संयोग है । सोमवती अमावस्या के दिन पीपल कि सेवा,पूजा, परिक्रमा का अति विशेष महत्व है।
सोमवती अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष का स्पर्श करने और प्रदक्षिणा करने से समस्त पापों का नाश, अक्षय लक्ष्मी की प्राप्ति और आयु में वृद्धि होती है।
आज के दिन सोमवती अमावस्या की कथा अवश्य ही पढ़नी चाहिए, आज के दिन धोबी / धोबन को उपहार देने से भाग्य प्रबल होता है ।
अमावस्या तिथि के स्वामी पितृ देव को माना गया है। पीपल के पेड़ पर पितरों का वास माना गया है।
अमावस्या के दिन सुबह के समय लोहे के बर्तन में, दूध, पानी, काले तिल, शहद एवं जौ मिला कर समस्त सामग्री पीपल की जड़ में अर्पित करके पीपल की 7 परिक्रमा करें, तथा इस दौरान “ॐ सर्व पितृ देवताभ्यो नमः” मंत्र का जाप भी लगातार करते रहें । इस उपाय को करने से पितृ प्रसन्न होते है, उनका आशीर्वाद मिलता है ।
आज पितरों की कृपा प्राप्त करने के लिए घर पर ब्राह्मण को भोजन कराएं एवं उसे यथा शक्ति दान – दक्षिणा प्रदान करें ।
हर अमावस्या को गहरे गड्ढे या कुएं में एक चम्मच दूध डालें इससे कार्यों में बाधाओं का निवारण होता है ।
इसके अतिरिक्त अमावस्या को आजीवन जौ दूध में धोकर बहाएं, आपका भाग्य सदैव आपका साथ देगा ।
अमावस्या पर तुलसी के पत्ते या बिल्व पत्र बिलकुल भी नहीं तोडऩा चाहिए। अमावस्या पर देवी-देवताओं को तुलसी के पत्ते और शिवलिंग पर बिल्व पत्र चढ़ाने के लिए उन्हें एक दिन पहले ही तोड़कर रख लें।
जीवन के समस्त संकट को दूर करने, कुंडली में चन्द्रमा मजबूत करने, काल सर्प दोष, पितृ दोष दूर करने के लिए बुद्ध पूर्णिमा + चंद्र ग्रहण के दिन अवश्य ही करें ये उपाय
- नक्षत्र (Nakshatra)- शतभिषा 22.22 PM तक तत्पश्चात पूर्वभाद्रपद
- नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी- शतभिषा नक्षत्र के देवता वरुण देव जी और शतभिषा के स्वामी राहु जी है ।
शतभिषा नक्षत्र का स्थान आकाश मंडल के नक्षत्रो में 24 वां है।। ‘शतभिषा’ का अर्थ है ‘सौ चिकित्सक’ अथवा ‘सौ चिकित्सा’।
यह एक चक्र, एक बैल गाड़ी जो चिकित्सा का प्रतीक है जैसा प्रतीत होता है। ऐसे जातक पर राहु और शनि का प्रभाव रहता है।
शताभिषा नक्षत्र सितारे का लिंग तटस्थ है। शताभिषा नक्षत्र का आराध्य वृक्ष: कदंब, तथा स्वाभाव चर होता है ।
यदि कुंडली में राहु और शनि का प्रभाव अच्छा है तो जातक दार्शनिक, वैज्ञानिक, अच्छे आचरण वाला, आत्मविश्वास से भरा हुआ, महत्वाकांक्षी, साहसी, सदाचारी, दाता, धार्मिक लेकिन कठोर स्वाभाव वाला होता है।
शतभिषा नक्षत्र के जातको को राहु को अपने अनुकूल करने का उपाय अवश्य जी करना चाहिए ।
शतभिषा नक्षत्र के लिए भाग्यशाली संख्या 4 और 8, भाग्यशाली रंग हरा और नीला, भाग्यशाली दिन शुक्रवार, शनिवार और सोमवार होता है ।
शतभिषा नक्षत्र में जन्मे जातको को नित्य तथा अन्य सभी को आज नक्षत्र देवता नाममंत्र:- “ॐ वरुणाय नमः ” या नक्षत्र नाम मंत्र :- “ॐ शतभिषजे नमः” मन्त्र की एक माला का जाप अवश्य करना चाहिए।
शतभिषा नक्षत्र के जातको को भगवान शंकर जी की उपासना करने से आशातीत सफलता मिलती है ।
- योग(Yog) – वैधृति
- प्रथम करण : – कौलव 11.34 AM तक
- द्वितीय करण : – तैतिल 23.05 PM तक तत्पश्चात गर
- गुलिक काल : – दोपहर 1:30 से 3 बजे तक ।
- दिशाशूल (Dishashool)- सोमवार को पूर्व दिशा का दिकशूल होता है । यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से दर्पण देखकर, दूध पीकर जाएँ ।
- राहुकाल (Rahukaal)-सुबह -7:30 से 9:00 तक।
अपनी आकृषण शक्ति, चुम्बकीय शक्ति बढ़ाना चाहते है तो अवश्य ही करें ये उपाय - * सूर्योदय – प्रातः 05:26
- * सूर्यास्त – सायं 19:18
- विशेष – अष्टमी को नारियल का सेवन नहीं करना चाहिए, अष्टमी को नारियल का सेवन करने से बुध्दि का नाश होता है।
- पर्व त्यौहार-
- मुहूर्त (Muhurt) –
“हे आज की तिथि ( तिथि के स्वामी ), आज के वार, आज के नक्षत्र ( नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो “।
आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।
30 मई 2022 का पंचांग, 30 May 2022 ka Panchang, aaj ka panchang, aaj ka rahu kaal, aaj ka shubh panchang, monday ka panchang, monday ka rahu kaal, panchang, somvar ka panchang, somvar ka rahu kaal, somvar ka shubh panchang,
आज का पंचांग, आज का राहुकाल, आज का शुभ पंचांग, पंचांग, मंडे का पंचांग, मंडे का राहुकाल, सोमवार का पंचांग, सोमवार का राहु काल, सोमवार का शुभ पंचांग
दोस्तों यह साईट बिलकुल निशुल्क है। यदि आपको इस साईट से कुछ भी लाभ प्राप्त हुआ हो, आपको इस साईट के कंटेंट पसंद आते हो तो मदद स्वरुप आप इस साईट को प्रति दिन ना केवल खुद ज्यादा से ज्यादा विजिट करे वरन अपने सम्पर्कियों को भी इस साईट के बारे में अवश्य बताएं …..धन्यवाद
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Comment form message