ज्योतिषाचार्य मुक्ति नारायण पाण्डेय ( हस्त रेखा, कुंडली, ज्योतिष विशेषज्ञ )

: ✅एक गोत्र में शादी क्यूँ नहीं..================ वैज्ञानिक कारण..! ===========एक दिन डिस्कवरी पर जेनेटिक बीमारियों से सम्बन्धित एक ज्ञानवर्धक कार्यक्रम था उस प्रोग्राम मेंएक अमेरिकी वैज्ञानिक ने कहा की जेनेटिक बीमारी न हो ============= इसका एक ही इलाज है ==============और वो है "सेपरेशन ऑफ़ जींस" =============मतलब अपने नजदीकी रिश्तेदारो में विवाह नही करना चाहिएक्योकिनजदीकी रिश्तेदारों मेंजींस सेपरेट (विभाजन) नही हो पाता औरजींस लिंकेज्ड बीमारियाँ जैसेहिमोफिलिया, कलर ब्लाईंडनेस, औरएल्बोनिज्म होने की100% चांस होती है ..फिर बहुत ख़ुशी हुईजब उसी कार्यक्रम मेंये दिखाया गया कीआखिर "हिन्दूधर्म" में ******** हजारों-हजारों सालों पहले *************** जींस और डीएनए के बारे में **************** कैसे लिखा गया है ? ************ हिंदुत्व में गोत्र होते है *************और एक गोत्र के लोगआपस में शादी नही कर सकतेताकिजींस सेपरेट (विभाजित) रहे.. ****************** उस वैज्ञानिक ने कहा की ===============आज पूरे विश्व को मानना पड़ेगा की******************** "हिन्दूधर्म ही" *********विश्व का एकमात्र ऐसा धर्म है जो******************* "विज्ञान पर आधारित" है ! ****************हिंदू परम्पराओं से जुड़े%%%%%%%%% ये वैज्ञानिक तर्क: %%%%%%%1-कान छिदवाने की परम्परा:*************** भारत में लगभग सभी धर्मों में कान छिदवाने की परम्परा है।वैज्ञानिक तर्क-%%%%%%दर्शनशास्त्री मानते हैं कि इससे सोचने की शक्त‍ि बढ़ती है।जबकिडॉक्टरों का मानना है कि इससे बोलीअच्छी होती है औरकानों से होकर दिमाग तक जाने वाली नस कारक्त संचार नियंत्रित रहता है।2-माथे पर कुमकुम/तिलक%%%%%%%%%% महिलाएं एवं पुरुष माथे पर कुमकुम या तिलक लगाते हैं वैज्ञानिक तर्क-%%%%%%आंखों के बीच मेंमाथे तक एक नस जाती है।कुमकुम या तिलक लगाने सेउस जगह की ऊर्जा बनी रहती है।माथे पर तिलक लगाते वक्त जब अंगूठे या उंगली से प्रेशर पड़ता है,तब चेहरे की त्वचा को रक्त सप्लाई करने वाली मांसपेशी सक्रिय हो जाती है।इससे चेहरे की कोश‍िकाओं तक अच्छी तरह रक्त पहुंचता 3- जमीन पर बैठकर भोजन%%%%%%%%%% भारतीय संस्कृति के अनुसार जमीन पर बैठकर भोजन करना अच्छी बात होती हैवैज्ञानिक तर्क-%%%%%%पलती मारकर बैठना************एक प्रकार का योग आसन है।******************इस पोजीशन में बैठने से**************मस्त‍िष्क शांत रहता है औरभोजन करते वक्तअगर दिमाग शांत हो तो पाचन क्रिया अच्छी रहती है। इस पोजीशन में बैठते हीखुद-ब-खुद दिमाग से 1 सिगनलपेट तक जाता है, किवह भोजन के लिये तैयार हो जाये4-हाथ जोड़कर नमस्ते करना%%%%%%%%%%%जब किसी से मिलते हैं तो हाथ जोड़कर नमस्ते अथवा नमस्कार करते हैं।वैज्ञानिक तर्क-%%%%%%जब सभी उंगलियों के शीर्षएक दूसरे के संपर्क में आते हैंऔर उन पर दबाव पड़ता है।एक्यूप्रेशर के कारण उसकासीधा असरहमारी आंखों, कानों और दिमाग पर होता है,ताकि सामने वाले व्यक्त‍ि को हम लंबे समय तक याद रख सकें।दूसरा तर्क यह कि हाथ मिलाने (पश्च‍िमी सभ्यता) के बजाये अगर आप नमस्ते करते हैंतो सामने वाले के शरीर के कीटाणु आप तक नहीं पहुंच सकते।अगर सामने वाले को स्वाइन फ्लू भी है तो भी वह वायरस आप तक नहीं पहुंचेगा।5-भोजन की शुरुआत तीखे से और%%%%%%%%%%%%अंत मीठे से%%%%% जब भी कोई धार्मिक या पारिवारिक अनुष्ठान होता है तो भोजन की शुरुआत तीखे से और अंत मीठे से होता है।वैज्ञानिक तर्क-%%%%%%तीखा खाने सेहमारे पेट के अंदरपाचन तत्व एवं अम्ल सक्रिय हो जाते हैंइससेपाचन तंत्र ठीक से संचालित होता हैअंत मेंमीठा खाने सेअम्ल की तीव्रता कम हो जाती हैइससे पेट में जलन नहीं होती है6-पीपल की पूजा%%%%%%तमाम लोग सोचते हैं किपीपल की पूजा करने सेभूत-प्रेत दूर भागते हैं। वैज्ञानिक तर्क-%%%%%%इसकी पूजा इसलिये की जाती है,ताकिइस पेड़ के प्रति लोगों का सम्मान बढ़ेऔरउसे काटें नहींपीपल एक मात्र ऐसा पेड़ है, जोरात में भी ऑक्सीजन प्रवाहित करता है 7-दक्ष‍िण की तरफ सिर करके सोना%%%%%%%%%%%%%दक्ष‍िण की तरफ कोई पैर करके सोता हैतो ऐसे और पोस्ट देखने के लिए और टीम मोदी सपोर्टर एसोसिएशन से जुड़ने के लिए क्लिक करें 👇👇

