ज्योतिषाचार्य मुक्ति नारायण पाण्डेय ( हस्त रेखा, कुंडली, ज्योतिष विशेषज्ञ )

सोमवार का पंचांग, Somwar Ka Panchang, 22 जुलाई 2024 का पंचांग,

सोमवार का पंचांग, Somwar Ka Panchang, 22 जुलाई 2024 का पंचांग,

आप सभी को सावन के प्रथम सोमवार की हार्दिक शुभकामनायें

सोमवार का पंचांग, Somwar Ka Panchang, 22 जुलाई 2024 का पंचांग, 22 July 2024 ka Panchang,

Panchang, पंचाग, आज का पंचांग, aaj ka panchang, ( Panchang 2024, हिन्दू पंचाग, Hindu Panchang ) पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :-


1:- तिथि (Tithi)
2:- वार (Day)
3:- नक्षत्र (Nakshatra)
4:- योग (Yog)
5:- करण (Karan)

पंचाग (panchang) का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचाग (panchang) का श्रवण करते थे ।
जानिए, सोमवार का पंचांग, Somvar Ka Panchang।

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सोमवार का पंचांग, Somvar Ka Panchang,

22 जुलाई 2024 का पंचांग, 22 July 2024 ka Panchang,

महा मृत्युंजय मंत्र – ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।

  • दिन (वार) – सोमवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से पुत्र का अनिष्ट होता है शिवभक्ति को भी हानि पहुँचती है अत: सोमवार को ना तो बाल और ना ही दाढ़ी कटवाएं ।

    सोमवार के दिन भगवान शंकर की आराधना, अभिषेक करने से चन्द्रमा मजबूत होता है, काल सर्प दोष दूर होता है।

सोमवार का व्रत रखने से मनचाहा जीवन साथी मिलता है, वैवाहिक जीवन में लम्बा और सुखमय होता है।

जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए हर सोमवार को शिवलिंग पर पंचामृत या मीठा कच्चा दूध एवं काले तिल चढ़ाएं, इससे भगवान महादेव की कृपा बनी रहती है परिवार से रोग दूर रहते है।

सोमवार के दिन शिव पुराण के अचूक मन्त्र “श्री शिवाये नमस्तुभ्यम’ का अधिक से अधिक जाप करने से समस्त कष्ट दूर होते है. निश्चित ही मनवाँछित लाभ मिलता है।

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*विक्रम संवत् 2081,
* शक संवत – 1945,
*कलि संवत 5124
* अयन – दक्षिणायन,
* ऋतु – वर्षा ऋतु,
* मास – श्रावण माह,
* पक्ष – कृष्ण पक्ष
*चंद्र बल – मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, मकर, मीन,

सोमवार को चन्द्रमा की होरा :-

प्रात: 5.37 AM से 6.45 AM तक

दोपहर 01.35 PM से 2.44 PM तक

रात्रि 9.01 PM से 9.52 PM तक

सोमवार को चन्द्रमा की होरा में अधिक से अधिक चन्द्र देव के मन्त्र का जाप करें। यात्रा, प्रेम, प्रसन्नता, कला सम्बन्धी कार्यो के लिए चन्द्रमा की होरा अति उत्तम मानी जाती है।

सोमवार के दिन चन्द्रमा की होरा में चंद्रदेव के मंत्रो का जाप करने से कुंडली में चंद्र देव मजबूत होते है, पूरे दिन शुभ फलो की प्राप्ति होती है ।

चन्द्रमा के मन्त्र

ॐ सों सोमाय नम:।

ॐ श्रीं श्रीं चन्द्रमसे नम: ।

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  • तिथि (Tithi) – प्रतिपदा 1.11 PM तक तत्पश्चात द्वितीया
  • तिथि का स्वामी – प्रतिपदा तिथि के स्वामी अग्नि देव जी और द्वितीया तिथि के स्वामी भगवान ब्रह्मा जी है ।


  • आज प्रतिपदा है । प्रतिपदा तिथि के स्वामी अग्नि देव हैं। प्रतिपदा को आनंद देने वाली कहा गया है।
  • रविवार एवं मंगलवार के दिन प्रतिपदा होने पर मृत्युदा होती है, लेकिन शुक्रवार को प्रतिपदा सिद्धिदा हो जाती है।
  • अग्नि देव इस पृथ्वी पर साक्षात् देवता हैं, देवताओं में सर्वप्रथम अग्निदेव की उत्पत्ति हुई थी । ऋग्वेद का प्रथम मंत्र एवं प्रथम शब्द अग्निदेव की आराधना से ही प्रारम्भ होता है।
  • हिन्दू धर्म ग्रंथो में  देवताओं में प्रथम स्थान अग्नि देव का ही दिया  गया  है। अग्नि देव सोने के भगवान के रूप में वर्णित है।
  • पुराणों में आठ दिशाओं के आठ रक्षक देवता हैं जिन्हें अष्ट-दिक‌्पाल कहते हैं। इनमें दक्षिण-पूर्व (आग्नेय) दिशा के रक्षक अग्निदेव हैं। इसीलिए अग्निदेव की प्रतिमा मंदिर के दक्षिण-पूर्वी कोण में स्थापित होती है।
  • पौराणिक युग में अग्नि देव के ऊपर अग्नि पुराण नामक एक ग्रन्थ भी रचित हुआ। अग्निदेव सब देवताओं के मुख हैं और यज्ञ में इन्हीं के द्वारा देवताओं को समस्त यज्ञ-वस्तु प्राप्त होती है। 
  • अग्निदेव में प्रेम पूर्वक ‘‘स्वाहा‘‘ कहकर दी हुई आहुतियों को अग्नि देव अपनी सातो जिह्वाओं से ग्रहण करते है, इससे  तीनो देव ब्रह्मा – विष्णु – महेश तथा समस्त देव स्वत: ही तृप्त हो जाते है ।
  • अग्नि देव की पत्नी का नाम स्वाहा हैं जो कि दक्ष प्रजापति तथा आकूति की पुत्री थीं। अग्निदेव की पत्नी स्वाहा के पावक, पवमान और शुचि नामक तीन पुत्र और पुत्र-पौत्रों की संख्या उनंचास है।
  • प्रतिपदा तिथि के दिन अग्नि देव के मन्त्र “ॐ अग्नये स्वाहा” का जाप अवश्य ही करें । शास्त्रों में अग्निदेव का बीजमन्त्र “रं” तथा मुख्य मन्त्र “रं वह्निचैतन्याय नम:” है।
  • शास्त्रों के अनुसार अग्नि देव की उपासना से धन, धान्य, यश, शक्ति, सुख – समृद्धि प्राप्त होती है, परिवारिक सुख मिलता है । 
  • जीवन में समस्त संकटो को दूर करने, सफलता का द्वार खोलने के लिए नवरात्री के मंगलवार को अवश्य ही करें ये उपाय

