ज्योतिषाचार्य मुक्ति नारायण पाण्डेय ( हस्त रेखा, कुंडली, ज्योतिष विशेषज्ञ )

भाग्योदय कब होगा* व्यापार बिजनेस कारोबार सरकारी नौकरी या मानसिक रोग या कर्ज से मुक्ति कब मिलेगी जाने....

                                                                                भाग्योदय कब होगा व्यापार बिजनेस कारोबार सरकारी नौकरी या मानसिक रोग या कर्ज से मुक्ति कब मिलेगी जाने.... 

ज्योतिष के अनुसार, व्यक्ति को जीवन में सफलता मिलेगी या असफलता, धनवान, बनेंगे या निर्धन इसका पता जन्म के समय ही जन्म कुंडली देखकर लगाया जा सकता है। 

कुंडली में कुछ ऐसे शुभ योग बनते हैं, जिस कारण व्यक्ति को नौकरी में उन्नति, व्यापार में लाभ आदि होने लगते हैं। जानें आपकी जन्मकुंडली में क्या ये योग बन रहे हैं।

व्यापार में सफलता के योग ...
1- यदि कुंडली में सप्तमेश सप्तम भाव में हो या सप्तम भाव पर सप्तमेश की दृष्टि हो तो बिजनेस में सफलता मिलती है।

2- सप्तमेश स्व या उच्च राशि में होकर शुभ भाव (केंद्र-त्रिकोण आदि) में हो तो बिजनेस के अच्छे योग होते हैं।

3- यदि लाभेश लाभ स्थान में ही स्थित हो तो व्यापार में अच्छी सफलता मिलती है।

4- लाभेश की लाभ स्थान पर दृष्टि हो तो व्यापार में सफलता मिलती है

5- यदि लाभेश दशम भाव में और दशमेश लाभ स्थान में हो तो अच्छा व्यापारिक योग होता है।

6- दशमेश का भाग्येश के साथ राशि परिवर्तन भी व्यापार में सफलता देता है।

7- यदि धनेश और लाभेश का योग शुभ स्थान पर हो या धनेश और लाभेश का राशि परिवर्तन हो रहा हो तो भी व्यापार में सफलता मिलती है।

8- सप्तमेश यदि मित्र राशि में शुभ भावों में स्थित हो तो भी बिजनेस में जाने का योग होता है।

9- आचार्य मुक्ति नारायण पांडेय के अनुसार यदि सप्तमेश और दशमेश का राशि परिवर्तन हो अर्थात सप्तमेश दशम भाव में और दशमेश सप्तम भाव में हो तो भी बिजनेस में सफलता मिलती है।

10- बुध स्व या उच्च राशि (मिथुन, कन्या) में होकर शुभ भावों में हो तो बिजनेस में जाने का अच्छा योग होता है।

11- बुध यदि शुभ स्थान केंद्र-त्रिकोण में मित्र राशि में हो और सप्तम भाव, सप्तमेश अच्छी स्थिति में हो तो भी बिजनेस में सफलता मिल जाती है।

12- यदि लाभेश (ग्यारहवे भाव का स्वामी) पाप भाव (6,8,12) में हो तो ऐसे में बिजनेस में संघर्ष की स्थिति रहती है।

13- कुंडली के एकादश भाव में किसी पाप योग (ग्रहण योग, गुरुचांडाल योग आदि) का बनना भी बिजनेस में संघर्ष उत्पन्न करके सफलता को कम करता है।

14- कुंडली में सप्मेश का पाप भाव या नीच राशि में होना भी बिजनेस के क्षेत्र में संघर्ष देता है।

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*ज्योतिष आचार्य मुक्ति नारायण पाण्डेय अध्यात्म ज्योतिष परामर्श केन्द्र रायपुर छत्तीसगढ निवासी संपर्क सूत्रः
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