मंगलवार का पंचांग, Mangalwar Ka Panchang, 5 दिसंबर 2023 का पंचांग,

मंगलवार का पंचांग, Mangalwar Ka Panchang, 5 दिसंबर 2023 का पंचांग,

आप सभी को भैरव नाथ जी के प्राकट्य दिवस / भैरव अष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें


मंगलवार का पंचांग, Mangalwar Ka Panchang,

Panchang, पंचाग, ( Panchang 2023, हिन्दू पंचाग, Hindu Panchang ) पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :-


1:- तिथि (Tithi)
2:- वार (Day)
3:- नक्षत्र (Nakshatra)
4:- योग (Yog)
5:- करण (Karan)




पंचाग (panchang) का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचाग (panchang) का श्रवण करते थे ।
जानिए मंगलवार का पंचांग (Mangalvar Ka Panchang)।

शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।
वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।
नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।
योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।
*करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।
इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचांग को देखना, पढ़ना चाहिए ।

आज का पंचांग, Aaj ka Panchangमंगलवार का पंचांग, Mangalvar Ka Panchang,

5 दिसंबर 2023 का पंचांग, 5 December 2023 ka panchang,

हनुमान जी का मंत्र : हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट् ।

।। आज का दिन मंगलमय हो ।।

*विक्रम संवत् 2080,
*शक संवत – 194
5
*कलि सम्वत 5124
*अयन – 
दक्षिणायण
*ऋतु – शरद
 ऋतु
*मास –
 मार्गशीर्ष माह,
*पक्ष – कृष्ण पक्ष
*चंद्र बल – मेष, मिथुन, सिंह, कन्या, धनु, मकर,

मंगलवार को मंगल की होरा :-

प्रात: 6.53 AM से 7.46 AM तक

दोपहर 01.01 PM से 1.53 PM तक

रात्रि 19.39 PM से 8.46 PM तक

मंगलवार को मंगल की होरा में हाथ की निम्न मंगल पर दो बूंद सरसो का तेल लगा कर उसे हल्के हल्के रगड़ते हुए अधिक से अधिक मंगल देव के मन्त्र का जाप करें ।

कृषि, भूमि, भवन, इंजीनियरिंग, खेलो, साहस, आत्मविश्वास

और भाई के लिए मंगल की होरा अति उत्तम मानी जाती है ।

मंगलवार के दिन मंगल की होरा में मंगल देव के मंत्रो का जाप करने से कुंडली में मंगल मजबूत होते है, पूरे दिन शुभ फलो की प्राप्ति होती है ।

मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष अष्टमी के दिन भैरव नाथ में प्रकट हुए थे, जानिए भगवान भैरव नाथ की कैसे करें आराधना 

मंगल देव के मन्त्र

ॐ अं अंगारकाय नम: अथवा

ॐ भौं भौमाय नम:”

दिवाली पर माँ लक्ष्मी को लगाएं इन चीज़ो का भोग, सुख – समृद्धि की नहीं होगी कभी कमी,

अगर पूरी करनी चाहते है अपनी सभी मनोकामनाएं तो अवश्य ही घर पर लगाएं यह वृक्ष

तिथि :- अष्टमी तिथि

तिथि के स्वामी :- अष्टमी तिथि के स्वामी भगवान भोलेनाथ जी है I

आज भैरव अष्टमी है, शास्त्रों के अनुसार मार्गशीर्ष मास की कृष्णपक्ष अष्टमी को भैरव नाथ जी का अवतरण हुआ था, वह दिन भैरव अष्टमी / भैरव जयंती के रूप में मनाया जाता है। भैरव शिव के पांचवे रूद्र अवतार माने गए है।

भैरव अष्टमी ‘काल’ का स्मरण कराती है, इसलिए मृत्यु के भय के दूर करने के लिए लोग इस दिन कालभैरव की उपासना करते हैं।

भैरव नाथ समस्त रोगों, कष्टों और विपत्तियों के अधिदेवता हैं। अर्थात रोग, कष्ट, विपत्ति एवं मृत्यु के समस्त दूत उन्ही के सैनिक अर्थात उनके अधीन हैं। इसीलिए काल भैरव के भक्त को किसी भी प्रकार का दैहिक, दैवी और भौतिक ताप नहीं सताते है।

मान्यता है कि कालभैरव के पूजन से निर्भयता आती है, काल का भय दूर होता है, काल भैरव के भक्तो से बहुत पिशाच भी दूर रहते है, मुक़दमे, राजद्वार में सफलता मिलती है, शत्रु परास्त होते है, किसी भी तरह की समस्या से मुक्ति शीघ्र मिलती है।