: ✅
एक गोत्र में शादी क्यूँ नहीं..
================
      वैज्ञानिक कारण..!
      ===========

एक दिन डिस्कवरी पर
  जेनेटिक बीमारियों से
     सम्बन्धित एक ज्ञानवर्धक कार्यक्रम था

         उस प्रोग्राम में

एक अमेरिकी वैज्ञानिक ने कहा की
  जेनेटिक बीमारी न हो
  =============
  इसका एक ही इलाज है
  ==============
और वो है
          "सेपरेशन ऑफ़ जींस"
          =============
मतलब अपने नजदीकी रिश्तेदारो में
  विवाह नही करना चाहिए
क्योकि
नजदीकी रिश्तेदारों में
जींस सेपरेट (विभाजन) नही हो पाता
 और
जींस लिंकेज्ड बीमारियाँ जैसे
हिमोफिलिया, कलर ब्लाईंडनेस, और
एल्बोनिज्म होने की
100% चांस होती है ..

फिर बहुत ख़ुशी हुई
जब उसी कार्यक्रम में
ये दिखाया गया की
आखिर
   "हिन्दूधर्म" में
   ********
     हजारों-हजारों सालों पहले
     ***************
       जींस और डीएनए के बारे में
       ****************
       कैसे लिखा गया है ?
       ************
       हिंदुत्व में गोत्र होते है
      *************
और
         एक गोत्र के लोग
आपस में शादी नही कर सकते
ताकि
जींस सेपरेट (विभाजित) रहे.. ******************
    उस वैज्ञानिक ने कहा की
    ===============
आज पूरे विश्व को मानना पड़ेगा की
********************
            "हिन्दूधर्म ही"
           *********
विश्व का एकमात्र ऐसा धर्म है जो
*******************
    "विज्ञान पर आधारित" है !
    ****************

हिंदू परम्पराओं से जुड़े
%%%%%%%%%
          ये वैज्ञानिक तर्क:
         %%%%%%%
1-
कान छिदवाने की परम्परा:
***************
     भारत में लगभग सभी धर्मों में
        कान छिदवाने की
            परम्परा है।
वैज्ञानिक तर्क-
%%%%%%
दर्शनशास्त्री मानते हैं कि
 इससे सोचने की शक्त‍ि बढ़ती है।
जबकि
डॉक्टरों का मानना है कि इससे बोली
अच्छी होती है और
कानों से होकर दिमाग तक जाने वाली नस का
रक्त संचार नियंत्रित रहता है।

