ज्योतिषाचार्य मुक्ति नारायण पाण्डेय ( हस्त रेखा, कुंडली, ज्योतिष विशेषज्ञ )

सोमवार का पंचांग, Somwar Ka Panchang, 12 अगस्त 2024 का पंचांग,

सोमवार का पंचांग, Somwar Ka Panchang, 12 अगस्त 2024 का पंचांग,

आप सभी को सावन के चतुर्थ सोमवार की हार्दिक शुभकामनायें

सोमवार का पंचांग, Somwar Ka Panchang, 12 अगस्त 2024 का पंचांग, 12 August 2024 ka Panchang,

Panchang, पंचाग, आज का पंचांग, aaj ka panchang, ( Panchang 2024, हिन्दू पंचाग, Hindu Panchang ) पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :-


1:- तिथि (Tithi)
2:- वार (Day)
3:- नक्षत्र (Nakshatra)
4:- योग (Yog)
5:- करण (Karan)

पंचाग (panchang) का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचाग (panchang) का श्रवण करते थे ।
जानिए, सोमवार का पंचांग, Somvar Ka Panchang।

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सोमवार का पंचांग, Somvar Ka Panchang,

12 अगस्त 2024 का पंचांग, 12 August 2024 ka Panchang,

महा मृत्युंजय मंत्र – ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।

  • दिन (वार) – सोमवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से पुत्र का अनिष्ट होता है शिवभक्ति को भी हानि पहुँचती है अत: सोमवार को ना तो बाल और ना ही दाढ़ी कटवाएं ।

    सोमवार के दिन भगवान शंकर की आराधना, अभिषेक करने से चन्द्रमा मजबूत होता है, काल सर्प दोष दूर होता है।

सोमवार का व्रत रखने से मनचाहा जीवन साथी मिलता है, वैवाहिक जीवन में लम्बा और सुखमय होता है।

जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए हर सोमवार को शिवलिंग पर पंचामृत या मीठा कच्चा दूध एवं काले तिल चढ़ाएं, इससे भगवान महादेव की कृपा बनी रहती है परिवार से रोग दूर रहते है।

सोमवार के दिन शिव पुराण के अचूक मन्त्र “श्री शिवाये नमस्तुभ्यम’ का अधिक से अधिक जाप करने से समस्त कष्ट दूर होते है. निश्चित ही मनवाँछित लाभ मिलता है।

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*विक्रम संवत् 2081,
* शक संवत – 1945,
*कलि संवत 5124
* अयन – दक्षिणायन,
* ऋतु – वर्षा ऋतु,
* मास – श्रावण माह,
* पक्ष – शुक्ल पक्ष
*चंद्र बल – वृषभ, मिथुन, कन्या, वृश्चिक, मकर, कुम्भ,

सोमवार को चन्द्रमा की होरा :-

प्रात: 5.48 AM से 6.54 AM तक

दोपहर 01.31 PM से 2.38 PM तक

रात्रि 8.50 PM से 9.44 PM तक

सोमवार को चन्द्रमा की होरा में अधिक से अधिक चन्द्र देव के मन्त्र का जाप करें। यात्रा, प्रेम, प्रसन्नता, कला सम्बन्धी कार्यो के लिए चन्द्रमा की होरा अति उत्तम मानी जाती है।

सोमवार के दिन चन्द्रमा की होरा में चंद्रदेव के मंत्रो का जाप करने से कुंडली में चंद्र देव मजबूत होते है, पूरे दिन शुभ फलो की प्राप्ति होती है ।

चन्द्रमा के मन्त्र

ॐ सों सोमाय नम:।

ॐ श्रीं श्रीं चन्द्रमसे नम: ।

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  • तिथि (Tithi) – सप्तमी 7.57 AM तक तत्पश्चात अष्टमी
  • तिथि का स्वामी – सप्तमी तिथि के स्वामी सूर्य देव जी और अष्टमी तिथि के स्वामी भगवान भोलेनाथ जी है ।


