ज्योतिषाचार्य मुक्ति नारायण पाण्डेय ( हस्त रेखा, कुंडली, ज्योतिष विशेषज्ञ )

सोमवार का पंचांग, Somwar Ka Panchang, 23 दिसंबर 2024 का पंचांग,

सोमवार का पंचांग, Somwar Ka Panchang, 23 दिसंबर 2024 का पंचांग,

सोमवार का पंचांग, Somwar Ka Panchang, 23 दिसंबर 2024 का पंचांग, 23 December 2024 ka Panchang,

Panchang, पंचाग, आज का पंचांग, aaj ka panchang, ( Panchang 2024, हिन्दू पंचाग, Hindu Panchang ) पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :-


1:- तिथि (Tithi)
2:- वार (Day)
3:- नक्षत्र (Nakshatra)
4:- योग (Yog)
5:- करण (Karan)

पंचाग (panchang) का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचाग (panchang) का श्रवण करते थे ।
जानिए, सोमवार का पंचांग, Somvar Ka Panchang।

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सोमवार का पंचांग, Somvar Ka Panchang,

23 दिसंबर 2024 का पंचांग, 23 December 2024 ka Panchang,

महा मृत्युंजय मंत्र – ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।

  • दिन (वार) – सोमवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से पुत्र का अनिष्ट होता है शिवभक्ति को भी हानि पहुँचती है अत: सोमवार को ना तो बाल और ना ही दाढ़ी कटवाएं ।

    सोमवार के दिन भगवान शंकर की आराधना, अभिषेक करने से चन्द्रमा मजबूत होता है, काल सर्प दोष दूर होता है।

सोमवार का व्रत रखने से मनचाहा जीवन साथी मिलता है, वैवाहिक जीवन में लम्बा और सुखमय होता है।

जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए हर सोमवार को शिवलिंग पर पंचामृत या मीठा कच्चा दूध एवं काले तिल चढ़ाएं, इससे भगवान महादेव की कृपा बनी रहती है परिवार से रोग दूर रहते है।

सोमवार के दिन शिव पुराण के अचूक मन्त्र “श्री शिवाये नमस्तुभ्यम’ का अधिक से अधिक जाप करने से समस्त कष्ट दूर होते है. निश्चित ही मनवाँछित लाभ मिलता है।

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*विक्रम संवत् 2081,
* शक संवत – 1945,
*कलि संवत 5124
* अयन – दक्षिणायन,
* ऋतु – शरद ऋतु,
* मास – पौष माह,
* पक्ष – कृष्ण पक्ष
*चंद्र बल – मेष, कर्क, कन्या, वृश्चिक धनु, मीन,

सोमवार को चन्द्रमा की होरा :-

प्रात: 7.10 AM से 8.02 AM तक

दोपहर 01.12 PM से 2.03 PM तक

रात्रि 7.46 PM से 8.55 PM तक

सोमवार को चन्द्रमा की होरा में अधिक से अधिक चन्द्र देव के मन्त्र का जाप करें। यात्रा, प्रेम, प्रसन्नता, कला सम्बन्धी कार्यो के लिए चन्द्रमा की होरा अति उत्तम मानी जाती है।

देव प्रबोधिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु जी 4 माह की योग निद्रा से जागते है, इस दिन इस उपाय से समस्त मनोकामनाएँ होती है पूर्ण 

सोमवार के दिन चन्द्रमा की होरा में चंद्रदेव के मंत्रो का जाप करने से कुंडली में चंद्र देव मजबूत होते है, पूरे दिन शुभ फलो की प्राप्ति होती है ।

चन्द्रमा के मन्त्र

ॐ सों सोमाय नम:।

ॐ श्रीं श्रीं चन्द्रमसे नम: ।

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  • तिथि (Tithi) – अष्टमी 17.07 PM तक तत्पश्चात नवमी
  • तिथि का स्वामी – अष्टमी तिथि के स्वामी भगवान भोलेनाथ जी और नवमी तिथि की स्वामी माँ दुर्गा देवी है ।
  • अष्टमी तिथि के स्वामी भगवान शिव कहे गए है। अष्टमी तिथि को भगवान शिव की विधि पूर्वक पूजा भोलेनाथ जी प्रसन्न होते है भक्तो को समस्त सिद्धियां प्राप्त होती है। 
  • अष्टमी तिथि को…….
  • श्री शिवाये नमस्तुभ्यंम, एवं
  • ॐ नम: शिवाये मन्त्र का अधिक से अधिक जाप अवश्य करें ।
  •  अष्टमी तिथि को पूजा में शंकर जी को नारियल का भोग अर्पित करें अथवा शिवजी भगवान के लिए बनाए जाने वाले प्रसाद में नारियल का उपयोग करें लेकिन अष्टमी को नारियल का सेवन नहीं करना चाहिए ।
  • अष्टमी तिथि का नाम कलावती कहा गया है। जिस पक्ष में अष्टमी तिथि मंगलवार के दिन पडती है. तो उस दिन यह सिद्धिद्दा योग अर्थात अति शुभ योग बनाती।
  • अष्टमी तिथि जया तिथियों की श्रेणी में आती है मान्यता कि अष्टमी तिथि में किये गए समस्त कार्यो में निसंदेह रूप से सफलता मिलती है ।
  • लेकिन चैत्र महीने के दोनों पक्षों में पड़ने वाली अष्टमी तिथि शून्य कही गई है।
  • अष्टमी तिथि को दुर्गा जी की आराधना भी शुभ मानी गई है । अष्टमी तिथि में जन्मे जातकों को भगवान शिव और मां दुर्गा की पूजा अवश्य करनी चाहिए, ऐसा करने से जातक को निर्भयता आती है, जीवन से सभी संकट दूर होते है ।
  • अष्टमी तिथि में किसी भी प्रकार की ललित कला और विद्याएं सीखना अत्यन्त शुभ माना गया है।
  • अष्टमी तिथि के दौरान भी बहुत से त्यौहार मनाए जाते हैं ।  इस अष्टमी तिथि में अहोई अष्टमी,  गौरी अष्टमी, राधाअष्टमी, शीतला अष्टमी जैसे त्यौहार मनाए जाते हैं ।
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नक्षत्र (Nakshatra) – उत्तराफाल्गुनी 9.09 AM तक तत्पश्चात हस्त नक्षत्र

नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी- उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के देवता आर्यमन और स्वामी सूर्य, बुध देव जी है । 

आकाश मंडल में उत्तरा फाल्गुनी को 12 वां नक्षत्र माना जाता है। ‘उत्तरा फाल्गुनी’ का अर्थ है ‘बाद का लाल नक्षत्र’। यह एक बिस्तर या बिस्तर के पिछले दो पाए को दर्शाता है जो आराम और विलासिता के जीवन का प्रतीक है।  

यह नक्षत्र रोमांस, कामुक, ऐश्वर्य, रोमांच और अनैतिक आचरण को प्रदर्शित करता है। इस नक्षत्र काआराध्य वृक्ष : पाकड़ तथा स्वाभाव शुभ माना गया है।

उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र सितारे का लिंग महिला है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक पर जीवन भर सूर्य और बुध का प्रभाव बना रहता है।

इस नक्ष‍त्र में जन्मे व्यक्ति दानी, दयालु, साहसी, विद्वान, चतुर, उग्र स्वभाव, सही निर्णय लेने वाले होते है।  इन्हे पूर्ण संतान, भूमि का सुख मिलता है।

लेकिन यदि सूर्य और बुध की स्थिति जन्म कुंडली में खराब है तो जातक का रुझान गलत कार्यों में रहने लगता है, उसका झुकाव विपरीत लिंगी की तरफ बहुत आसानी से हो जाता है।

उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र में पैदा हुई स्त्री, सरल, शांत लेकिन खुशमिज़ाज़ होती हैं। यह आसानी से सबको प्रभावित कर लेती है ।इनका पारिवारिक दाम्पत्य जीवन सुखमय होता है ।

उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र के लिए भाग्यशाली संख्या 12, भाग्यशाली रंग, चमकदार नीला, भाग्यशाली दिन  बुधवार, शुक्रवार, और रविवार  माना जाता है ।

उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र में जन्मे जातको को तथा जिस दिन यह नक्षत्र हो उस दिन सभी को “ॐ अर्यमणे नम: “। मन्त्र माला का जाप अवश्य करना चाहिए ।

  अगर पश्चिम मुख का है आपका घर तो ऐसा रहना चाहिए आपके घर का वास्तु, जानिए पश्चिम दिशा के अचूक वास्तु टिप्स 
  • योग(Yog) – सौभाग्य 19.55 PM तक तत्पश्चात शोभन
  • योग के स्वामी :-     सौभाग्य योग के स्वामी ब्रह्मा जी एवं स्वभाव श्रेष्ठ माना जाता है ।
  • प्रथम करण : – कौलव 17.07 PM तक
  • करण के स्वामी, स्वभाव :-     कौलव करण के स्वामी मित्र और स्वभाव सौम्य है ।

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  • द्वितीय करण : – तैतिल 06 .30 AM दिसंबर 24 तक,
  • करण के स्वामी, स्वभाव :- तैतिल करण के स्वामी विश्वकर्मा जी और स्वभाव सौम्य है ।
  • गुलिक काल : – दोपहर 1:30 से 3 बजे तक ।
  • विशेष – अष्टमी को नारियल का सेवन नहीं करना चाहिए, अष्टमी को नारियल का सेवन करने से बुध्दि का नाश होता है  । 
  • पर्व त्यौहार-
  • मुहूर्त (Muhurt) –

“हे आज की तिथि ( तिथि के स्वामी ), आज के वार, आज के नक्षत्र ( नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो “।

आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।

अपने धर्म, अपनी संस्कृति अपने नैतिक मूल्यों के प्रचार, प्रसार के लिए तन – मन – धन से अपना बहुमूल्य सहयोग करें । आप हमें अपनी इच्छा – सामर्थ्य के अनुसार सहयोग राशि 9425203501 पर Google Pay कर सकते है ।
आप पर ईश्वर की असीम अनुकम्पा की वर्षा होती रहे ।

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ज्योतिषाचार्य मुक्ति नारायण पाण्डेय 9425203501
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