2-
माथे पर कुमकुम/तिलक
%%%%%%%%%%
   महिलाएं एवं पुरुष माथे पर
      कुमकुम या तिलक लगाते हैं 
वैज्ञानिक तर्क-
%%%%%%
आंखों के बीच में
माथे तक एक नस जाती है।
कुमकुम या तिलक लगाने से
उस जगह की ऊर्जा बनी रहती है।
माथे पर तिलक लगाते वक्त जब अंगूठे या उंगली से प्रेशर पड़ता है,
तब चेहरे की त्वचा को रक्त सप्लाई करने वाली मांसपेशी सक्रिय हो जाती है।
इससे चेहरे की कोश‍िकाओं तक अच्छी तरह रक्त पहुंचता 

3- 
जमीन पर बैठकर भोजन
%%%%%%%%%%
   भारतीय संस्कृति के अनुसार
   जमीन पर बैठकर भोजन करना अच्छी बात होती है
वैज्ञानिक तर्क-
%%%%%%
पलती मारकर बैठना
************
एक प्रकार का योग आसन है।
******************
इस पोजीशन में बैठने से
**************
मस्त‍िष्क शांत रहता है और
भोजन करते वक्त
अगर दिमाग शांत हो तो
 पाचन क्रिया अच्छी रहती है। इस पोजीशन में बैठते ही
खुद-ब-खुद दिमाग से 1 सिगनल
पेट तक जाता है, कि
वह भोजन के लिये तैयार हो जाये

4-
हाथ जोड़कर नमस्ते करना
%%%%%%%%%%%

जब किसी से मिलते हैं तो
 हाथ जोड़कर नमस्ते अथवा नमस्कार करते हैं।
वैज्ञानिक तर्क-
%%%%%%
जब सभी उंगलियों के शीर्ष
एक दूसरे के संपर्क में आते हैं
और उन पर दबाव पड़ता है।
एक्यूप्रेशर के कारण उसका
सीधा असर
हमारी आंखों, कानों और दिमाग पर होता है,
ताकि सामने वाले व्यक्त‍ि को हम लंबे समय तक याद रख सकें।
दूसरा तर्क यह कि हाथ मिलाने (पश्च‍िमी सभ्यता) के बजाये अगर आप नमस्ते करते हैं
तो सामने वाले के शरीर के कीटाणु आप तक नहीं पहुंच सकते।
अगर सामने वाले को स्वाइन फ्लू भी है तो भी वह वायरस आप तक नहीं पहुंचेगा।

5-
भोजन की शुरुआत तीखे से और
%%%%%%%%%%%%
अंत मीठे से
%%%%%
   जब भी कोई धार्मिक या
     पारिवारिक अनुष्ठान होता है तो
       भोजन की शुरुआत तीखे से और
          अंत मीठे से होता है।
वैज्ञानिक तर्क-
%%%%%%
तीखा खाने से
हमारे पेट के अंदर
पाचन तत्व एवं अम्ल सक्रिय हो जाते हैं
इससे
पाचन तंत्र ठीक से संचालित होता है
अंत में
मीठा खाने से
अम्ल की तीव्रता कम हो जाती है
इससे पेट में जलन नहीं होती है

6-
पीपल की पूजा
%%%%%%
तमाम लोग सोचते हैं कि
पीपल की पूजा करने से
भूत-प्रेत दूर भागते हैं। 
वैज्ञानिक तर्क-
%%%%%%
इसकी पूजा इसलिये की जाती है,
ताकि
इस पेड़ के प्रति लोगों का सम्मान बढ़े
और
उसे काटें नहीं
पीपल एक मात्र ऐसा पेड़ है, जो
रात में भी ऑक्सीजन प्रवाहित करता है 

7-
दक्ष‍िण की तरफ सिर करके सोना
%%%%%%%%%%%%%
दक्ष‍िण की तरफ कोई पैर करके सोता है
तो 


ऐसे और पोस्ट देखने के लिए और टीम मोदी सपोर्टर एसोसिएशन से जुड़ने के लिए क्लिक करें 👇👇

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