शनि ग्रह के उपाय, shani grah ke upay,
शनि ग्रह Shani Grah का शुभाशुभ प्रभाव एवं शनि ग्रह के उपाय Shani Grah Ke Upay ——-
- शनि ग्रह Shani Grah का मजबूत होना नाक्रशाही का प्रतीक है। ऐसा होने पर आप स्वस्थ्य होते हैं और लोग आपके लिए काम करते हैं।
जीवनसाथी का सहयोग मिलता है और परिवार पर किसी प्रकार की मुसीबत नहीं आती। ऐसा व्यक्ति एक से अधिक मकानों का स्वामी होता है और कम मेहनत में अधिक लाभ कमाने वाला होता है।
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- जैसे जुआ-सट्टा खेलना, शराब पीना, ब्याजखोरी करना, परस्त्री गमन करना,
अप्राकृतिक रूप से संभोग करना, झूठी गवाही देना, निर्दोष लोगों को सताना,
किसी के पीठ पीछे उसके खिलाफ कोई कार्य करना,
चाचा-चाची, माता-पिता, सेवकों और गुरु का अपमान करना,
ईश्वर के खिलाफ होना, दांतों को गंदा रखना, भैंस या भैसों को मारना,
सांप, कुत्ते और कौवों को सताना।
शनि के मूल मंदिर जाने से पूर्व उक्त बातों पर प्रतिबंध लगाएं।
शनि यंत्र, Shani Yantr,
शनि ग्रह के औषधि स्नान :– शनि ग्रह को अपने अनुकूल करने के लिए शनिवार के दिन प्रात: जल में सौंफ, लोबान, सुरमा, काले तिल, गोंद, डालकर स्नान करने से शनि ग्रह के अनुकूल फल मिलते है।
शनि गृह को अनुकूल बनाने के उपाय, Shani Grah ko anukul banna ke upay
- कोयला दान करना भी अच्छा होगा ,”भगवान भैरव की उपासना करें “ॐ भैरवाय नम:” इस मंत्र का जप करें”।
शनि न्याय के देवता है जो यदि शनिदेव बुरे कर्मो का दण्ड देते हैं तो शुभ कामों से कृपा भी बरसाते हैं। शास्त्रों में शनि के दस अति पुण्य प्रदान करने वाले नामों का वर्णन है, जिनका स्मरण,जप करने से ही सभी बड़े से बड़ा सकंट कैसे भी दु:खों का नाश होता है।
विशेषकर शनिवार को तो शनि देव के वह दस कल्याणकारी नमो का अवश्य ही उच्चारण करना चाहिए यदि पीपल के पेड़ के नीचे इन नामो का जाप किया जाय तो शनि देव अति प्रसन्न होते है। शनि देव के 10 नाम है :—–
“कोणस्थ, पिंगल, बभ्रु, कृष्ण, रौद्रान्तक, यम, सौरि, शनैश्चर, मन्द, पिप्पलाश्रय“
- शनिवार को शनि ग्रह की वस्तुओं का दान करें, शनि ग्रह की वस्तुएं हैं –काला उड़द,चमड़े का जूता, नमक, सरसों तेल, तेल, नीलम, काले तिल, लोहे से बनी वस्तुएं, काला कपड़ा आदि।
- शनि देव के प्रकोप से बचने उन्हें प्रसन्न करने के लिए उनकी पत्नी के 8 नामो,
- ध्वजीनि, धामिनी, कंकाली, कलह प्रिया, कंटकी, तरंगी, महिषि, अजा
का अवश्य स्मरण करना चाहिए।
शनि ग्रह शान्ति हेतु टोटका :—
- प्रत्येक शनिवार को स्नान करने से पहले पूरे शरीर में सरसों का तेल लगाकर ही स्नान किया करें एवं संभव हो तो शनिवार को ही संध्या में हनुमान जी का पूजा अर्चना कर प्रसाद वितरण कर स्वयं भी प्रसाद ग्रहण कर लिया करें ।
ज्योतिषाचार्य मुक्ति नारायण पाण्डेय ( हस्त रेखा, कुंडली, ज्योतिष विशेषज्ञ ) MO. NO. 0771 4070168+09425203501
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