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नक्षत्र (Nakshatra) – श्रवण 22.21 PM तक तत्पश्चात धनिष्ठा,

  • नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी-  श्रवण नक्षत्र के देवता विष्णु और सरस्वती जी तथा स्वामी चंद्र देव जी है ।

श्रवण नक्षत्र 22 वें नंबर का नक्षत्र  है। यह एक त्रिशूल के जैसा प्रतीत होता है। श्रवण नक्षत्र का आराध्य वृक्ष आक या  मंदार, और नक्षत्र का स्वभाव चर माना गया है । श्रावण नक्षत्र का लिंग पुरुष है।

श्रवण नक्षत्र के जातक पर शनि और चंद्र का प्रभाव जीवनभर बना रहता है।  श्रवण नक्षत्र के जातक बुद्धिमान और अपने कार्यो में निपुण होते हैं । 

श्रवण नक्षत्र में जन्म होने से जातक सुंदर, दानवान, आज्ञाकारी, सर्वगुण संपन्न, धनवान और अपने क्षेत्र में मान सम्मान प्राप्त करता है।

लेकिन यदि शनि और चंद्र की स्थिति ठीक नहीं है तो ऐसा जातक क्रोधी, कंजूस, भय-शंकित रहने वाला, लापरवाह, आलसी होता है। 

यदि शनि और चंद्र कुंडली में एक ही जगह है, तो जातक को जीवन में बहुत संघर्ष करना पड़ता है।

 इसलिए जातक को हनुमानजी की सदैव उपासना करना है। जातक को शराब, मांस आदि व्यसनों से दूर रहना चाहिए।

श्रवण नक्षत्र के लिए भाग्यशाली संख्या 2 और 8, भाग्यशाली रंग, आसमानी, हल्का नीला, भाग्यशाली दिन गुरुवार, बुधवार और सोमवार माना जाता है ।

श्रवण नक्षत्र में जन्मे जातको को तथा जिस दिन यह नक्षत्र हो उस दिन सभी को “ॐ श्रवणाय नमः “। मन्त्र का जाप अवश्य करना चाहिए ।

  अगर पश्चिम मुख का है आपका घर तो ऐसा रहना चाहिए आपके घर का वास्तु, जानिए पश्चिम दिशा के अचूक वास्तु टिप्स 
  • योग(Yog) – प्रीति 17.58 PM तक तत्पश्चात आयुष्मान
  • योग के स्वामी :-    प्रीति  योग के स्वामी विष्णु एवं स्वभाव श्रेष्ठ माना जाता है ।
  • प्रथम करण : – कौलव 13.11 PM तक
  • करण के स्वामी, स्वभाव :-    कौलव करण के स्वामी मित्र और स्वभाव सौम्य है ।

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  • द्वितीय करण : – तैतिल 23.48 PM तक तत्पश्चात गर
  • करण के स्वामी, स्वभाव :- तैतिल करण के स्वामी विश्वकर्मा जी और स्वभाव सौम्य है ।
  • गुलिक काल : – दोपहर 1:30 से 3 बजे तक ।
  • विशेष – प्रतिपदा के दिन कद्दू / पेठे का सेवन नहीं करना चाहिए, प्रतिपदा के दिन इनका सेवन करने से धन की हानि होती है । 
  • पर्व त्यौहार- सावन का सोमवार
  • मुहूर्त (Muhurt) –

“हे आज की तिथि ( तिथि के स्वामी ), आज के वार, आज के नक्षत्र ( नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो “।

आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।

अपने धर्म, अपनी संस्कृति अपने नैतिक मूल्यों के प्रचार, प्रसार के लिए तन – मन – धन से अपना बहुमूल्य सहयोग करें । आप हमें अपनी इच्छा – सामर्थ्य के अनुसार सहयोग राशि 9425203501 पर Google Pay कर सकते है ।
आप पर ईश्वर की असीम अनुकम्पा की वर्षा होती रहे ।

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ज्योतिषाचार्य मुक्ति नारायण पाण्डेय 9425203501
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