बुधवार का पंचांग, Budhwar Ka Panchang, 20 सितम्बर 2023 का पंचांग,

बुधवार का पंचांग, Budhwar Ka Panchang, 20 सितम्बर 2023 का पंचांग,


बुधवार का पंचांग, Budhwar Ka Panchang, 20 सितम्बर 2023 का पंचांग,

Panchang, पंचाग, आज का पंचांग, aaj ka pancahng, Panchang 2023, हिन्दू पंचाग, Hindu Panchang,

पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :- 1:- तिथि (Tithi) 2:- वार (Day) 3:- नक्षत्र (Nakshatra) 4:- योग (Yog) 5:- करण (Karan)

पंचाग (panchang) का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचाग (panchang) का श्रवण करते थे ।
जानिए बुधवार का पंचांग, Budhvar Ka Panchang, आज का पंचांग, aaj ka panchang,


बुधवार का पंचांग (Budhwar Ka Panchang)


20 सितम्बर 2023 का पंचांग, ( Panchang ), 20 September 2023 ka Panchang,

गणेश गायत्री मंत्र :
ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात ।।

।। आज का दिन मंगलमय हो ।।

* दिन (वार) – बुधवार के दिन तेल का मर्दन करने से अर्थात तेल लगाने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है धन लाभ मिलता है।
बुधवार का दिन विघ्नहर्ता गणेश का दिन हैं। बुधवार के दिन गणेश जी के परिवार के सदस्यों का नाम लेने से जीवन में शुभता आती है।

जन्माष्टमी पर अवश्य जानिए भगवान श्री कृष्ण की नगरी, द्वारिका नगरी कहाँ थी, किसने बसाई, इसके शिल्पकार कौन थे, यह दिखती कैसी थी और यहाँ पर कौन कौन रहते है,

अवश्य जानिए हनुमान जी के कितने भाई है, उनकी पत्नी और पुत्र का नाम,


बुधवार के दिन गणेश जी को रोली का तिलक लगाकर, दूर्वा अर्पित करके लड्डुओं का भोग लगाकर उनकी की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

इस उपाय से शरीर रहेगा निरोगी, शक्ति रहेगी भरपूर, बुढ़ापा पास भी नहीं आएगा, जानिए रोगनाशक दिव्य आहार,

* बुधवार को सभी ग्रहो के राजकुमार बुध देव की आराधना करने से ज्ञान मिलता है, वाकपटुता में प्रवीणता आती है, धन लाभ होता है ।

बुधवार को गाय को हरा चारा खिलाने तथा रात को सोते समय फिटकरी से दाँत साफ करने से आर्थिक पक्ष मजबूत होता है ।

गणेश  उत्सव के दिन अवश्य जानें कैसे हुआ गणेश जी का अवतरण, कैसे गणेश जी का सर हाथी के सर में बदल गया,

अवश्य पढ़ें :- इतने सारे कारण है जिसके कारण अक्षय तृतीया सबसे पुण्यदायक दिन माना गया है, अवश्य जानिए क्यों मनाया जाता है अक्षय तृतीया का पर्व,

*विक्रम संवत् 2080,
*शक संवत – 1945
*कलि संवत 5124
*अयन – उत्तारायण
*ऋतु – वर्षा ऋतु
*मास – भाद्रपद माह
*पक्ष – शुक्ल पक्ष
*चंद्र बल –वृषभ, मिथुन, कन्या, वृश्चिक, मकर, कुम्भ,

बुधवार को बुध की होरा :-

प्रात: 6.08 AM से 7.09 AM तक

दोपहर 13.15 PM से 2.16 PM तक

रात्रि 20.18 PM से 9.17 PM तक

बुधवार को बुध की होरा में हाथ की सबसे छोटी उंगली और बुध पर्वत को हल्के हल्के रगड़ते हुए अधिक से अधिक बुध देव के मन्त्र का जाप करें ।

ज्योतिष, पढ़ाई, लिखाई, सीखने, वाकपटुता, अपना प्रभाव डालने और व्यापार में सफलता के लिए बुध की होरा अति उत्तम मानी जाती है ।

बुधवार के दिन बुध की होरा में बुध देव के मंत्रो का जाप करने से कुंडली में बुध ग्रह मजबूत होते है, पूरे दिन शुभ फलो की प्राप्ति होती है ।

गणेश चतुर्थी के दिन ऐसे करें गणपति जी की आराधना, कष्ट होंगे दूर, पूरी होगी सभी मनोकामना

बुध देव के मन्त्र

“ॐ बुं बुधाय नमः” अथवा

“ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:।।”

