ज्योतिषाचार्य मुक्ति नारायण पाण्डेय ( हस्त रेखा, कुंडली, ज्योतिष विशेषज्ञ )

पौस अमावास्या : इस दिन तृप्त कर सकते है ज्ञात अज्ञात पितरों की आत्मा

पौष अमावास्या: इस दिन तृप्त कर सकते हैं ज्ञात-अज्ञात पितरों की आत्मा

हिन्दू कैलेंडर के हिसाब से माह की 15वीं तिथि यानी अमावस्या का हिन्दू धर्म में बहुत महत्व होता है। वर्तमान में पौष माह का कृष्ण पक्ष चल रहा है। पौष अमावस्या के दिन स्नान, दान का महत्व है। इस दिन पितरों को भी याद किया जाता है और उनकी तृप्ति के लिए पिंडदान, श्राद्ध आदि कर्म​ किया जाता है। जिन लोगों को पितृ दोष होता है, वे लोग भी अमावस्या के दिन ही उपाय करते हैं। वर्ष 2022 में 2 जनवरी को पौष अमावस्या है।
वैसे तो हर अमावस्या महत्वपूर्ण होती है, लेकिन इसमें भी मौनी अमावस्या, कार्तिक अमावस्या और सर्वपितृ अमावस्या काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। मौनी अमावस्या और कार्तिक अमावस्या के दिन नदी स्नान और दान का महत्व है, लेकिन सर्वपितृ अमावस्या पितरों के लिए विशेष होता है। सर्वपितृ अमावस्या पितृ पक्ष में होता है। इस तिथि को आप अपने सभी ज्ञात और अज्ञात पितरों की आत्मा को तृप्त कर सकते हैं और उनके लिए पिंडदान कर सकते हैं।
सुख-शांति को दूर करता है पितृ दोष
पितृ दोष के कारण परिवार की सुख और शांति प्रभावित होती है। वंश वृद्धि में समस्याएं आने लगती हैं। इन सबसे मुक्ति के लिए अमावस्या का दिन उत्तम माना जाता है। इस दोष को दूर करने के लिए अमावस्या का दिन उपयुक्त माना जाता है। इस तिथि को आप अपने सभी ज्ञात और अज्ञात पितरों की आत्मा को तृप्त कर सकते हैं और उनके लिए पिंडदान कर सकते हैं।
अमावस्या पर पितृ दोष से मुक्ति उपाय
अमावस्या के दिन स्नान के बाद पितरों को काले तिल और जल अर्पित करें. फिर उनको स्मरण करते हुए सुख और शांतिपूर्ण जीवन का आशीष मांगे।
जिन लोगों को पितृ दोष होता है, उनको अमावस्या के दिन पितरों के लिए तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध कर्म करना चाहिए. ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं, उनकी आत्माएं तृप्त होती हैं, जिससे आपको वे आशीर्वाद देते हैं।
अमावस्या के दिन कौआ, कुत्ता, गाय आदि को भोजन का एक हिस्सा निकालकर खिलाना चाहिए. धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से वह भोजन पितरों को प्राप्त होता है. ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
नए साल 2022 की अमावस्या तिथियां
02 जनवरी, रविवार: पौष अमावस्या
01 फरवरी, मंगलवार: माघ अमावस्या, मौनी अमावस्या
02 मार्च, बुधवार: फाल्गुन अमावस्या
01 अप्रैल, शुक्रवार: चैत्र अमावस्या
30 अप्रैल, शनिवार: वैशाख अमावस्या
30 मई, सोमवार: ज्येष्ठ अमावस्या
29 जून, बुधवार: आषाढ़ अमावस्या
28 जुलाई, गुरुवार: श्रावण अमावस्या
27 अगस्त, शनिवार: भाद्रपद अमावस्या
25 सितंबर, रविवार: अश्विन अमावस्या, सर्वपितृ अमावस्या
25 अक्टूबर, मंगलवार: कार्तिक अमावस्या
23 नवंबर, बुधवार: मार्गशीर्ष अमावस्या
23 दिसंबर, शुक्रवार: पौष अमावस्या
आचार्य मुक्ति नारायण जी के अनुसार प्रत्येक सोमवार को भगवान शिव की आराधना, पंचामृत / दूध / जल से अभिषेक करने से संकट दूर होते है, समस्त सुख प्राप्त होते है ।
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आचार्य मुक्ति नारायण पांडेय
अध्यात्म ज्योतिष परामर्श कैद्र रायपुर छ्तीसगढ़
मोवोइल्स नंबर :9425203501+7000121183+07714070168

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