ज्योतिषाचार्य मुक्ति नारायण पाण्डेय ( हस्त रेखा, कुंडली, ज्योतिष विशेषज्ञ )

शुक्रवार का पंचांग अचार्य मुक्ति नारायण पांडेय जी के अनुसार


शुक्रवार का पंचांग, Shukrwar ka panchag, ByPandit Ji Mukti Narayan pandey


शुक्रवार का पंचांग, Shukrwar ka panchag,

24 दिसंबर 2021 का पंचांग, 24 December  2021 ka Panchang,

शुक्रवार का पंचांग, shukrwar ka panchang,

  • Panchang, पंचाग, Panchang 2021, हिन्दू पंचाग, Hindu Panchang, पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :-

    1:- तिथि (Tithi)
    2:- वार (Day)
    3:- नक्षत्र (Nakshatra)
    4:- योग (Yog)
    5:- करण (Karan)



    पंचाग (panchang) का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी नित्य पंचाग (panchang) का श्रवण करते थे ।
    जानिए, शुक्रवार का पंचांग, Shukravar Ka Panchang, आज का पंचांग, aaj ka panchang,
  • महालक्ष्मी मन्त्र : ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥
  • ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ॥


आज का पंचांग, aaj ka panchang,

  • दिन (वार) – शुक्रवार के दिन दक्षिणावर्ती शंख से भगवान विष्णु पर जल चढ़ाकर उन्हें पीले चन्दन अथवा केसर का तिलक करें। इस उपाय में मां लक्ष्मी जल्दी प्रसन्न हो जाती हैं।

    शुक्रवार के दिन नियम पूर्वक धन लाभ के लिए लक्ष्मी माँ को अत्यंत प्रिय “श्री सूक्त”, “महालक्ष्मी अष्टकम” एवं समस्त संकटो को दूर करने के लिए “माँ दुर्गा के 32 चमत्कारी नमो का पाठ” अवश्य ही करें ।
    शुक्रवार के दिन माँ लक्ष्मी को हलवे या खीर का भोग लगाना चाहिए ।

    शुक्रवार के दिन शुक्र ग्रह की आराधना करने से जीवन में समस्त सुख, ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है, दाम्पत्य जीवन सुखमय होता है बड़ा भवन, विदेश यात्रा के योग बनते है।
  • तिथि (Tithi)- पञ्चमी – 19:34 तक तत्पश्चात षष्ठी
  • तिथि के स्वामी -पञ्चमी तिथि के स्वामी भगवान सर्पदेव(नाग ) जी हैं

पञ्चमी तिथि के स्वामी नाग देवता और षष्टी तिथि के स्वामी भगवान शंकर के पुत्र भगवान कार्तिकेय जी है।

पंचमी तिथि के स्वामी नाग देवता है। पंचमी तिथि को नाग देवता की पूजा करने से काल सर्प दोष दूर होता है, नाग के काटने का भय नहीं रहता है ।

पंचमी तिथि के समय भगवान शिव का पूजन शुभ माना गया है, मान्यता है कि भगवान शिव कैलाश में निवास करते हैं। पंचमी तिथि को शिवलिंग का जिस पर नाग बना हो दूध या पंचामृत से अभिषेक करने से नाग देवता प्रसन्न होते है।

पंचमी जब शनिवार के दिन होती है, तो वह मृत्युदा योग बनाती है। यह अशुभ योग माना गया है।

जब पंचमी तिथि गुरुवार के दिन होती है तो बहुत ही शुभ सिद्धिदा योग बनता है। शास्त्रों के अनुसार सिद्धिदा योग में किए गए कार्य श्रेष्ठ फल प्रदान करते है।

प्रत्येक पंचमी के दिन नागो के अति पवित्र और पुण्यदायक नमो 1. अनंत (शेषनाग ), 2. वासुकि, 3. तक्षक, 4. कर्कोटक, 5. पद्म, 6. महापद्म, 7. शंख, 8. कुलिक, 9. धृतराष्ट्र और 10. कालिया का उच्चारण करने से काल सर्प दोष दूर होता है, कोई भी भय निकट नहीं रहता है, बल और साहस की प्राप्ति होती है ।

पंचमी को नागो के पौराणिक नाम अनंत, वासुकि, तक्षक, कर्कोटल, पिंगल का कम से कम 11 बार उच्चारण अवश्य ही करें।