  • सप्तमी के स्वामी भगवान सूर्य देव हैं। इस दिन आदित्यह्रदय स्रोत्र का पाठ अवश्य करें ।
  • सप्तमी तिथि को शुभ प्रदायक माना गया है, इस तिथि में जातक को सूर्य का शुभ प्रभाव प्राप्त होता है ।
  •   सप्तमी तिथि में जन्मा जातक भाग्यशाली, गुणवान, तेजयुक्त होता है उसकी काबिलियत से उसे सभी क्षेत्रो में सम्मान प्राप्त होता  है।
  • सप्तमी के दिन भगवान सूर्य देव के मन्त्र “ॐ सूर्याय नम:”।। की एक माला का जाप अवश्य ही करें ।
  • सप्तमी का विशेष नाम ‘मित्रपदा’ है।  सप्तमी को काले, नीले वस्त्रो को धारण नहीं करना चाहिए।
  • ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सप्तमी तिथि को मां कालरात्रि की पूजा का भी दिन माना जाता है, जो समस्त संकटों का नाश करने वाली हैं। अत: इस दिन माँ काली की आराधना, स्मरण अवश्य करें ।
  • सप्तमी के दिन माँ काली जी के मन्त्र “ॐ क्रीं काल्यै नमः” का जाप करने से समस्त भय और संकट दूर होते है।  
  •  सप्तमी तिथि के दिन उत्साह से भरे,  शुभ मंगल कार्य करना शुभ माना जाता है।  किसी नए स्थान की यात्रा करना, नए कार्यो को करने के लिए भी यह तिथि शुभ मानी जाती है।  
  • नए वस्त्र एवं गहनों को धारण करना, विवाह, नृत्य- संगीत जैसे काम करना भी इस दिन उत्तम होता है। चूड़ा कर्म, अन्नप्राशन, उपनयन जैसे शुभ संस्कार इस तिथि समय पर किए जाते हैं ।
  • सप्तमी की दिशा वायव्य मानी गयी है ।
  • सप्तमी तिथि को ताड़ के फल का सेवन नहीं करना चाहिए । माना जाता है कि सप्तमी को ताड़ का सेवन करने से रोग बढ़ते है ।
  • जीवन में समस्त संकटो को दूर करने, सफलता का द्वार खोलने के लिए नवरात्री के मंगलवार को अवश्य ही करें ये उपाय

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श्रवण माह भगवान भोलाथ जी को अत्यंत प्रिय है, सावन में भगवान आशुतोष जी की आराधना परम फलदाई है ।

मान्यता है भगवान शिव भक्तो द्वारा इस माह किये गए ब्रत, पूजा, अभिषेक आदि से अति प्रसन्न होते है। सावन माह को हर्ष उल्लास का महीना कहा गया है और शिव भक्तो के लिए यह माह और भी विशेष होता है। 

सावन के महीने में दसो दिशाएं हर-हर बम-बम , हर हर महादेव के जयकारे से गूँजने लगती है , प्रत्येक भक्त देवताओं में सबसे भोले भगवान भोलेनाथ को मनाकर, उन्हें प्रसन्न करके उनकी कृपा प्राप्त करना चाहता है। 

अमूमन सावन माह में 4 सोमवार पड़ते हैं लेकिन इस बार सावन माह में पांच सोमवार का पड़ना शुभ संकेत माना जा रहा है। ज्योतिषियों के अनुसार इस संयोग में भक्तों को भगवान शिवजी की पूजा, अर्चना, अभिषेक करने से परम सुखो की प्राप्ति होगी।

श्रावण मास के प्रत्येक सोमवार को शिव के निमित्त व्रत किए जाते हैं।

श्रावण मास के सोमवारों में शिव के व्रतों, पूजा और शिव जी की आरती का विशेष महत्त्व है। शिव के ये व्रत शुभदायी और फलदायी होते हैं। इन व्रतों को करने वाले सभी भक्तों से भगवान शिव बहुत प्रसन्न होते हैं ।

सावन के सोमवार के दिन शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर गंगा जल मिला जल चढ़ाकर, दूध, दही, शहद,घी, चीनी से अभिषेक करके चावल और काले तिल चढ़ाएं । फिर शिवलिंग का बेल पत्र, शमी पत्र, मदार और सफ़ेद पुष्प से श्रृंगार करें ।

इस दिन शिवलिंग का दूध, शहद, घी से अभिषेक करके अक्षत ( चावल ) चढ़ाने से भगवान शिव की कृपा से सभी संकटो का नाश होता है, जीवन सुखमय होता है।

नक्षत्र (Nakshatra) – स्वाति 8.33 AM तक तत्पश्चात विशाखा,

  • नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी-  स्वाति नक्षत्र के देवता वायु और सरस्वती जी और स्वामी राहु जी है ।

स्वाति नक्षत्र, नक्षत्र मंडल में उपस्थित 27 नक्षत्रों में 15वां है। स्वाति नक्षत्र राहु का दूसरा नक्षत्र है। स्वाति नक्षत्र के देवता पवन देव हैं।  स्वाति नक्षत्र का संबंध विद्या की अधिष्ठात्री देवी सरस्वती से भी है।