अक्षय तृतीया के दिन इस वस्तु का दान करने, सेवन करने से समस्त पापो का होता है नाश,

  • तिथि (Tithi) – पंचमी 14.16 PM तक तत्पश्चात षष्टी
  • तिथि के स्वामी – पंचमी तिथि के स्वामी नाग देवता जी है ।

पञ्चमी तिथि के स्वामी नाग देवता और षष्टी तिथि के स्वामी भगवान शंकर के पुत्र भगवान कार्तिकेय जी है।

पंचमी तिथि के स्वामी नाग देवता है। पंचमी तिथि को नाग देवता की पूजा करने से काल सर्प दोष दूर होता है, नाग के काटने का भय नहीं रहता है ।

पंचमी तिथि के समय भगवान शिव का पूजन शुभ माना गया है, मान्यता है कि भगवान शिव कैलाश में निवास करते हैं। पंचमी तिथि को शिवलिंग का जिस पर नाग बना हो दूध या पंचामृत से अभिषेक करने से नाग देवता प्रसन्न होते है।

पंचमी जब शनिवार के दिन होती है, तो वह मृत्युदा योग बनाती है। यह अशुभ योग माना गया है।

जब पंचमी तिथि गुरुवार के दिन होती है तो बहुत ही शुभ सिद्धिदा योग बनता है। शास्त्रों के अनुसार सिद्धिदा योग में किए गए कार्य श्रेष्ठ फल प्रदान करते है।

प्रत्येक पंचमी के दिन नागो के अति पवित्र और पुण्यदायक नामो 1. अनंत (शेषनाग ), 2. वासुकि, 3. तक्षक, 4. कर्कोटक, 5. पद्म, 6. महापद्म, 7. शंख, 8. कुलिक, 9. धृतराष्ट्र और 10. कालिया

का उच्चारण करने से काल सर्प दोष दूर होता है, कोई भी भय निकट नहीं रहता है, बल और साहस की प्राप्ति होती है ।

पंचमी को नागो के पौराणिक नाम “अनंत, वासुकि, तक्षक, कर्कोटल, पिंगल” का कम से कम 11 बार उच्चारण अवश्य ही करें।

पंचमी तिथि पूर्णा तिथियों की श्रेणी में आती है, इस तिथि में समस्त शुभ कार्य सिद्ध होते हैं, किन्तु पंचमी तिथि को कर्ज नहीं देना चाहिए।

पंचमी को बेल खाना निषेध है, मान्यता है कि पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है।

क्या आप जानते है कि गणेश जी का दाँत कैसे टूटा था, चारो युग में गणेश जी के कौन कौन से वाहन है, अवश्य जानिए गणपति जी के बारे में विशेष बातें

इस तरह से मनाएं जन्माष्टमी का पर्व जीवन में लग जायेगा सुखो का अम्बार 

सूर्य ग्रहण के दिन भूल कर भी ना करें ये काम वरना बनते कार्यो में रुकावटों, धन हानि, झूठे मुकदमो का करना पड़ सकता है सामना,

जन्माष्टमी के दिन अवश्य जानिए अपने प्रभु के परिवार के बारे में, भगवान श्री कृष्ण की पटरानियाँ और उनकी कितनी संताने थी 

नक्षत्र (Nakshatra) – विशाखा 14.29 PM तक तत्पश्चात अनुराधा

नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी-     विशाखा नक्षत्र के देवता इंद्राग्नी (इंद्र और अग्नि) और स्वामी बृहस्पति देव जी है ।

विशाखा नक्षत्र, नक्षत्र मंडल में उपस्थित 27 नक्षत्रों में 16वां है।

विशाखा नक्षत्र देवी राधा के साथ सम्बंधित है जो उनकी प्रसन्नता को दर्शाता है, भगवान श्री कृष्ण के प्रति उनके प्रेम को दर्शाता है।

विशाखा नक्षत्र वास्तव में पत्तियों से सजाया गया एक तोरण द्वार का प्रतीक है, जिसका मुख्य रूप से विवाह समारोहों में आवश्यकता है।

इस नक्षत्र का आराध्य वृक्ष : कटाई, नागकेशर तथा स्वाभाव अशुभ माना गया है। विशाखा नक्षत्र सितारे का लिंग महिला है।

इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक पर जीवन भर बृहस्पति देव जी का प्रभाव बना रहता है।

विशाखा नक्षत्र वाले जातको के लिए भाग्यशाली संख्या 3 और 9,  भाग्यशाली रंग, सुनहरा,  भाग्यशाली दिन  मंगलवार, शुक्रवार और गुरुवार माना जाता है ।

