ज्योतिषाचार्य मुक्ति नारायण पाण्डेय ( हस्त रेखा, कुंडली, ज्योतिष विशेषज्ञ )

गुरुवार का पंचांग, Guruwar Ka Panchag, 2 मार्च 2023 का पंचांग,

गुरुवार का पंचांग, Guruwar Ka Panchag, 2 मार्च 2023 का पंचांग,

गुरुवार का पचांग, श्री विष्णु जी सदा सहाय

आप सभी को आमलकी एकादशी या रंगभरी एकादशी की हार्दिक शुभकामनाएं

गुरुवार का पंचाग, Guruwar Ka Panchag, 2 मार्च 2023 का पंचांग,

बृहस्पतिवार का पंचांग, Brahaspativar ka panchang,

  • Panchang, पंचाग, ( Panchang 2023, हिन्दू पंचाग, Hindu Panchang ) पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :-


1:- तिथि (Tithi)
2:- वार (Day)
3:- नक्षत्र (Nakshatra)
4:- योग (Yog)
5:- करण (Karan)

पंचाग (panchang) का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचाग (panchang) का श्रवण करते थे ।

* शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।
* वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।
* नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।
* योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।
* करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।

इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचांग को देखना, पढ़ना चाहिए ।
जानिए आज गुरुवार का पंचांग, Guruwar Ka Panchag,

मंगल श्री विष्णु मंत्र :-

मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः।
मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥

आज का पंचांग, aaj ka panchang, गुरुवार का पंचाग, Guruvar Ka Panchag,

गुरुवार का पंचाग, Guruwar Ka Panchag,

2 मार्च 2023 का पंचांग, 2 March 2022 Ka Panchang,

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  • गुरुवार का पंचाग, Guruwar Ka Panchag, 2 मार्च 2023 का पंचांग,
  • दिन (वार) – गुरुवार के दिन तेल का मर्दन करने से धनहानि होती है । (मुहूर्तगणपति)
  • गुरुवार के दिन धोबी को वस्त्र धुलने या प्रेस करने नहीं देना चाहिए ।

    गुरुवार को ना तो सर धोना चाहिए, ना शरीर में साबुन लगा कर नहाना चाहिए और ना ही कपडे धोने चाहिए ऐसा करने से घर से लक्ष्मी रुष्ट होकर चली जाती है ।
  • गुरुवार को पीतल के बर्तन में चने की दाल, हल्दी, गुड़ डालकर केले के पेड़ पर चढ़ाकर दीपक अथवा धूप जलाएं ।
    इससे बृहस्पति देव प्रसन्न होते है, दाम्पत्य जीवन सुखमय होता है ।

    इन उपायों से जानलेवा कोरोना वाइरस रहेगा दूर, कोरोना का जड़ से होगा सफाया,
  • गुरुवार को चने की दाल भिगोकर उसके एक हिस्से को आटे की लोई में हल्दी के साथ रखकर गाय को खिलाएं, दूसरे हिस्से में शहद डालकर उसका सेवन करें।
    इस उपाय को करने से कार्यो में अड़चने दूर होती है, भाग्य चमकने लगता है, बृहस्पति देव की कृपा मिलती है।

यदि गुरुवार को स्त्रियां हल्दी वाला उबटन शरीर में लगाएं तो उनके दांपत्य जीवन में प्यार बढ़ता है।
और कुंवारी लड़कियां / लड़के यह करें तो उन्हें योग्य, मनचाहा जीवन साथी मिलता है।

गुरुवार को विष्णु जी की उपासना अवश्य करनी चाहिए, गुरुवार को विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ परम फलदाई है।

जीवन में सुख समृद्धि और ऐश्वर्य प्राप्ति के लिए महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव को ऐसे करें प्रसन्न, 

  • तिथि (Tithi) :- दशमी प्रात: 6.41 तक तत्पश्चात एकादशी, आमलकी एकादशी या रंगभरी एकादशी
  • तिथि का स्वामी – दशमी तिथि के स्वामी यमराज जी और एकादशी तिथि के स्वामी श्री विश्वदेव जी है

इस बार आमलकी एकादशी / रंग भरी एकादशी 2 और 3 मार्च दोनों ही दिन है एकादशी तिथि 2 मार्च गुरुवार को प्रात: 6.42 AM से प्रारम्भ हो रही है जो 3 मार्च शुक्रवार 9.11 AM तक रहेगी ।

चूँकि 3 मार्च शुक्रवार को उदया तिथि के दिन एकादशी है इसलिए एकादशी का ब्रत 3 मार्च शुक्रवार को रखना श्रेयकर होगा ।

फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को आमलकी एकादशी या रंगभरी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।

