ज्योतिषाचार्य मुक्ति नारायण पाण्डेय ( हस्त रेखा, कुंडली, ज्योतिष विशेषज्ञ )

Shukrwar ka panchag, शुक्रवार का पंचांग, 23 फरवरी 2024 का पंचांग,

Shukrwar ka panchag, शुक्रवार का पंचांग, 23 फरवरी 2024 का पंचांग,

गुरुवार का पंचांग शनिवार का पंचांग

शुक्रवार का पंचांग, Shukrwar ka panchag, 23 फरवरी 2024 का पंचांग,

शुक्रवार का पंचांग, shukrwar ka panchang,

  • Panchang, पंचाग, Panchang 2024, हिन्दू पंचाग, Hindu Panchang, पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :-

    1:- तिथि (Tithi)
    2:- वार (Day)
    3:- नक्षत्र (Nakshatra)
    4:- योग (Yog)
    5:- करण (Karan)


    पंचाग (panchang) का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी नित्य पंचाग (panchang) का श्रवण करते थे ।

    जानिए, Shukravar Ka Panchang, शुक्रवार का पंचांग, आज का पंचांग, aaj ka panchang,

    23 फरवरी 2024 का पंचांग23 February 2024 ka Panchang,

  • महालक्ष्मी मन्त्र : ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥
  •  
  • ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ॥


आज का पंचांग, aaj ka panchang,

  • *विक्रम संवत् 2080,
  • * शक संवत – 1945,
    *कलि संवत – 5124
    * अयन – उत्तरायण,
    * ऋतु – बसंत ऋतु,
    * मास – माघ माह
    * पक्ष – शुक्ल पक्ष
    *चंद्र बल – वृषभ, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु, मीन,

शुक्रवार को शुक्र देव की होरा :-

प्रात: 6.59 AM से 7.55 AM तक

दोपहर 1.31 PM से 2.27 PM तक

रात्रि 20.19 PM से 9.23 PM तक

दाहिने हाथ के अंगूठे से नीचे के हिस्से ( शुक्र का स्थान ) और अंगूठे पर थोड़ा सा इत्र लगाकर, ( इत्र ना मिले तो उसके बिना भी कर सकते है) बाएं हाथ के अंगूठे से उस हिस्से को शुक्र की होरा में “ॐ शुक्राये नम:” या

‘ॐ द्रांम द्रींम द्रौंम स: शुक्राय नम:।’ मंत्र का अधिक से अधिक जाप करते हुए अधिक से अधिक रगड़ते / मसाज करते रहे ( कम से कम 10 मिनट अवश्य )I

यह उपाय आप कोई भी काम करते हुए चुपचाप कर सकते है इसके लिए किसी भी विधि विधान की कोई आवश्यकता नहीं है I

सुख समृद्धि, ऐश्वर्य, बड़ा भवन, विदेश यात्रा, प्रेम, रोमांस, सुखी दाम्पत्य जीवन के लिए शुक्रवार की होरा अति उत्तम मानी जाती है ।

शुक्रवार के दिन शुक्र की होरा में शुक्रदेव देव के मंत्रो का जाप करने से कुंडली में शुक ग्रह मजबूत होते है, पूरे दिन शुभ फलो की प्राप्ति होती है ।

शुक्र देव के मन्त्र :-

ॐ शुं शुक्राय नमः।। अथवा

” ॐ द्राम द्रीम द्रौम सः शुक्राय नमः “।।

जीवन में सुख समृद्धि और ऐश्वर्य प्राप्ति के लिए महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव को ऐसे करें प्रसन्न,

जरूर पढ़े :-अवश्य जानिए माँ लक्ष्मी का प्राकट्य कैसे हुआ ? उनके माता – पिता, भाई – बहन, पति, संतान और उनकी प्रिय वस्तुओं के बारे में,

  • नक्षत्र ( Nakshatra ) : अश्लेषा 19.25 PM तक तत्पश्चात मघा

    नक्षत्र के स्वामी :–    अश्लेषा नक्षत्र के देवता सर्प देव एवं नक्षत्र के स्वामी बुध देव जी है ।

    अश्लेषा नक्षत्र का स्थान आकाश मंडल के नक्षत्रो में  9 वां है। यह कर्क राशि के अंतर्गत आता है। अश्लेशा नक्षत्र के देवता सर्प देव एवं नक्षत्र के स्वामी बुध देव जी है।

    अश्लेषा नक्षत्र को गण्ड मूल नक्षत्र कहते है। अश्लेषा नक्षत्र में चंद्रमा की ऊर्जा और सर्प देवता की ताकत है। यह एक कुंडलित सर्प जैसा दिखता है जो कुंडलिनी ऊर्जा का प्रतीक है।

    इस नक्षत्र में जन्म लेने वालों पर जीवनभर बुध व चन्द्र का प्रभाव पड़ता है। अश्लेषा नक्षत्र सितारा का लिंग महिला है।