भैरव अष्टमी, के दिन भैरव मंदिर में जाकर भैरव जी की मूर्ति के आगे तेल का दीपक प्रज्वलित करें। इसके बाद उन्हें गुलाब जामुन, इमरती, उड़द के बड़े या नमकीन भोग लगाएं। इस उपाय को करने से भैरव नाथ अपने भक्तो के सभी संकटो का तत्काल ही निवारण कर देते है।

भैरव अष्टमी के दिन भैरव नाथ को नारियल, जलेबी, इमरती आदि का भोग लगाएं बाद में उस जलेबी इमरती को वही पर भक्तो या गरीबो में बाँट दें, इससे जीवन में मिठास आती है अर्थात धन-लाभ और कार्यो में आसानी से सफलता मिलने लगती है ।

भैरव अष्टमी के दिन भैरव नाथ जी को पीले रंग की शराब अर्पित करना बहुत शुभ माना जाता है । यह भी मान्यता है कि जो जातक साल में किसी भी मासिक भैरव जयंती को भैरव जी के दर्शन आराधना ना कर पाए लेकिन मार्गशीर्ष के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को भैरव जी की सच्चे मन से पूजा करे तो भी उसके समस्त संकट दूर हो जाते है ।

‘ॐ कालभैरवाय नम:।’

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  • नक्षत्र (Nakshatra) – पूर्वाफाल्गुनी
  • नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी-  पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के देवता भग (धन व ऐश्वर्य के देवता) और स्वामी शुक्र देव जी है ।

आकाश मंडल में पूर्वा फाल्गुनी को 11वां नक्षत्र माना जाता है। इस नक्षत्र का प्रतीक बिस्तर के सामने के दो पैर हैं जो आराम, अच्छे भाग्य का भी प्रतीक है।

यह नक्षत्र सुख, धन, कामुक प्रसन्नता, प्रेम और मनोरंजन को दर्शाता हैं। इस नक्षत्र काआराध्य वृक्ष : पलाश तथा स्वाभाव शुभ माना गया है।

पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र सितारे का लिंग महिला है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक पर जीवनभर सूर्य और शुक्र का प्रभाव बना रहता है।

पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के लिए भाग्यशाली संख्या 9, भाग्यशाली रंग, चाकलेटी, हल्का भूरा, भाग्यशाली दिन शुक्रवार और रविवार माना जाता है ।

पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में जन्मे जातको को तथा जिस दिन यह नक्षत्र हो उस दिन सभी को “ॐ भगाय नमः”। मन्त्र का जाप अवश्य करना चाहिए ।

संकटो से रक्षा के लिए इस नक्षत्र के जातको को नित्य भगवान शंकर की आराधना करनी चाहिए । पू

र्वा फाल्गुनी नक्षत्र में जन्मे जातको को नित्य तथा जिस दिन यह नक्षत्र हो उस दिन माँ लक्ष्मी जी की आराधना से कभी भी धन की कमी नहीं होती है ।

भैरव अष्टमी के दिन ऐसे करें भैरव नाथ को प्रसन्न समस्त भय और कष्ट होंगे दूर 

  • योग :- विष्कम्भ 22.42 PM तक तत्पश्चात प्रीति
  • योग के स्वामी :- विष्कम्भ योग के स्वामी यम एवं स्वभाव हानिकारक है ।
  • प्रथम करण : – बालव 11.18 AM तक
  • करण के स्वामी, स्वभाव :- बालव करण के स्वामी ब्रह्म जी और स्वभाव सौम्य है।
  • द्वितीय करण : – कौलव
  • करण के स्वामी, स्वभाव :-    कौलव करण के स्वामी मित्र और स्वभाव सौम्य है।
  • गुलिक काल : – दोपहर 12:00 से 01:30 तक है ।
  • दिशाशूल (Dishashool)- मंगलवार को उत्तर दिशा का दिकशूल होता है।

    यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से गुड़ खाकर जाएँ ।
  • राहुकाल (Rahukaal) दिन – 3:00 से 4:30 तक।
  • सूर्योदय – प्रातः 06:59
  • सूर्यास्त – सायं 17:24
  • विशेष – अष्टमी को नारियल का सेवन नहीं करना चाहिए, अष्टमी को नारियल का सेवन करने से बुध्दि का नाश होता है ।

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  • पर्व – त्यौहार- काल भैरव जयंती

“हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र (नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो “।

आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।

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( हस्त रेखा, कुंडली, ज्योतिष विशेषज्ञ 07714070168 )


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