श्री सूक्त | श्री सूक्त का महत्व | Shri Sukt

श्री सूक्त | श्री सूक्त का महत्व | Shri Sukt

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श्री सूक्त, Shri Sukt,

हे माँ लक्ष्मी आप अपने भक्तो की समस्त मनोकामनाओं को पूर्ण करने की कृपा करें , उन्हें धन, यश, सुख-समृद्धि, ऐश्वर्य और कार्यो में श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो। हे माँ आपकी सदा जी जय हो।

हे माँ लक्ष्मी आप अपने भक्तो की समस्त मनोकामनाओं को पूर्ण करने की कृपा करें , उन्हें धन, यश, सुख-समृद्धि, ऐश्वर्य और कार्यो में श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो। हे माँ आपकी सदा जी जय हो।

श्री सूक्त, Shri Sukt,

श्री सूक्त shri sukt अर्थात श्री सूक्तम् shree suktam देवी लक्ष्मी की अाराधना करने हेतु उनको समर्पित मंत्र हैं। इसे ‘लक्ष्मी सूक्तम्’ lakshmi suktam भी कहते हैं। यह सूक्त ऋग्वेद से लिया गया है।

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श्री सूक्त shri sukt का पाठ धन-धान्य की अधिष्ठात्री, देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति के लिए किया जाता है। श्री सूक्त shree sukt का पाठ यश, सुख-समृद्धि ऐश्वर्य प्राप्ति का अचूक उपाय है । इस उपाय का प्रचलन अति प्राचीन काल से होता रहा है ।

श्री सूक्त Shri sukt ऋग्वेदोक्त सिद्ध मंत्र हैं। श्री सूक्त, Shri sukt में सोलह मंत्र है , इसके प्रत्येक सूक्त या मन्त्र में कुछ ऐसा गूढ़ रहस्य , चमत्कार है जिनसे अथाह धन-सम्पत्ति की प्राप्ति संभव है।

यदि माँ का भक्त इसे पूर्ण श्राद्ध एवं विधि पूर्वक नित्य प्रात: पढे तो उसका भाग्य चमकने लगता है, शुभ समाचारो की प्राप्ति होती है, समस्त कार्यो में श्रेष्ठ सफलता मिलने लगती है, अकस्मात् धन लाभ के भी योग बनते है। श्री सूक्तम् के शुभ फलो में जरा भी संदेह की गुंजाइस नहीं है ।

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मान्यता है कि लक्ष्मी माता की कृपा प्राप्त करने का इससे अमोघ और सरल उपाय कोई भी नहीं है। चाहे कुंडली में कैसे भी ग्रह बैठे हो , कितनी भी विपरीत परिस्थितियां क्योँ ना हो , पिछले कई जन्मो के कैसे भी पाप हो सब कट जाते है , ना केवल इस जन्म में वरन आने वाले जन्मो में भी सुख-समृद्धि प्राप्त होती है ।
जातक की आने वाली पीढ़ियाँ भी सुख समृद्धि को प्राप्त करती है ।

श्री सूक्तम् का पाठ पूर्व अथवा उत्तर दिशा में मुख करके सफ़ेद / गुलाबी आसान पर बैठकर करना चाहये । श्री सूक्तम् पढ़ने से पहले माँ लक्ष्मी के सामने घी का दीपक जलाकर, रोली / कुमकुम का तिलक करके कमल / लाल गुलाब / लाल गुड़हल का पुष्प अर्पित करें एवं प्रशाद चढ़ाएं ।

अगर संस्कृत में पाठ ना कर पा रहे हो तो उसे हिंदी में धीरे धीरे बिलकुल साफ पढे। श्री सूक्त का पाठ करते समय पूरा ध्यान माँ लक्ष्मी की तरफ रहना चाहिए । नवरात्र, दीपावली, शुक्रवार को तो इसको एक से अधिक बार पढे ।

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आचार्य मुक्ति नारायण जी के अनुसार प्रत्येक सोमवार को भगवान शिव की आराधना, पंचामृत / दूध / जल से अभिषेक करने से संकट दूर होते है, समस्त सुख प्राप्त होते है ।
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आचार्य मुक्ति नारायण पांडेय
अध्यात्म ज्योतिष परामर्श कैद्र रायपुर छ्तीसगढ़
मोवोइल्स नंबर :9425203501+7000121183+07714070168

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