    अश्लेषा नक्षत्र का आराध्य वृक्ष: नागकेसर, तथा स्वाभाव तीक्ष्ण, शोक वाला होता है ।

    अश्लेषा नक्षत्र में जन्मे जातक हंसमुख, वाकपटु, साहित्य तथा संगीत प्रेमी, नेतृत्वशील, यशवान और सफल व्यापारी होते है इन्हे पूर्ण पारिवारिक सुख प्राप्त होता है।

    लेकिन कुंडली में बुध और चन्द्र खराब स्थिति में होने पर जातक चालाक, क्रोधी- क्रूर स्वभाव, बेकार के कामो में धन को गंवाने वाला, कामुक विचारो वाला,आलसी, स्वार्थी, निराशवादी,  कभी-कभार चोरी करने वाला भी होता है। 

    अश्लेशा नक्षत्र गंड नक्षत्र है अतः व्यक्ति की आयु कम होती है, इसलिए अश्लेशा नक्षत्र का पूर्ण विधि विधान से शांति करवाना आवश्यक होता है ।

    अश्लेषा नक्षत्र के लिए भाग्यशाली संख्या 5 और 9, भाग्यशाली रंग काला – लाल, भाग्यशाली दिन बुधवार होता है ।

    इन्हे नागकेसर के पौधे की सेवा करनी चाहिए तथा घर पर नाग केसर को रखना चाहिए ।

    अश्लेषा नक्षत्र में जन्मे जातको को नित्य तथा अन्य सभी को आज  “ॐ सर्पेभ्यो नमःl “ मन्त्र की एक माला का जाप अवश्य करना चाहिए।

    अवश्य पढ़ें :- बी पी हाई रहता हो तो ना हो परेशान, इन उपायों से बी पी की समस्या निश्चित रूप से होगी दूर

    योग(Yog) :- शोभन 12.48 PM तक तत्पश्चात अतिगण्ड

    योग के स्वामी, स्वभाव :-  शोभन योग के स्वामी बृहस्पति देव एवं स्वभाव श्रेष्ठ है ।

    प्रथम करण : – वणिज 15.33 AM तक

    करण के स्वामी, स्वभाव :- वणिज करण की स्वामी लक्ष्मी देवी और स्वभाव सौम्य है ।

    द्वितीय करण :- विष्टि 04.45 तक तत्पश्चात बव

    करण के स्वामी, स्वभाव :- विष्टि करण के स्वामी यम और स्वभाव क्रूर है ।

    • गुलिक काल : – शुक्रवार को शुभ गुलिक प्रात: 7:30 से 9:00 तक ।
    • दिशाशूल (Dishashool)- शुक्रवार को पश्चिम दिशा का दिकशूल होता है ।

      यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से दही में चीनी या मिश्री डालकर उसे खाकर जाएँ ।
    • राहुकाल (Rahukaal)-दिन – 10:30 से 12:00 तक।
    • सूर्योदय -प्रातः 06:53
    • सूर्यास्त – सायं : 18:16
    • विशेष – चतुर्दशी के दिन काँसे के बर्तन में भोजन करना, तिल का तेल का सेवन करना, सहवास करना निषिद्ध है । 
    • पर्व त्यौहार-
    • मुहूर्त (Muhurt) –

जरुर पढ़ें :- पुष्य नक्षत्र को नक्षत्रो का राजा कहते है जानिए क्यों महत्वपूर्ण है पुष्य नक्षत्र,

  • “हे आज की तिथि ( तिथि के स्वामी ), आज के वार, आज के नक्षत्र ( नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो “।

    आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।

    23 फरवरी 2024 का पंचांग, 23 February 2024 ka Panchang, aaj ka panchang, aaj ka rahu kaal, aaj ka shubh panchang, friday ka panchang, panchang, shukrawar ka panchang, Shukravar Ka Panchang, shukrawar ka rahu kaal, shukrwar ka shubh panchang, आज का पंचांग, आज का राहुकाल, आज का शुभ पंचांग, पंचांग, फ्राइडे का पंचांग, शुक्रवार का पंचांग, शुक्रवार का राहु काल, शुक्रवार का शुभ पंचांग,

    ज्योतिषाचार्य मुक्ति नारायण पाण्डेय 9425203501
    ( हस्त रेखा, कुंडली, ज्योतिष विशेषज्ञ 07714070168)


    दोस्तों यह साईट बिलकुल निशुल्क है। यदि आपको इस साईट से कुछ भी लाभ प्राप्त हुआ हो, आपको इस साईट के कंटेंट पसंद आते हो तो मदद स्वरुप आप इस साईट को प्रति दिन ना केवल खुद ज्यादा से ज्यादा विजिट करे वरन अपने सम्पर्कियों को भी इस साईट के बारे में अवश्य बताएं …..धन्यवाद ।


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Comment form message