विशाखा नक्षत्र में जन्मे जातको को तथा जिस दिन यह नक्षत्र हो उस दिन सभी को “ॐ इंद्राग्नीभ्यां नमः” अथवा “ॐ विशाखाभ्यां नमः”। मन्त्र की एक माला का जाप अवश्य करना चाहिए ।

जानिए रक्षा बंधन कब है, रक्षा बंधन का शुभ मुहूर्त,

अवश्य पढ़ें :- चाहिए परिवार में सुख-समृद्धि, प्रेम और आरोग्य तो ऐसा होना चाहिए किचन का वास्तु, जानिए किचन के वास्तु टिप्स 

  • योग (Yog) – विष्वकंभ
  • योग के स्वामी, स्वभाव :- विष्कम्भ योग के स्वामी यम एवं स्वभाव हानिकारक है ।
  • प्रथम करण : – बालव 14.16 PM तक
  • करण के स्वामी, स्वभाव :- बालव करण के स्वामी ब्रह्म जी और स्वभाव सौम्य है ।
  • द्वितीय करण : – कौलव
  • करण के स्वामी, स्वभाव :-  कौलव करण के स्वामी मित्र और स्वभाव सौम्य है।
  • दिशाशूल (Dishashool)- बुधवार को उत्तर दिशा में दिशा शूल होता है ।

    इस दिन कार्यों में सफलता के लिए घर से सुखा / हरा धनिया या तिल खाकर जाएँ ।
  • राहुकाल (Rahukaal) : – बुधवार को राहुकाल दिन 12:00 से 1:30 तक ।
  • सूर्योदय – प्रातः 6.08 AM
  • सूर्यास्त – सायं 18.21 PM
  • विशेष – पंचमी को बेल खाना निषेध है, मान्यता है कि पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है ।
  • पर्व त्यौहार-

सबसे ज्यादा पढ़ी गयी :- ऐसा होगा घर के पूजा घर का वास्तु तो पूरी होंगी सभी मनोकमनाएं, जानिए पूजा घर के वास्तु टिप्स,

“हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र (नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो “।

आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।

मित्रो हम इस साईट के माध्यम से वर्ष 2010 से निरंतर आप लोगो के साथ जुड़े है। आप भारत या विश्व के किसी भी स्थान पर रहते है, अपने धर्म अपनी संस्कृति को प्रत्येक व्यक्ति तक पहुँचाने के लिए www.memorymuseum.net के साथ अवश्य जुड़ें, हमारा सहयोग करें ।
आप हमें अपनी इच्छा – सामर्थ्य के अनुसार कोई भी सहयोग राशि 6306516037 पर Google Pay कर सकते है ।
आप पर ईश्वर का सदैव आशीर्वाद बना रहे ।

अवश्य जानिए :- नैत्रत्यमुखी भवन के वास्तु के अचूक उपाय, 

20 सितम्बर 2023 का पंचांग, 20 September 2023 ka panchang, aaj ka panchang, aaj ka rahu kaal, aaj ka shubh panchang, Budhwar Ka Panchang, budhwar ka rahu kaal, budhwar ka shubh panchang, kal ka panchang, panchang, Wednesday ka panchang, आज का पंचांग, आज का राहुकाल, आज का शुभ पंचांग, कल का पंचांग, पंचांग, बुधवार का पंचांग, बुधवार का राहु काल, बुधवार का शुभ पंचांग, वेडनेस डे का पंचांग,

ज्योतिषाचार्य मुक्ति नारायण पाण्डेय 9425203501
( हस्त रेखा, कुंडली, ज्योतिष विशेषज्ञ 07714070168)


दोस्तों यह साईट बिलकुल निशुल्क है। यदि आपको इस साईट से कुछ भी लाभ प्राप्त हुआ हो, आपको इस साईट के कंटेंट पसंद आते हो तो मदद स्वरुप आप इस साईट को प्रति दिन ना केवल खुद ज्यादा से ज्यादा विजिट करे वरन अपने सम्पर्कियों को भी इस साईट के बारे में अवश्य बताएं …..धन्यवाद ।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Comment form message

Aacharya Mukti Narayan Pandey Adhyatma Jyotish paramarsh Kendra Raipur

सोमवार का पंचांग, Somwar Ka Panchang, 30 सितम्बर 2024 का पंचांग,

सोमवार का पंचांग, Somwar Ka Panchang, 30 सितम्बर 2024 का पंचांग, रविवार का पंचांग मंगलवार का पंचांग सोमवार का पंचांग, Somwar Ka Panchang, 30...