स्वाति नक्षत्र ‘शुद्धता’,  ‘स्वतंत्रता’ को दर्शाता है ।  यह अत्यंत शुद्ध और पवित्र बारिश की पहली बूंद का भी प्रतीक है ।

स्वाति नक्षत्र के पानी का महत्व ज्यादा होता है। इसकी एक बूंद से पपैया पक्षी अपनी प्यास बुझा लेता है। केले के पत्ते पर जल की बूंद गिरने से कपूर बनता है। इसी जल की बूंद समुद्र में गिरने से मोती बनता है।

इस नक्षत्र का आराध्य वृक्ष : अर्जुन तथा स्वाभाव शुभ माना गया है। स्वाति नक्षत्र सितारे का लिंग महिला है।

इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक पर जीवन भर शुक्र एवं राहु ग्रह का प्रभाव बना रहता है।

इस नक्षत्र में जन्मा जातक धार्मिक, लोकप्रिय, बुद्धिमान, चतुर, परिश्रमी, अनुशासित, आध्यात्मिक होता हैं, सामन्यता इन्हे भूमि, भवन और पूर्ण सुख मिलता है।

लेकिन यदि शुक्र ख़राब हो तो जातक क्रोधी, घमंडी, अति कामुक, मदिरा प्रेमी होता है उसको धन और स्त्री का सुख भी नहीं मिलता है ।

स्वाति नक्षत्र में पैदा हुई स्त्री सुन्दर, मिलनसार, धार्मिक, दयालु,  दूसरो को जल्द प्रभावित करने वाली होती हैं। इनका पारिवारिक दाम्पत्य जीवन सुखमय होता है ।

स्वाति नक्षत्र के लिए भाग्यशाली संख्या 4 और 6,  भाग्यशाली रंग, गहरा भूरा, काला,  भाग्यशाली दिन  शनिवार, सोमवार और मंगलवार माना जाता है ।

स्वाति नक्षत्र में जन्मे जातको को तथा जिस दिन यह नक्षत्र हो उस दिन सभी को वायु देव के  “ॐ वायवे नमः”। मन्त्र माला का जाप अवश्य करना चाहिए, इससे जीवन में श्रेष्ठ सफलता मिलती है  ।

अगर पश्चिम मुख का है आपका घर तो ऐसा रहना चाहिए आपके घर का वास्तु, जानिए पश्चिम दिशा के अचूक वास्तु टिप्स 
  • योग(Yog) – शुक्ल 16.25 PM तक तत्पश्चात ब्रह्म
  • योग के स्वामी :-    शुक्ल  योग की स्वामी देवी पार्वती जी एवं स्वभाव श्रेष्ठ माना जाता है ।
  • प्रथम करण : – वणिज 7.57 AM तक
  • करण के स्वामी, स्वभाव :-    वणिज करण की स्वामी लक्ष्मी देवी और स्वभाव सौम्य है ।

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  • द्वितीय करण : – विष्टि 20. 50 PM तक तत्पश्चात बव
  • करण के स्वामी, स्वभाव :- विष्टि करण के स्वामी यम और स्वभाव क्रूर है ।
  • गुलिक काल : – दोपहर 1:30 से 3 बजे तक ।
  • विशेष – सप्तमी को ताड़ का सेवन नहीं करना चाहिए  । इस दिन ताड़ का सेवन करने से रोग लगते है । 
  • अष्टमी को नारियल का सेवन नहीं करना चाहिए, अष्टमी को नारियल का सेवन करने से बुध्दि का नाश होता है  ।
  • पर्व त्यौहार- सावन का सोमवार
  • मुहूर्त (Muhurt) –

“हे आज की तिथि ( तिथि के स्वामी ), आज के वार, आज के नक्षत्र ( नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो “।

आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।

अपने धर्म, अपनी संस्कृति अपने नैतिक मूल्यों के प्रचार, प्रसार के लिए तन – मन – धन से अपना बहुमूल्य सहयोग करें । आप हमें अपनी इच्छा – सामर्थ्य के अनुसार सहयोग राशि 9425203501 पर Google Pay कर सकते है ।
आप पर ईश्वर की असीम अनुकम्पा की वर्षा होती रहे ।

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ज्योतिषाचार्य मुक्ति नारायण पाण्डेय 9425203501
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