ज्योतिषाचार्य मुक्ति नारायण पाण्डेय ( हस्त रेखा, कुंडली, ज्योतिष विशेषज्ञ )

मंगलवार का पंचांग, Mangalwar Ka Panchang, 25 जनवरी 2022 का पंचांग


मंगलवार का पंचांग, Mangalwar Ka Panchang, 25 जनवरी 2022 का पंचांग,

 
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मंगलवार का पंचांग, Mangalwar Ka Panchang,

Panchang, पंचाग, ( Panchang 2022, हिन्दू पंचाग, Hindu Panchang ) पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :-


1:- तिथि (Tithi)
2:- वार (Day)
3:- नक्षत्र (Nakshatra)
4:- योग (Yog)
5:- करण (Karan)


पंचाग (panchang) का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचाग (panchang) का श्रवण करते थे ।
जानिए मंगलवार का पंचांग (Mangalvar Ka Panchang)।

शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।
वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।
नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।
योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।
*करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।
इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचांग को देखना, पढ़ना चाहिए ।

आज का पंचांग, Aaj ka Panchangमंगलवार का पंचांग, Mangalvar Ka Panchang,

25 जनवरी 2022 का पंचांग, 25 January 2022 ka panchang,

हनुमान जी का मंत्र : हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट् ।

।। आज का दिन मंगलमय हो ।।

*विक्रम संवत् 2078,
*शक संवत – 194
3
*कलि सम्वत 5123
*अयन – उत्तारायण
*ऋतु – शरद
 ऋतु
*मास –
 माघ माह,
*पक्ष – कृष्ण पक्ष
*चंद्र बल – मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, मकर, मीन।

अगर पूरी करनी चाहते है अपनी सभी मनोकामनाएं तो अवश्य ही घर पर लगाएं यह वृक्ष

तिथि :- सप्तमी 7.48 AM तक तत्पश्चात अष्टमी

तिथि के स्वामी :- सप्तमी तिथि के स्वामी भगवान सूर्य देव जी और अष्टमी तिथि के स्वामी भगवान भोलेनाथ जी है।

सप्तमी के स्वामी भगवान सूर्य देव हैं। इस दिन आदित्यह्रदय स्रोत्र का पाठ अवश्य करें।

सप्तमी को काले, नीले वस्त्रो को धारण नहीं करना चाहिए। सप्तमी का विशेष नाम ‘मित्रपदा’ है।

सप्तमी तिथि को शुभ प्रदायक माना गया है, इस तिथि में जातक को सूर्य का शुभ प्रभाव प्राप्त होता है ।

  सप्तमी तिथि में जन्मा जातक भाग्यशाली, गुणवान, तेजयुक्त होता है उसकी काबिलियत से उसे सभी क्षेत्रो में सम्मान प्राप्त होता है।

सप्तमी के दिन भगवान सूर्य देव के मन्त्र “ॐ सूर्याय नम:”।। की एक माला का जाप अवश्य ही करें । सप्तमी की दिशा वायव्य मानी गयी है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सप्तमी तिथि को मां कालरात्रि की पूजा का भी दिन माना जाता है, जो समस्त संकटों का नाश करने वाली हैं। अत: इस दिन माँ काली की आराधना, स्मरण अवश्य करें ।

सप्तमी के दिन माँ काली जी के मन्त्र “ॐ क्रीं काल्यै नमः” का जाप करने से समस्त भय और संकट दूर होते है।  

 सप्तमी तिथि के दिन उत्साह से भरे,  शुभ मंगल कार्य करना शुभ माना जाता है।  किसी नए स्थान की यात्रा करना, नए कार्यो को करने के लिए भी यह तिथि शुभ मानी जाती है।  

नए वस्त्र एवं गहनों को धारण करना, विवाह, नृत्य- संगीत जैसे काम करना भी इस दिन उत्तम होता है। चूड़ा कर्म, अन्नप्राशन, उपनयन जैसे शुभ संस्कार इस तिथि समय पर किए जाते हैं।