कहा जाता है कि रंगभरी एकादशी के दिन से ही होली के पर्व की शुरुआत हो जाती है, जो अगले 6 दिनों तक पूरे देश में बहुत ही हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है ।

मान्यता है कि इसी एकादशी के दिन भगवान शंकर विवाह के बाद माता पार्वती के साथ काशी पहुँचे थे और उनके स्वागत में काशीवासियों ने अबीर गुलाल उड़ाकर रंग खेला था इसी लिए इस एकादशी को रंग भरी एकादशी के नाम से जाना जाता है।

इस एकादशी के दिन काशी में बाबा विश्वनाथ जी का भव्य श्रंगार किया जाता है जो केवल रंग भरी एकादशी, दीपावली. अन्नकूट और महाशिवरात्रि के दिन ही होता है ।

इस दिन भगवान भोलेनाथ जी अपनी प्रतिमाओं के साथ काशी भ्रमण में निकलकर जनमानस को आशीर्वाद देते है ।

शास्त्रों के अनुसार इसी एकादशी के दिन भगवान श्री विष्णु जी ने सृष्टि की रचना के लिए भगवान ब्रह्मा जी और आँवले के वृक्ष को जन्म दिया था ।

आंवले के वृक्ष को भगवान श्री विष्णु जी ने आदि वृक्ष के रूप में प्रतिष्ठित किया है ।

मान्यता है कि इस एकादशी के दिन आंवले के वृक्ष की पूजा करने, विष्णु जी को आंवला अर्पित करने, आंवले का दान करने से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती है अंत में विष्णु लोक की प्राप्ति होती है ।

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  • नक्षत्र (Nakshatra) – रेवती
  • नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी –    रेवती नक्षत्र का स्वामी बुद्धि के कारक बुध देव जी एवं इस  नक्षत्र के देवता “पूषा” हैं जो सूर्य भगवान का ही एक रूप है। 

रेवती नक्षत्र आकाश मंडल में अंतिम नक्षत्र है। यह मीन राशि में आता है। रेवती का अर्थ है ‘समृद्ध’ और यह सुख – समृद्धि, धन और ऐश्वर्य का प्रतीक माना जाता है।

रेवती नक्षत्र की गणना गंडमूल नक्षत्रों में की जाती है । इस नक्षत्र में जन्मे जातको को विष्णु भगवान की पूजा अवश्य करनी चाहिए । इन्हे नित्य विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने से जीवन में श्रेष्ठ सफलता की प्राप्ति होती है ।

रेवती नक्षत्र का आराध्य वृक्ष महुआ और स्वभाव मृदु माना गया है ।

रेवती नक्षत्र के लिए भाग्यशाली अंक 3 और 5, भाग्यशाली रंग भूरा, और भाग्यशाली दिन शनिवार और गुरुवार होता है ।

रेवती नक्षत्र में जन्मे जातको को तथा जिस दिन यह नक्षत्र हो उस दिन सभी को इस नक्षत्र देवता के नाममंत्र:- “ॐ रेवत्यै नमः”l मन्त्र की माला का जाप अवश्य करना चाहिए ।

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योग :- शुभ 20.58 PM तक तत्पश्चात शुक्ल

योग के स्वामी, स्वभाव :- शुभ योग की स्वामी माँ लक्ष्मी जी और स्वभाव श्रेष्ठ माना जाता है।

प्रथम करण :- वणिज 14.23 PM तक

करण के स्वामी, स्वभाव :- वणिज करण की स्वामी लक्ष्मी देवी और स्वभाव सौम्य है।

द्वितीय करण :- विष्टि

करण के स्वामी, स्वभाव :- विष्टि करण के स्वामी यम और स्वभाव क्रूर है।

  • दिशाशूल (Dishashool)– बृहस्पतिवार को दक्षिण दिशा एवं अग्निकोण का दिकशूल होता है । यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से सरसो के दाने या जीरा खाकर जाएँ ।
  • राहुकाल (Rahukaal)– दिन – 1:30 से 3:00 तक।
  • सूर्योदय – प्रातः 018:53
  • सूर्यास्त – सायं 18:17
  • विशेष – एकादशी के दिन सेम फली, चावल का सेवन और दूसरो के अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए। एकादशी के दिन चावल खाने से रोग बढ़ते है और दूसरे का अन्न खाने से पुण्य नष्ट होते है ।
  • पर्व त्यौहार– आमलकी एकादशी या रंगभरी एकादशी
  • मुहूर्त (Muhurt) 

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“हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी ), आज के वार, आज के नक्षत्र ( नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस गुरुवार का पंचाग, Guruwar Ka Panchag, सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो “।

आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।

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