पंचमी तिथि पूर्णा तिथियों की श्रेणी में आती है, इस तिथि में समस्त शुभ कार्य सिद्ध होते हैं, किन्तु पंचमी तिथि को कर्ज नहीं देना चाहिए।  

पंचमी को बेल खाना निषेध है, मान्यता है कि पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है।

परिवार में सुख शांति चाहते है तो अवश्य ही करें ये उपाय,

नक्षत्र ( Nakshatra ) : मघा – 28:10+ तक तत्पश्चात पूर्वाफाल्गुनी

नक्षत्र के स्वामी :– मघा नक्षत्र के देवता पितर देव जी है ।

मघा का अर्थ होता है महान। मघा नक्षत्र का आकाश में 10वां स्थान है। मघा नक्षत्र के चारों चरण सिंह राशि में हीआते हैं। मघा नक्षत्र के देवता पितर देव और नक्षत्र स्वामी केतु जी है।

मघा नक्षत्र को सिंहासन द्वारा दर्शाया गया है जो शक्ति, उच्च प्रतिष्ठा, गुणों का प्रतीक है। मघा नक्षत्र के जातको पर जीवन भर केतु और सूर्य का प्रभाव रहता है।  मघा नक्षत्र का आराध्य वृक्ष: बरगद एवं नक्षत्र का स्वभाव उग्र, क्रूर माना गया है।

मघा नक्षत्र के लिए भाग्यशाली संख्या 7 और 10, भाग्यशाली रंग, क्रीम, लाल , भाग्यशाली दिन शनिवार और मंगलवार का माना जाता है ।
मघा नक्षत्र में जन्मे जातको को तथा जिस दिन यह नक्षत्र हो उस दिन सभी को “ॐ पितृभ्यो नमः”। मन्त्र का जाप अवश्य करना चाहिए ।

योग(Yog) : सिद्ध 8.14 AM तक तत्पश्चात साध्य

प्रथम करण : – गर 18.02 PM तक

द्वितीय करण :- वणिज पूर्ण रात्रि तक

  • गुलिक काल : – शुक्रवार को शुभ गुलिक प्रात: 7:30 से 9:00 तक ।
  • दिशाशूल (Dishashool)- शुक्रवार को पश्चिम दिशा का दिकशूल होता है । यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से दही खाकर जाएँ ।
  • राहुकाल (Rahukaal)-दिन – 10:30 से 12:00 तक।
  • सूर्योदय -प्रातः 06:29
  • सूर्यास्त – सायं : 17:41
  • विशेष -चतुर्दशी को हिंसा, अनैतिक कार्य, मांस-मदिरा का सेवन, तिल का तेल, लाल रंग का साग, काँसे के बर्तन में भोजन एवं शारीरिक संबंध बनाना मना किया गया है।
  • पर्व त्यौहार-
  • मुहूर्त (Muhurt) –

“हे आज की तिथि ( तिथि के स्वामी ), आज के वार, आज के नक्षत्र ( नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो “।

आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।

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ज्योतिषाचार्य मुक्ति नारायण पाण्डेय
( हस्त रेखा, कुंडली, ज्योतिष विशेषज्ञ )


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2 टिप्‍पणियां:

  1. ॐ वन्दे देव उमापतिं सुरगुरुं, वन्दे जगत्कारणम् l
    वन्दे पन्नगभूषणं मृगधरं, वन्दे पशूनां पतिम् ll
    वन्दे सूर्य शशांक वह्नि नयनं, वन्दे मुकुन्दप्रियम् l
    वन्दे भक्त जनाश्रयं च वरदं, वन्दे शिवंशंकरम् ll शुभ प्रभात
    हर-हर महादेव!!
    "ॐ हौं जूं स:, ॐ भूर्भुव स्व: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टि वर्धनम
    उर्वारुक मिव बन्धनान, मृत्योर्मुक्षीय मामृतात स्व: भुव भू ॐ, स: जूँ हौं ॐ

    जयतु जयतु हिन्दुराष्ट्रम् ।। मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम की जय आपका दिन शुभ हो सभी मंगल कार्य पूर्ण हो ऐसी प्रभु से प्रार्थना है। .......... जय श्री राम .... हर हर महादेव शम्भू,, काशी विश्नाथ गंगे , हर हर महादेव !! ॐ नमः शिवाय

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