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  • नक्षत्र (Nakshatra)- चित्रा 10.55 AM तक तत्पश्चात स्वाति
  • नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी- चित्रा नक्षत्र के देवता विश्‍वकर्मा जी एवं चित्रा नक्षत्र के स्वामी मंगल देव जी है ।

चित्रा नक्षत्र नक्षत्र मंडल में उपस्थित 27 नक्षत्रों में 14 वां है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, चित्रा नक्षत्र का शासक ग्रह चंद्रमा जी है। यह एक मोती या उज्ज्वल गहने की तरह है जो चमकते प्रकाश सा हमारे भीतर की आत्मा का प्रतीक है।

चित्रा नक्षत्र कलात्मकता, रचनात्मकता का प्रतीक है, इसीलिए इस नक्षत्र के लोग अपने क्षेत्र में बहुत ही प्रवीण होते है वह साधारण चीज़ को भी और भी अधिक खूबसूरत, विशेष बनाते है, उसके मूल्य को बढ़ा देते हैं।

इस नक्षत्र का आराध्य वृक्ष : बेल तथा स्वाभाव तीक्ष्ण माना गया है। चित्रा नक्षत्र स्टार का लिंग मादा है।

चित्रा नक्षत्र के लिए भाग्यशाली संख्या 5, 6 और 9, भाग्यशाली रंग, काला, भाग्यशाली दिन रविवार और बुधवार माना जाता है ।

चित्रा नक्षत्र में जन्मे जातको को तथा जिस दिन यह नक्षत्र हो उस दिन सभी को “ॐ चित्रायै नमः”l। मन्त्र माला का जाप अवश्य करना चाहिए ।


  • योग :- धृति 9.13 AM तक तत्पश्चात शूल
  • प्रथम करण : – बव 7.48 AM तक
  • द्वितीय करण : – बालव 19.10 AM तक तत्पश्चात कौलव
  • गुलिक काल : – दोपहर 12:00 से 01:30 तक है ।
  • दिशाशूल (Dishashool)- मंगलवार को उत्तर दिशा का दिकशूल होता है। यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से गुड़ खाकर जाएँ ।
  • राहुकाल (Rahukaal) दिन – 3:00 से 4:30 तक।
  • सूर्योदय – प्रातः 06:46
  • सूर्यास्त – सायं 17:56
  • विशेष – सप्तमी के दिन ताड़ का फल नहीं खाना चाहिए । सप्तमी के दिन ताड़ खाने से रोग होते है।
  • पर्व त्यौहार-

“हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र (नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो “।

आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।

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ज्योतिषाचार्य मुक्ति नारायण पाण्डेय 07714070168
( हस्त रेखा, कुंडली, ज्योतिष विशेषज्ञ 9425203501)

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2 टिप्‍पणियां:

  1. ॐ वन्दे देव उमापतिं सुरगुरुं, वन्दे जगत्कारणम् l
    वन्दे पन्नगभूषणं मृगधरं, वन्दे पशूनां पतिम् ll
    वन्दे सूर्य शशांक वह्नि नयनं, वन्दे मुकुन्दप्रियम् l
    वन्दे भक्त जनाश्रयं च वरदं, वन्दे शिवंशंकरम् ll शुभ प्रभात
    हर-हर महादेव!!
    "ॐ हौं जूं स:, ॐ भूर्भुव स्व: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टि वर्धनम
    उर्वारुक मिव बन्धनान, मृत्योर्मुक्षीय मामृतात स्व: भुव भू ॐ, स: जूँ हौं ॐ

    जयतु जयतु हिन्दुराष्ट्रम् ।। मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम की जय आपका दिन शुभ हो सभी मंगल कार्य पूर्ण हो ऐसी प्रभु से प्रार्थना है। .......... जय श्री राम .... हर हर महादेव शम्भू,, काशी विश्नाथ गंगे , हर हर महादेव !! ॐ नमः शिवाय

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